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1 Jul 2021 · 1 min read

“चिकित्सक” एक रक्षक???

“चिकित्सक” एक रक्षक

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डॉक्टर दिवस(1 जुलाई) पर विशेष…….
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ईश्वर ने , जीवों में प्राण समाया;
फिर रोग और कष्ट में भी लाया।

तब एक फरिश्ता, हमे बचाने आया;
सबके रोग और कष्ट को दूर भगाया।

लोग कहने लगे, इसे ही चिकित्सक;
ये बन गए, तब हर मानव के रक्षक।

जन जीवन में आया जब, मरने का डर;
तब जीवन को सहारा देने आया डॉक्टर।

डॉक्टर को दर्जा मिला है भगवान का,
है वो रक्षक मानव जीवन के प्राण का।

दिन या रात हो या समय हो दोपहर,
रहता वो, कष्ट हरने को सदा तत्पर।

कुछ लोग कहते इसे वैद्य, कुछ कहते हकीम;
संबोधन कुछ भी हो, ये सेवा में सदा रहते लीन।

इनकी, अलग ही रहती है पहचान;
गले में आला और चलते बैग टांग।

हर मर्ज की दवा होती है इनके पास,
हर रोगी को होती इनसे बहुत आस।

ये कभी सोचते नही हवा हवाई,
दूर करते हर कष्ट, देकर दवाई।

ये हैं, भगवान का दिया एक वरदान;
आओ सब मिल कर करें, इन्हें प्रणाम।

स्वरचित सह मौलिक
….. ✍️पंकज “कर्ण”
…………..कटिहार।
……..०१/७/२०२१

Language: Hindi
7 Likes · 4 Comments · 406 Views
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