Tag: ग़ज़ल/गीतिका
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श्वेत बस इल्बास रखिये और चलिए।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ज़िन्दगी से आस रखिये और चलिये।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
माई थपकत सुतावत रहे राति भर।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
गरम आजु लोहा बा हालात के।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
चलत खेल इहवाँ ह सह मात के।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#- #जैसा_अपना_आना_प्यारे, #वैसा_अपना_जाना_रे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मन कहेला नेह बन के हाथ उनकर थाम ली।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
राम से बा बैर अब रावण के होता वंदगी।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
धर्म से अलगा भइल हियरा भरल बा गंदगी।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
माथ टिकुला सुबह के छटा हो गइल।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
राह अगले चल रहल हर आदमी हम का करीं। (ग़ज़ल)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
लोभ लालच में फँसल बा आजु देखीं आदमी।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मर्ज है मर्ज की बस दवा दे मुझे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
राम से बा बैर अब रावण के होता वंदगी।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बनल देहिया बा माटी के, निरेखला से जी का होई।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
घनी सुखवीर ई किस्मत बा जरूरी।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जियरवा में भरल नेहिया, कहऽ कइसे दिखाई हम।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मिलल गर नैन चाहत बा जरूरी
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्यार मे़ दौलत के का दरकार बा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
होते बेटी कहेला बला आ गइल!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अजी_देखना_दिल_लगाने_से_पहले
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बिखर_गया_मै_टूट_कर_मगर_कभी_झुका_नही
संजीव शुक्ल 'सचिन'
नेह लागल उहे बेवफ़ा हो गइल (भोजपुरी)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ज़िन्दगी के साथ है ग़म क्या करें....!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
वेदना ही वेदना उपहार बा (भोजपुरी ग़ज़ल)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मिलल गर नैन चाहत बा जरूरी (भोजपुरी ग़ज़ल)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आज अपने से आपन ख़फा हो गइल...!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
नेह से उर भरल अलहदा हो गइल...!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
भोजपुरी ग़ज़ल
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अगर निगाहें न मिल सकेंगी, तो दिल की बातें कहोगे कैसे
संजीव शुक्ल 'सचिन'
! माँँ कहानी सुनाती रही रात भर !
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कभी मीठा कभी खट्टा कभी नमकीन सी राहें।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अभी बंद है सब रहो यार घर में
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्यार की अपनी कहानी हम सुनाने आ गये।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ग़म बढ़े थे उन्हें गम दिखाने के बाद
संजीव शुक्ल 'सचिन'
देशभक्ति ग़ज़ल
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बेहतर ग़ज़ल
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ग़ज़ल
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ग़ज़ल
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ग़ज़ल
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ग़ज़ल
संजीव शुक्ल 'सचिन'
देशभक्ति ग़ज़ल
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ग़ज़ल
संजीव शुक्ल 'सचिन'
चोट दिल पे लगी मुस्कुराते रहे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
गाँव में गाँव मै ढूंढता रह गया!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दगा दे गये बेसहारा किया है
संजीव शुक्ल 'सचिन'
महापर्व
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दिखावटी मदद
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बिन बुलाये ही.....आ जाया करो!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मैं चला था अकेला
संजीव शुक्ल 'सचिन'