पंकज कुमार कर्ण 251 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज कुमार कर्ण 4 Jun 2021 · 1 min read कुछ तो है कुछ तो है, जो सेवक को लेखक बना दिया। एक गूंगे को गायक बना दिया।। कुछ तो है , जो बुद्धू को बुद्धिमान बना दिया। शक्तिहीन को शक्तिमान बना दिया।।... Hindi · कविता 16 9 943 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Jun 2021 · 1 min read पावस की बूंदें ************** पावस की बूंदें ************** घटा जब छाये घनघोर, टर्र-टर्र और क्रेऊं क्रेऊँ, करते मेढक और मोर। ये रिमझिम- रिमझिम , ज्योहिं होती ऐसी वर्षा, भींगने को हर प्राणी का, सदा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 17 1k Share पंकज कुमार कर्ण 12 Jun 2021 · 1 min read "महाभारत" (एक राजनीति).... "कौरव" कर रहा सेना तैयार, युधिष्ठिर को हराने को। दुर्योधन गया है, देखो; कर्ण को मनाने को।। कर्ण भी वचनबद्ध है, अपने दोस्ती निभाने को। दुःशासन भी है,साथ सदा; कुछ... Hindi · कविता 14 8 1k Share पंकज कुमार कर्ण 24 Jun 2021 · 2 min read "मैं क्षमता हूॅं" "मैं क्षमता हूॅं" ??? मैं हूॅं, अपने देश, नही कोई मुझमें द्वेष, मैं एक सेवक हूॅं, मैं ही खेवक हूॅं। "मैं क्षमता हूॅं"। मुझमें ना लोभ है, ना है, कोई... Hindi · कविता 12 9 1k Share पंकज कुमार कर्ण 2 Jul 2021 · 7 min read "लड़की हुई है" "लड़की हुई है" ^^^^^^^^^^^^^ """"""""""”""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" मेरे एक घनिष्ट मित्र रवि जो एक निजी कंपनी में काम करता था। रवि की आय ज्यादा नही थी, किसी प्रकार अपने परिवार का भरण-पोषण... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 15 2k Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read "क्षमता वाला परिणाम" "क्षमता वाला परिणाम” ********************* "बेचारे उसका क्या होगा" जो छुपे रुस्तम होते थे, हर परीक्षा परिणामों में, सभी बोर्ड के नतीजों में अचानक जो टॉपर बनते, जो दिखते नहीं थे... Hindi · कविता 11 2 948 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Nov 2021 · 1 min read 'बेटी की विदाई' 'बेटी की विदाई' ~~~~~~~~ अजीब क्षण,इस विदाई का; गम है, 'खुशी' के जुदाई का; खुशियां टपकती, आंसू बन; हल्का होता , अब भारी मन; हर आंखों में ही , अश्रु... Hindi · कविता 11 9 777 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Jun 2022 · 1 min read 'बाबूजी' एक पिता 'बाबूजी' एक पिता ~~~~~~~~~~ ज्ञान न मिला,जितना 'गीता' व 'गुरु' से; 'बाबूजी' से ’'ज्ञान' पाया हमने,शुरू से। उंगली पकड़ , चलना सीखा जीवन में; सौहार्द से रहना सीखा , घर-आंगन... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 11 10 703 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Jun 2021 · 1 min read "फिर से चिपको" फिर से "चिपको" ************** धरती की अब यही पुकार, पेड़ पौधे सहित पर्यावरण का मिले प्यार। नही तो ये धरा बिखर जायेगी, फिर सब पर अपना कहर बरपाएगी।। इस धरा... Hindi · कविता 10 6 1k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "कविता" बरसाती..... "कविता"बरसाती*** @@@@@@@@ ये 2021 की नई बरसात है, वर्षा ऋतु की ये सौगात है। हो रही कविताओं की बारिश, इसमें कई कवियों का हाथ है। ये बरसात ऐसे हो रही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 9 1k Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jun 2021 · 2 min read "अष्टांग योग" "अष्टांग योग" योगी बनिये अपने जीवन में सदा, योग ही है, आधार अब जीवन का, जहां योग है , नही वहां कोई रोग है, ये भारत से ही निकला, एक... Hindi · कविता 10 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 5 Jul 2021 · 1 min read "शुतुरमुर्ग" "शुतुरमुर्ग" ??? बहुत ज्यादा शातिर होता, ये उड़ानरहित प्राणी, होती इसकी तीक्ष्ण दृष्टि, श्रवण शक्ति और घ्राणी। शायद देख-सुन और, सूंघ कर ही जान जाता, अब यहां आयेगा कोई, शक्तिहीन... Hindi · कविता 10 4 631 Share पंकज कुमार कर्ण 4 Jun 2021 · 1 min read संस्कारी पत्नी संस्कारी पत्नी ========= संस्कारी पत्नी अब कहीं नहीं दिखते हैं , बस कविता में ही कोई कोई ऐसी लालसा लिखतें है। ये पत्नी तो अब लुप्त प्राणी है, ये सोचना... Hindi · कविता 9 9 1k Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2021 · 1 min read "बरसाती बारात".... मुश्किल यहां, टिकने की बात है। यहां तो , कवियों की बारात है। अरे , नाच रहे है सब यहां , ऐसे ; जैसे, बैसाख में हुई बरसात है। स्वरचित... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 9 2 621 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" (एक विधा)... "मुक्तक" ******* मुक्तक भी बड़ी अजीब विधा है। हर कोई इसी काव्य पे फ़िदा है । कोई कुछ भी लिखता हो, मगर; इसे लिखने की अलग ही अदा है। स्वरचित... Hindi · मुक्तक 9 329 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jun 2021 · 1 min read "चिड़ियाॅं रानी".. "चिड़ियॉं रानी"... ************* चिड़ियॉं-रानी, चिड़ियॉं-रानी; तुम हो सच में, बड़ी सयानी। उड़ जाती, पल में आकाश; ज्यों ही निकले, पूरब में प्रकाश। पहुंच जाती, तुरंत मंजिल को: दाना चुनती, हर... Hindi · कविता · बाल कविता 9 3 617 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jun 2021 · 1 min read "जन्मदिन"(मुक्तक)*** "जन्मदिन" (मुक्तक) ?️?️?️?️?️?️ हरेक साल सबका जन्मदिन आता। जन्मे जन में , ढेरों खुशियां लाता। जब घट जाता, उम्र में से एक साल; क्यों आखिर कोई जन्मदिन मनाता। स्वरचित सह... Hindi · मुक्तक 9 619 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jun 2021 · 1 min read "काव्य-संदेश" "काव्य-संदेश" ✍️✍️✍️✍️ काव्य को अगर रस ने भिंगाई , तो कई भाव हैं, इसके स्थायी; समझना चाहिए सब कवि को, जिसने कोई भी कविता बनाई। जब भाव ही नहीं रहेगा,... Hindi · कविता 9 5 884 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jul 2021 · 1 min read "आबादी" "आबादी" ??? (विश्व जनसंख्यां दिवस पर विशेष) ?????????? पूरी आबादी को, मेरा प्रणाम; बढ़ती रहे जो सदा ,'जनसंख्या', ऐसे ही चढ़ती जाए, तब दाम; कारनामा हो किसी और का, पर... Hindi · कविता 9 5 731 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jul 2021 · 1 min read "घर" "घर" ***** 'घर' सबको, प्यारा होता! ये सबका ही सहारा होता, 'घर'में ढूंढता, सब चैन है; घर में रुकता, सब रैन है। घर ही तो , आवास होता; यहीं, सबका... Hindi · कविता 9 4 476 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" (हिन्दी दिवस पर विशेष) "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° नीचे धरती, ऊपर अम्बर; देखो, फिर आया 14 सितम्बर। बंगाली बोले, तमिल बोले, मराठी बोले, गुजराती बोले, और बोले आज सिन्धी; हैप्पी... Hindi · कविता 9 7 948 Share पंकज कुमार कर्ण 7 Oct 2021 · 1 min read 🙏माता शैलपुत्री🙏 माता शैलपुत्री *****🙏***** मां नवदुर्गे की,तू ही है पहली रूप; करे तेरी आराधना,रंक हो या भूप। तू है, सारे जग की माता महारानी; बने तू सदा, भोले शंकर की रानी।... Hindi · कविता 9 10 1k Share पंकज कुमार कर्ण 7 Jun 2021 · 1 min read "मोबाइल बना खिलौना" "मोबाइल बना खिलौना" ******************* देखो, मोबाइल बना खिलौना, इसके असर से बच्चे हो रहे काना। जिसको देखो, बैठा है पकड़ एक कोना, दृश्य देखकर लगता कितना घिनौना।। बेटा देखे, बेटी... Hindi · कविता 8 2 714 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jun 2021 · 1 min read "दहेजी प्यार"(सामाजिक व्यंगात्मक कविता) .... "दहेजी प्यार" *********** शादी में वहीं होता है, "प्यार"; जहां धन बिन, बसे संसार। क्या? दहेज़ी शादी में भी होता है प्यार; हां , होता है अगर,; तो क्या, वो... Hindi · कविता 8 2 831 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jun 2021 · 1 min read "वर्षा-ऋतु".. "वर्षा- ऋतु ********** वर्षा- ऋतु जब आती है, ढेर सारा खुशियां लाती है। हम स्कूल नही जाते है।, बारिश में खूब नहाते हैं। फलों के राजा आम को, ऋतु संग... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बाल कविता 8 9 776 Share पंकज कुमार कर्ण 20 Jun 2021 · 2 min read "पिता" (एक सच्चाई)***** "पिता" (एक सच्चाई)*** @@@@@@@@@ पिता हर-घर की शान-बान है, हर बच्चे की वही पहचान है। हर पिता भी तो, एक पुत्र है; वो परिवार का जीवन-सूत्र है। मां होती अगर... Hindi · कविता 8 5 1k Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jun 2021 · 1 min read "गरीबी"@मुक्तक*** "गरीबी" @मुक्तक ????? गरीबी , एक बड़ा अभिशाप है। अमीर से मिला एक संताप है। दीन पर रखिए, सदा दया-भाव; गरीब की तौहीन, एक पाप है। ........✍️पंकज "कर्ण" ..............कटिहार।। Hindi · मुक्तक 8 4 530 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jun 2021 · 1 min read हाइकु~"सीखना" हाइकु~"सीखना" ????? पढ़ा कीजिए कुछ ऐसी रचना जो सिखाता हो। ××××××××××× सीख लेकर भला करे सबका सही मन से। ××××××××××× समझदारी सीखने से आती है ये ही सच है। ××××××××××××... Hindi · हाइकु 8 2 422 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jun 2021 · 1 min read "गजराज" "गजराज" ??? देखो ये गजराज कितना बड़ा है, चार पांव पे ये आज कैसे खड़ा है। इसका तुम, जरा गुरूर देखो; पूछ से लंबी इसकी सूढ़ देखो। देखो जरा, इसकी... Hindi · कविता · बाल कविता 8 2 590 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jun 2021 · 1 min read *सेवानिवृत्ति* "सेवानिवृत्ति" गुलामी की जंजीरों से हुए आजाद, आज; छुपाएं होंगे आप, दिल में कितने ही राज। अब कल से हर पल है, आपका ही अपना, अब पूरे होंगे, आपके जीवन... Hindi · कविता 8 2 937 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Jul 2021 · 1 min read संस्कृतम् संस्कृतम् ********* संस्कार की जननी "संस्कृत", भाषाओं में पावनी "संस्कृत"। भाषा यह, भावों से अलंकृत; युगों-युगों से है, ये पुरस्कृत। संस्कृत है, हर भाषा का आधार; इसकी वाणी से गूंजे,... Hindi · कविता 8 10 1k Share पंकज कुमार कर्ण 16 Jul 2021 · 1 min read "शिक्षक" "शिक्षक" ******** हम शिक्षक हैं , बच्चों के हम ही , असली रक्षक हैं। हममें होता ज्ञान, लेकिन नहीं होता, कोई अभिमान। बच्चें आशा रखते, ज्ञान पाने की हमसे, प्रत्याशा... Hindi · कविता 8 2 678 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Jul 2021 · 1 min read "बगुला-भगत" "बगुला-भगत" *********** चतुराई होती, चरम पार; इतने तेज इसके ,नयन; जैसे बगुला हो, इसकी बहन। बड़ों-बड़ों से होती, इसकी संगत, निपुणता से करे ये , सबकी आव-भगत। तब तो नाम... Hindi · कविता 8 1k Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jul 2021 · 1 min read आधी रात को...... आधी रात को.... ⭐⭐⭐⭐ इन नासमझों में, एक समझदार दिखते बस, आप तो... जैसे, अंधेरी रातों में भी; चांद चमके , आधी रात को; हम अगर कुछ कह भी दें,... Hindi · गीत 8 2 917 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Jun 2022 · 1 min read "पिता की क्षमता" "पिता की क्षमता" ************** पिता हर-घर की शान-बान है, हर बच्चे की , वही पहचान है। हर पिता भी सदा, एक पुत्र है; वो परिवार का जीवन-सूत्र है। मां होती... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 8 7 693 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Jun 2022 · 1 min read "पिता का जीवन" "पिता का जीवन" ************** कर्तव्य-पथ से,अडिग होते वो यदा-कदा; संघर्षशील रहते, अपने जीवन में सर्वदा। संकट भी होती है अगर,उनके चारों ओर; फिर भी उनका मन नाचे, जैसे वन-मोर। बचपन... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 8 11 483 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2021 · 1 min read किसे क्या "गम" है..... सबकी लेखनी में कितना दम है। कोई नही, किसी से कम है। आखिर, लिखता है कोई क्यों; पता नही, किसे क्या गम है। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार Hindi · मुक्तक 7 850 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"..... "मुक्तक* .... शक तो था इसका पहले ही। बाकी था दिलाना यकीन ही। क्यों इस कदर फसते जा रहे, बचाएगा अब कोई हकीम ही। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार Hindi · मुक्तक 7 505 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Jun 2021 · 1 min read *****दोहा**** *दोहा* °°°°°°° तुम हमें अपना शब्द दो, हम शब्दार्थ बता देंगे। तुम हमें अपनी सोच दो, हम चरितार्थ करा देंगे।। स्वरचित सह मौलिक .....✍️ पंकज "कर्ण" कटिहार Hindi · दोहा 7 6 600 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jun 2021 · 1 min read **दहेज** "दहेज" ****** विवाह सिर्फ संस्कार है, इसे करे जो भाय। यदि मांगता वो दहेज, धन ही उसे लुभाय।। धन ही उसे लुभाय, उसको यह समझाइये। शिकायत फिर जरूर, थाना में... Hindi · कुण्डलिया 7 2 883 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jun 2021 · 1 min read "नशा"@मुक्तक*** "नशा" मुक्तक ** ☠️??☠️ सभी 'नशा' से आप, सदा दूर रहिए। 'नशा' ना करे, ये नशेड़ी से कहिए। शान का नाशक जीवन में 'नशा' है, अब हमें"नशामुक्त"भारत ही चाहिए। .......✍️पंकज... Hindi · मुक्तक 7 553 Share पंकज कुमार कर्ण 27 Jun 2021 · 1 min read "ऐ पथिक तू संभल जरा" "ऐ पथिक संभल जरा" ?????? ऐ पथिक तू संभल जरा, तू सोचता क्या,खड़ा-खड़ा; उधर भी जरा नजर दौड़ा, की कौन कहां, कैसे मरा। ऐ पथिक तू संभल जरा..... मत बन,... Hindi · कविता 7 978 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Jun 2021 · 1 min read उसकी गलती उसकी गलती ,( मुक्तक) उसकी गलती, जाओ सभी भूल। वह है, एक नन्ही प्यारी सी फूल। उसका मन, हुआ जो मायूस तो; समीक्षक को, कतई नहीं कबूल। ..........✍️ "पंकज कर्ण" Hindi · मुक्तक 7 2 531 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Jul 2021 · 1 min read "चिकित्सक" एक रक्षक??? "चिकित्सक" एक रक्षक ?????? डॉक्टर दिवस(1 जुलाई) पर विशेष....... ?????????? ईश्वर ने , जीवों में प्राण समाया; फिर रोग और कष्ट में भी लाया। तब एक फरिश्ता, हमे बचाने आया;... Hindi · कविता 7 4 402 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jul 2021 · 1 min read "चापलूस" "चापलूस" ********* इसकी पूछो मत, कोई हाल; ये मनुष्य होता, बड़ा कमाल। इसका खास होता नही,नाम; बस होता वह थोड़ा बदनाम। काम करता, जिसके खातिर; वो भी होता, बड़ा ही... Hindi · कविता 7 2k Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jul 2021 · 1 min read "अटपटा प्रावधान" "अटपटा प्रावधान" ****************** देखो, कैसा ये "अटपटा प्रावधान"; मिटा रहा देश से बुद्धि और ज्ञान। आया अब देश में देखो,ऐसा क्षण; दुखी है आज , हर एक ज्ञानी मन। तड़प... Hindi · कविता 7 5 613 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jul 2021 · 1 min read "बकरा" "बकरा" ?? ..................१................. बकरा तो हमेशा, घास खाए। मानव बकरा ही, काट खाए। बकरा बेचारा , अब क्या करे, वो सिर्फ कटे और छटपटाए। ....................२................... . वो तो सिर्फ अपना,... Hindi · मुक्तक 7 2 428 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jul 2021 · 1 min read हे प्रभु ! (प्रार्थना) हे प्रभु! (प्रार्थना गीत) ????? हे प्रभु! हमको दीजिए, ऐसा ज्ञान..... जिससे, आ सके हम देश के काम; हमें ना कभी, किसी शत्रु का डर हो; हमारे लिए, सच्चाई की... Hindi · गीत 7 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 26 Jul 2021 · 1 min read "बादल"️ "बादल" ☁️☁️ ये बादल, कहां से आता है; कभी मंडराता है, तो कभी, कहीं भी, बरस के जाता है, कभी ये , सूरज को छुपाता, कभी , सूरज से मिट... Hindi · कविता 7 2 670 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Jul 2021 · 1 min read "पानी" "पानी" ****** पानी तो पसरा है , सारा जहां; पर,सबको पानी मिलता कहां। सब मिलकर पानी को बचाइए, हर प्यासे तक, पानी पहुचाइए। पानी को जरूर , शुद्ध कीजिए; शुद्ध... Hindi · कविता 7 2 871 Share Page 1 Next