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16 Dec 2023 · 1 min read

दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए

दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
जो खजाने थे सारे वो पीछे छोड़ आए
अब तो कागज की नाव कहीं दिखती नहीं
वो बारिश में भीगना भी पीछे छोड़ आए

इन्जी. संजय श्रीवास्तव
16.12.2023

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