उमा झा Tag: कविता 73 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid उमा झा 18 May 2024 · 1 min read उठो भवानी उठो भवानी शंखनाद कर, चंडमुंड फिर आया है। रणभूमि में असंख्य रक्तबीज ने, फिर जग में उपलाया है। तुझे है समझा अबला नारी, कोमल तन मन की एक बेचारी। शिशुपालन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 18 Share उमा झा 18 May 2024 · 1 min read मनुज न होता तो ऐसा होता मनुज न होता तो ऐसा होता, न उड़ान मेरे सपनों में होता, पर्वत- निर्झर- सागर- तरुवर, उड़ता- फिरता इधर- उधर फुर्र, प्रात कलरव की देता सौगात, ले मलय पर्वत से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 14 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read खा ले तितली एक निवाला खा ले तितली एक निवाला खा ले तितली एक निवाला, आ जाएगा भालू काला- काला, चले रोप लें लम्बा पेड़, होगा उस पर टाॅफी- बिस्किट ढेर, होंगे इनके रेपर चमचम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 29 Share उमा झा 3 May 2024 · 1 min read जागो जनता भारत भू में राष्ट्रधर्म का उत्सव है आया, जिसमें सम्पूर्ण राष्ट्र का हित है समाया। सब मिल अपना कर्तव्य निभाऐं, मतदान हेतु हर एक जनता जाऐं। सुविधा पाना हमारा है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 25 Share उमा झा 1 May 2024 · 1 min read बधाई हो हमारे जैसे कवियों का होता जब उपहास, तू ही साहित्य पीडिया दिया स्नेहरस खास। घर वालों के लिए कविता बकवास ही रहते, पढना देखना तो दूर सुनने से भी डरते।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 26 Share उमा झा 21 Apr 2024 · 1 min read शिशु – – – शिशु – – – हे जग के पालनहार जन्म देकर तू क्या किया, स्नेह सुधा गंग धार, बिन बताए मुझसे छीन लिया, मिलना था, माँ का आंचर नंगी धरती पर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 24 Share उमा झा 12 May 2022 · 1 min read पिता पूज्यनीय पिता को श्रद्धांजलि है अर्पित, जिसने किया संतान के लिए सर्वस्व समर्पित। पर कहाँ होते हर संतान भाग्यशाली, जिन्हें मिलती स्नेह पिता की भर भर थाली। है यदि माँ,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 16 422 Share उमा झा 13 Apr 2022 · 1 min read आवेदन पत्र सेवा में, श्रीमन्त: महोदया: समस्त साहित्य ज्ञानोदया: विषय- प्रतिक्रिया कर पाने की है गुहार, विनय है हे साहित्य पीडिया परिवार, मान्यवरा:, सविनय निवेदन है हमारी, दूर करें विघ्न बाधा सारी।... Hindi · कविता 5 2 205 Share उमा झा 28 Mar 2022 · 1 min read कब सुनोगी माँ काली कब तक दुर्भाग्य का रहेगा धाक, उड़ता है नित नूतन मजाक। कह क्या न तुझसे आश करूँ, नीरस पथ पर यूँ हीं दिन रात चलूँ। किस शिखर पर जा बैठी... Hindi · कविता 4 6 232 Share उमा झा 11 Mar 2022 · 1 min read मंत्र जपू मंत्र जपू, मंत्र जपू, मंत्र जपू माय के, मंत्रक प्रभाव सों, एति माँ काली, रोग-शोक छुटि जैत, दुनिया जंजाल के , मंत्र जपू, मंत्र जपू, मंत्र जपू माय के ।... Maithili · कविता 3 1 280 Share उमा झा 19 Feb 2022 · 1 min read हे जननी पावक दिय नै बांधि (भगवती गीत) हे जननी पावक दिय नै बांधि गंगा सन, निर्मल धार, से हो नै बुझाएत आगि, जननी से हो नै बुझाएत आगि, हे जननी पावक दिय नै बांधि।१ हम नर पापी,... Maithili · कविता 3 2 449 Share उमा झा 13 Feb 2022 · 2 min read सुन री तितली *तु मन की अति प्यारी, चंचल हृदय आंखों वाली, चल आज कर हंसी-ठिठोली, सुन री तितली। देख जग में आया नया बसंत, लेकर सृष्टि की खुशियाँ अनंत । छुलूॅं जब... Hindi · कविता 3 2 181 Share उमा झा 2 Feb 2022 · 1 min read माँ के मंदिर माँ के मंदिर भीड़ लगल छै, आरती लै माँ तैयार छै । कियो माँ के चरण पखारै, कियो करै श्रृंगार छै माँ के मंदिर भीड़ लगल छै आरती लै माँ... Maithili · कविता 4 2 440 Share उमा झा 28 May 2021 · 1 min read होती जब घमासान वर्षा की कहर दुबक दुबक कर बैठे सब अपने घर, होती जब घमासान वर्षा की कहर । समय समय पर बिजली कड़की, शांत चित वाली धरती भी धड़की, बादल गर्जना कर देता झिड़की,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 16 510 Share उमा झा 9 Nov 2020 · 1 min read क्रांति की ज्वाला रे अभागे! शेर को कबतक पिंजरबंध रख पाओगे, महाकाल के गाल स्व संग प्रियजन के प्राण गवाओगे, है, था, रहेगा निःशंक गगन में वह उड़ने वाला, है वीर धरा का... Hindi · कविता 8 9 648 Share उमा झा 17 Oct 2020 · 1 min read ऊँचे शिखर की काली माता ऊँचे शिखर की काली माता, दश दिन के लिए बन गई दुर्गा । दुर्गा माँ का नव-नव रूप, नोवों रुप अनोखा, कभी बनी माँ, शैल कुमारी, कभी बन गई सबकी... Hindi · कविता 9 7 435 Share उमा झा 12 Oct 2020 · 1 min read ढूँढे कहाँ जा अपनी पहचान हम ने सुना है इस दुनिया में, है मात-पिता का ऊँचा स्थान । पुत्र-पुत्री नेत्र हैं इनके,काटूँ किसको, दोनों ही इनके संतान । जब अपना सगा दिखे न कोई, आँचल... Hindi · कविता 9 12 329 Share उमा झा 27 Sep 2020 · 1 min read आकांक्षा सुन संस्कृति तुही है मेरी साक्षी, है तेरी माँ महत्वाकांक्षी । तु ही पूर्ण करेगी वह उद्देश्य, था जीवन का जो अवशेष । तुझे शिखर पर देखने की जिज्ञासा, करो... Hindi · कविता 12 6 548 Share उमा झा 14 Sep 2020 · 1 min read आवाह्न स्व की! !!! हिन्दी दिवस का मचा है शोर, पढते- पढते हो गया संध्या से भोर, सच बता हे मनुज! क्या छलका नैना से नोर, क्या हुआ कभी, हृदय में कंपन होड़, तो... Hindi · कविता 14 18 459 Share उमा झा 13 Sep 2020 · 2 min read गुड्डी की व्यथा हम थे सखी अदृश्य पवन के, हम गुड्डी थे निर्बंध गगन के। कौन अबोध बालक ने हमको, गगन समीर दिखाया । उसके दुर्बल कर से कट कर, मेरा तन उस... Hindi · कविता 12 14 303 Share उमा झा 8 Sep 2020 · 1 min read सुन मानव !! हे मानव नीरस पथ पर क्यों भटक रहा, तेरी जीवनधारा कंकड़ पत्थर से क्यों अटक रहा, तू जिस जीवन को अपना माना है, बता तू उस पथ को कितना जाना... Hindi · कविता 14 18 418 Share उमा झा 5 Sep 2020 · 1 min read गुरु वंदन वंदन करूँ गुरु श्रेष्ठ, प्रकृति हे तुम्हारी । तू आकर से सहित हो, आकर से रहित हो, हर रूप में उदित हो, हर कांति में निहित हो, बन कर विशाल... Hindi · कविता 19 14 515 Share उमा झा 29 Aug 2020 · 1 min read उपहार सुनो! शिष्य करते सम्मान यदि, मत दे वह उपहार कभी, जो उपज हुआ मन का मैला, गुरु शिष्य एक ही, दक्ष धरा के, एक पथ, एक दिशा के, एक लक्ष्य,... Hindi · कविता 14 6 486 Share उमा झा 21 Aug 2020 · 1 min read जन्मदिन की मंगलकामना आज मेरी सुपुत्री का जन्म दिन है , इसलिए हृदय से उद्गमित एक छोटी-सी प्रस्तुति ÷- तेरा जीवन हो सफल, यशगान करे सम्पूर्ण अचल, तू स्वस्थ्य रहे, दीर्घायु रहे, काया... Hindi · कविता 16 13 427 Share उमा झा 13 Aug 2020 · 1 min read जन्म दिन की बधाई आज बड़ी ही शुभ दिन आई, वरष एक दिन के बाद तेरी जन्म दिन आई। मिले तुझे सबसे खुब बधाई, हमसब को मिले भरपेट मीठाई। "विप्रम् मधुरं रोच्यते"'कहा संत बुझाई,... Hindi · कविता 13 14 502 Share उमा झा 10 Aug 2020 · 1 min read दूर करो माँ सघन अंधेरा दूर करो माँ सघन अंधेरा, जाने आया किस काल द्वार से, महाप्रलय, अट्टहास- अहंकार से, विध्वंस नृत्य किया घनघोर, क्रंदन, विलाप करता नित फेरा, दूर करो माँ सघन अंधेरा ।... Hindi · कविता 16 12 283 Share उमा झा 2 Aug 2020 · 1 min read टिप्पणी टिप्पणी करना गए हम भूल , दिखा जब भावों का शूल । हमने तो परिहास किया, सम्मुख जन को व्यंग्य शब्द कुछ खास लगा । चले फिर शब्दों के सहस्र... Hindi · कविता 12 18 317 Share उमा झा 26 Jul 2020 · 1 min read शिशु और चंद्रमा एक नन्हा शिशु सोया था, माँ के आँचल में खोया था । स्व चेतना में भरकर उमंग, खेल रहा था नव उदित चंद्रमा के संग । अनायास पड़ोसन द्वार लगाई,... Hindi · कविता 15 16 357 Share उमा झा 22 Jul 2020 · 2 min read जातक कथा शिव की थी मैं अति प्यारी, नाम हमारा उमा कुमारी । सुनाऊँ मैं अपनी जातक कथा, मत कहना है मनगढा । धरती की एक तपस्विनी नारी, शिव से बेटी याचना... Hindi · कविता 15 16 570 Share उमा झा 6 Jul 2020 · 1 min read सत्युक्ति जहाँ ज्ञान वहाँ गुरू है, जहाँ धुंध वहाँ आग, जहाँ जीवन वहाँ नीर है, जहाँ जीव वहाँ मात, भले दिखाई पड़े नहीं, किन्तु सत्य सौगात - - - -क्रमशः *उमा... Hindi · कविता 18 10 468 Share उमा झा 28 Jun 2020 · 1 min read शौर्य उद्घोष चेत धरा के रिपु समस्त! यह हिन्दुस्तान नहीं, जम्बूद्वीप का अभियान है । हम सत्य अहिंसा के परिचायक, शान्ति धरम के हम हैं नायक, एक और सुन, शौर्य पराक्रम भी... Hindi · कविता 16 12 589 Share उमा झा 23 Jun 2020 · 2 min read फूल सी बच्ची थी वह एक फूल सी बच्ची, मृदुल कोमल भाव की सच्ची । पिता से पाया था बस देह, मिला नहीं कभी मन का नेह । बेटी बनना उसके लिए था... Hindi · कविता 16 12 536 Share उमा झा 18 Jun 2020 · 1 min read पराक्रम वह भुजबल ही क्या, भुजबल है, बंदी पर कहर प्रहार करे। वह साहस ही क्या साहस है मूर्छित का गर्दन काट चले । भुजबल की चाह अगर है तो, बंदी... Hindi · कविता 17 19 511 Share उमा झा 11 Jun 2020 · 3 min read स्वर संधि व्याख्यान दो स्वर वर्णों की होती जब युगलबंदी, तब ही दिखती स्वर संधि । नवम, नागेन्द्र, बसुधैव, हिमालय, हैं कितने किसलय स्वर संधि के आलय । स्वर संधि के पांच भेद,... Hindi · कविता 17 13 986 Share उमा झा 4 Jun 2020 · 1 min read कविता होगा कब मेरे जीवन का भोर, कब फैलेगी सुख-शांति युक्त इंजोर। थी जो अपनी छाया,प्रतिक्षण रहती साथ, चली वह भी ,देख अंधियारी में छोड़ । उपकार किया था, जिस विषधर... Hindi · कविता 16 6 373 Share उमा झा 30 May 2020 · 1 min read जाग जाग हे-- - - जाग जाग हे परशुराम, छोड़ो अब चिर ध्यान । बिन तेरे त्रासद है जनता, पिंजर बंध पड़ा निर्बोध विहंगा, तरप रहा जल रहित भांति मीन, क्रंदन, विवश, निरार्थ निर्स्वामी दीन,... Hindi · कविता 13 4 291 Share उमा झा 29 May 2020 · 1 min read तू ज्वाला की तिल्ली हो तू ज्वाला की तिल्ली हो, चाहो तो जीवन भस्म करो , या जन- जन में ज्योति का संचार करो, विपदा आए राह अगर, ग्रास करो बन कर मगर, तू विपत... Hindi · कविता 12 4 324 Share उमा झा 19 May 2020 · 1 min read कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा, हे मनुज तु सोच जरा, जो नर भाग्यशाली होते हैं, सुख शांति का सोमरस पीते हैं, जग के सदा करणीय वो ही होते, उनका कथन... Hindi · कविता 13 4 429 Share उमा झा 18 May 2020 · 1 min read चिड़िया रानी दूर गगन की चिड़िया रानी, आकर पीलो थोड़ा पानी । दाना चुगते लगेगी प्यास, कहाँ भटकेगी दूर आकाश, बिन पानी क्या जीवन का आस, तन मन तेरा होगा हताश, है... Hindi · कविता 14 8 419 Share उमा झा 17 May 2020 · 1 min read मेरी लेखनी कहती मुझसे मेरी लेखनी कहती है मुझसे, शब्द लिखो फिर सूझबूझ से , लिखे शब्द में होती इतनी क्रांति, छिन्न-भिन्न हो जाती दिशा भ्रांति , माना कि तु धनवान नहीं, है पद... Hindi · कविता 10 3 294 Share उमा झा 17 May 2020 · 1 min read पराधीन सत्य कहा है तुलसीदास, पराधीन होने से उत्तम है वनवास । अधीनस्थ रहने वाले ही होते दोषी, स्नेह, सहानुभूति कहाँ कहलाते परपोषी। होता सदा उनका जीवन धरती का भार, ढोता... Hindi · कविता 10 2 330 Share उमा झा 16 May 2020 · 1 min read जब लिखती हूँ मैं कविता जब लिखती हूँ मैं कविता, पग नूपुर नहीं, कंठहार नहीं गहनों से होती श्रृंगार नहीं, होती है शब्दों की रुनझुनता , जब लिखती हूँ मैं कविता । बसंत की स्नेहिक... Hindi · कविता 16 8 267 Share उमा झा 13 May 2020 · 1 min read तुम्हारा ही पुकार है अखण्ड दीप ज्योत्सना, प्रकाश दिव्यमान है, धरा में अंधकार है, तुम्हारा ही पुकार है तुम्हारा ही पुकार है ,तुम्हारा ही पुकार है । उठो हे देवी सिन्धसुता, उठो हे देवी... Hindi · कविता 14 8 305 Share उमा झा 12 May 2020 · 1 min read 30वाॅ राज्य सब मोदी की ही करते जय जयकार, किन्तु मैं दूं धन्यवाद विपक्षी तुम्हार । तुम सब मिलकर ही कीचड़ बनाया, देश के सोए जनता को झकझोर जगाया । उसके निर्मित... Hindi · कविता 11 3 414 Share उमा झा 12 May 2020 · 1 min read मजदूर की करुणा हे ईश्वर तेरी माया के आगे, विवश पड़े मजदूर अभागे। थे रहते जब अपने गाँव, गुंडा गर्दी के मुख चढते दाँव। गाँव गाँव धनवानों की रहती गुंडा गर्दी, मरने वालों... Hindi · कविता 15 8 286 Share उमा झा 11 May 2020 · 1 min read माँ बनना है कितना सुन्दर एहसास माँ बनना है कितना सुन्दर एहसास, जब तक न मिलता नारी को संतान सुख, घर-परिवार सर्व समाज रहते विमुख। जाने किन किन बातों से करते तीक्ष्ण उपहास , उन नारी... Hindi · कविता 14 4 536 Share उमा झा 10 May 2020 · 1 min read मैं विपदा - - - मैं विपदा की हूँ तरंग, जिस ओर चलूँ, जिस ओर मुरूँ, कायर की न भांति चलूँ, तनिक टूटते मेरे तन, कर देती मैं अंग भंग, राहों की हूँ पथिक मतंग,... Hindi · कविता 11 2 579 Share उमा झा 10 May 2020 · 1 min read हे जन्मदात्री करूँ क्या तुझको अर्पण हे जन्मदात्री करूँ क्या तुझको अर्पण, तु पीपल की छाया हो माँ , तु आदिशक्ति की काया हो माँ, प्रकृति की हो हर दशा मनोरम, परब्रह्म धरा की कांति हो... Hindi · कविता 15 4 271 Share उमा झा 9 May 2020 · 1 min read बुद्धि विवेक में कितना अंतर बुद्धि विवेक दो शब्द हैं सुन्दर, है पर दोनों में कितना अंतर । बुद्धि सदा स्व हित का जपता मंतर, विवेक होता परहित का बड़ा समंदर । स्वार्थपूर्ति बुद्धि का... Hindi · कविता 12 6 1k Share उमा झा 9 May 2020 · 1 min read वसुधैव कुटुम्बकम् करना है जो कर लो मानव, पर मत भूलो अपना उद्यम । इस जग के हैं बस हम पंछी, जाने कब किधर उड़ चलेंगे हम। क्यो सोच रहे हो यह... Hindi · कविता 9 6 244 Share Page 1 Next