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21 Apr 2021 · 1 min read

भोजपुरी ग़ज़ल

काल आइल अकड़ सब हवा हो गइल!
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काल आइल अकड़ सब हवा हो गइल।
एक दूजे से दूरी दवा हो गइल।

जे विधाता बने के जुगत में रहे,
आज पहिले पहर अलविदा हो गइल।

काल शत्रु बनल बा महाकाल सम।
आज ईश्वर बनल सब दफा हो गइल।

लोर गिरला से अबही बा का फायदा,
जब ख़ुदा ही ख़ुदी से खफ़ा हो गइल।

आज आसूं बहे भा कलेजा फटे,
देखि विधना सचिन अब कजा हो गइल।

पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’

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