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2 May 2021 · 1 min read

मिलल गर नैन चाहत बा जरूरी (भोजपुरी ग़ज़ल)

मिलल गर नैन चाहत बा जरूरी!!
__________________________________
जहां में जी मुहब्बत बा जरूरी।
मिलल गर नैन चाहत बा जरूरी।

अदा दिखला रिझाई रोज दिल के,
मुहब्बत मे शरारत बा जरूरी।

बड़ा मुद्दत भइल हियरा लगवले,
मिले दिलदार किस्मत बा जरूरी।

मुहब्बत के बचा लीं वायरस से,
चलीं जागीं हिफाज़त बा जरूरी।

तकाजा हो गइल उनका खुशी के,
मुहब्बत में शहादत बा जरूरी।

अमानत में खयानत ठीक नइखे,
करीं गलती नदामत भी जरूरी।

सचिन बस ख्वाब देखल ठीक नइखे,
व़फा जइसन इबादत बा जरूरी।

✍️ पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसमरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण, बिहार

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