Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (5)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
26 Jun 2021 10:47 PM

रचना अच्छी है पर इसके भाव कोई खास नहीं रह गए हैं। वह अपने मकसद से भटकती नज़र आ रही है।
कभी रचना में भाव की प्रधानता दिखायी जा रही है तो कभी कवि के हॅंसने मुस्कुराने घबराने की बात कर रही है तो कभी गुरू बनने, परिणाम आदि की बात कर रही है। रचना का सार एक दिशा में इंगित कर रचना का सृजन होता तो बेहतर होता !!

26 Jun 2021 05:53 PM

बहुत लाभदायक जानकारी ?

26 Jun 2021 03:24 PM

Sunder rachna

बहुत ही सुंदर रचना,
वैसे रस की ज्यादा जानकारी के लिए मूर्धन्य कवि श्री अजित कुमार कर्ण जी की काव्य रचना
– रस “काव्य की आत्मा” है ! का एक बार अच्छे से अवलोकन कर ले।

Loading...