Dr Manju Saini Language: Hindi 707 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr Manju Saini 8 Jan 2024 · 1 min read जरूरत के हिसाब से ही जरूरत के हिसाब से ही चलते हैं ताल्लुख वक्त की चाल में बदल जाते हैं बने रिश्ते जो जरूरत होता हैं वही अक्सर वही जरूरी नही होता डॉ मंजु सैनी... Hindi 2 127 Share Dr Manju Saini 20 Dec 2023 · 1 min read शीर्षक:मेरा प्रेम मेरा प्रेम सदैव तुम्हारे लिए असीम सा व प्रगाढ़ ही रहेगा अब इसे तुम सम्भाल नही पाए शायद पैसो के गुरुर में या कहूँ कि समय व्यतीत का खिलौना समझ... Hindi 1 110 Share Dr Manju Saini 16 Nov 2023 · 1 min read शीर्षक:सिर्फ़ निकलने के लिए सिर्फ़ निकलने के लिए.....! वो झूठी कसमें, वादे, साथ का फरेब वो तोहफे,वो बाहर घूमने के जाल कितना कुछ खेल करते हैं लोग, सिर्फ अपना वक्त गुजारने के लिए.....! हमेशा... Hindi 1 57 Share Dr Manju Saini 3 Nov 2023 · 1 min read शीर्षक:जज़्बात ए ख़्याल जज़्बात ए ख़्याल भाग्योदय शायद मेरे लिए भी बाहें फैलाता तो मुझमे जीने की जिजीविषा पनपती नजर आती पर न जाने क्यों किस्मत हर बार आड़े आ जाती हैं और... Hindi 1 127 Share Dr Manju Saini 30 Sep 2023 · 1 min read शीर्षक:कौन कहता हैं कि..? शीर्षक: कौन कहता है कि...? कौन कहता हैं कि दिल में अलमारी सी नही होती मैं तो कहती हूँ कि होती तो हैं एक बड़ी सी अलमारी उसी में ही... Hindi · कविता 1 107 Share Dr Manju Saini 17 Aug 2023 · 1 min read शीर्षक:ये ढलती सी शाम 🌔 ये ढलती सी शाम 🌔 ये ढलती सी शाम ओढ़कर तारो भरी चुनरिया लजाती सी अंधेरे के आगोश में चल पड़ी मानों कह रही हैं थकान की दास्तान ये... Hindi 2 148 Share Dr Manju Saini 21 Jul 2023 · 1 min read शीर्षक:नीड़ चिरैया का 🐍नीड़ चिरैया का🐍 एक चिड़िया थी छोटी सी प्यारी सी जरूरत एक नीड की उसको आन पड़ी वह बहुत ऊंचा उड़ती लेने नीड़ सामान इधर उधर देखती करती घास संग्रहण... Hindi 1 115 Share Dr Manju Saini 20 Jul 2023 · 1 min read शीर्षक:आखिर कब तक आखिर कब तक स्त्री कदम कदम छली जाती रही है कल भी छली जाती थी बदस्तूर आज भी एक दिन जुए में हारी गई थी और नतीजतन फिर भरी सभा... Hindi 1 97 Share Dr Manju Saini 10 Jul 2023 · 1 min read शीर्षक:जय जय भोले बाबा शीर्षक:जय जय भोले बाबा जय जय भोले बाबा जय देवा जय देवा मेरे सृष्टि कल्याणी जय देवा जय देवा मेरे भोले भण्डारी जय परमेश्वर बाबा जय भोले भण्डारी जय तारक... Hindi 1 97 Share Dr Manju Saini 6 Jul 2023 · 1 min read शीर्षक:सावन आया पिया न आये 🌿सावन आया पिया न आये🌿 सावन आया पर पिया न आए कैसे मन को धीर बँधाये..! मन को कैसे हम समझाए अखियां मेरी राह निहारे रो रोकर बस थक थक... Hindi 3 1 137 Share Dr Manju Saini 20 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:योग और संगीत शीर्षक:योग और संगीत सेहत के दो ही ठहरे मीत ,योग और संगीत संगीत विधा में शुद्धता,यही शास्त्रीय रीत स्वरों के माध्यम से मन को साधना मात्र यही उपाय संगीत 'योग'... Hindi 281 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:दिशाहीन नही हूँ मैं २५- ऐ जिंदगी..! मैं दिशाहीन नही हूँ बस तुझे समझने को प्रयासरत हूँ कभी परिभाषित तो कभी शून्य पाती हूँ कभी खुद को खुद में समेट लेना चाहती हूँ कभी... Poetry Writing Challenge 3 175 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:मुक्ति २४- मुक्ति कैसे मुक्त हो जाऊँ बोलो जब जब दर्द मिलता हैं दर्द की पीड़ा होती हैं मुझे भी.! मुक्ति मन शांत ही नही होता रह रह टीस उठती हैं... Poetry Writing Challenge 2 224 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:दर्द स्त्री का २३- नहीं था पता उसे नही परख पाई थी उसकी छल भरी चाल को इच्छाओं का पिटारा जो खोल रख दिया था अपनत्व से अपना सिर्फ अपना मान कर चलती... Poetry Writing Challenge 2 142 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:प्रश्न चिन्ह २२- न जाने क्यों.. जीवन के इस सफ़र में, बस यूँ ही चलते चलते न जाने क्यों एक ऐसा मोड़ आया है, जहां से एक नया राही हमसफ़र बनने की... Poetry Writing Challenge 2 324 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:आवाज लेखनी की २१- मेरी लेखनी प्रेम लिखती है औऱ कभी कभी विद्रोह करती है कभी कभी सुंदर से स्वप्न बुनती है कभी कभी जल सी द्रवित बहती है ढलती हैं कभी मेरे... Poetry Writing Challenge 1 228 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:माँ की विदाई २०- माँ की विदाई माँ आपकी जो इच्छा थी अंतिम पूर्ण की आज मैने,अपने हाथों करके आपका अंतिम संस्कार और करुँगी अस्थि विसर्जन विधि भी हर वो संस्कार पूर्ण करुँगी... Poetry Writing Challenge 1 191 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:माँ १९- लाखो गम सहेज कर मुझे बहदुर बनाती है मेरी मां अच्छे बुरे का फर्क करना सिखाती हैं मेरी मां जो मेरे लिए सारे जहां से झगड जाती हैं मेरी... Poetry Writing Challenge 1 64 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:भीना बसंत १८- बसंत आने से भीनी भीनी सुगंध फैलती है महक उठता है उपवन सारा बसंत आने से आ जाती है बहार चारों ओर होती हरियाली बसंत आने से दिल में... Poetry Writing Challenge 1 44 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:माँ मेरी परिकल्पना १७- माँ ह्रदय में बसी आस्था हैं माँ विश्वास का प्रतीक हैं माँ संवेदना भरी वेदना है, माँ मेरे मन की भावना है, माँ ही तो सुखद अहसास है माँ... Poetry Writing Challenge 1 71 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:मैं स्त्री हूँ १६- जी हाँ मैं स्त्री हूँ…. जो मोहब्बत सिखाये मैं वहीं हूँ हर रिश्ते को शिद्दत से निभाये वहीं हूँ कभी बेटी तो कभी बहन रूप निभाती हूँ माँ रूप... Poetry Writing Challenge 2 75 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 2 min read शीर्षक:तेरा ही अंश हूँ माँ १५- माँ मुझे बोझ मत समझो मैं भी अंश तुम्हारा हूँ अजन्मा ही मत मारो मुझको मैं भी खून तुम्हारा हूँ माँ हो मेरी फिर साथ क्यो देती हत्यारो का... Poetry Writing Challenge 1 60 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:जीवन की सच्चाई १४- जीवन चलता है निर्बाध अविरल गति से अपनी लय को लिए उम्र के एक पड़ाव पर आकर लगता हैं क्या किया हमने और आये क्या करने थे जीवन मे... Poetry Writing Challenge 1 69 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 2 min read अतीत के पन्ने १२- आज भी अतीत के पन्नें पलटती हूँ तो... मेरे पापा मुझे आज भी बहुत याद आते हैं। मेरे लिए धरती पर मेरे भगवान हुआ करते थे मेरे परिवार का... Poetry Writing Challenge 1 48 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 2 min read शीर्षक:अकेली कहाँ ११- आत्मीयता से भरी हाथों में प्रेम की प्रगाढ़ लकीरें मेरी नियति को मानों प्रदर्शित कर रहीं हों शब्द भी मानों आज निर्बंध से हो रहें हैं बोलने को न... Poetry Writing Challenge 3 389 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:निर्झर शब्दलहर १०- आँसुओं से निर्झर अश्रु श्रँखला निर्बाध बह चली मानों दोनो के मध्य संधि अनुबंध करार बना चली अविरल अश्रु धारा मानों तटीबन्ध तोड़ बस चली वो मन मे दबी... Poetry Writing Challenge 2 128 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:बिटिया क्यों मेरे घर आई ९- कब हो पाता हैं अभिमान पैदा होते ही चर्चा बिटिया आई नही आया वंश वर्द्धन हमारा मान तभी शुरू हुआ कानों में चर्चा आई क्यों बिटिया तुम मेरे घर... Poetry Writing Challenge 2 1 162 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:फागुन की बयार ८- धुंध, कुहासा छट गया सूरज भी चादर ओढ़ चला शीत भी मानो रूठ गई ठिठुरन भी थोड़ी ठिठक गई सरसों पर पीले फूल खिले पेडों पर पत्ते फूट चले... Poetry Writing Challenge 2 260 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:एकाकार… ७- मन शांत लिए ही स्थिर सी आज बैठ गई थी मानों एकाग्रता में सोच पाऊँगी अपने को व अपने भविष्य को झांक पाऊँगी स्वयं में, अपने ठहराव को ठहराव... Poetry Writing Challenge 2 227 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:बतलाओ कौन ६- गुप्प अँधेरा…. अमावस का चाँद परछाईं लापता फिर बताओ सगा कौन..? छलकाती आँखे बेशुमार सपने नींद गायब फ़िर दिखाए कौन…? काँच का शीशा चेहरा एक मगर टूटे तो हुए... Poetry Writing Challenge 2 189 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:भाव हिलोर ५- मन में उठते भाव हिलोर शब्द रूप में दिए उकेर मनोभाव एक अंतहीन सी प्रकिर्या अथक,असीम,अदम्यता लिए बेचैनी सी आह्लादित करती हुई आज कागज पर शब्द मन की पीड़ा... Poetry Writing Challenge 2 166 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:प्रकल्प मेरा संकल्प मेरा ४- प्रकल्प मेरा संकल्प मेरा… लेखनी से शब्द रूप मै दे पाउँ… नव प्रभात नव संचार मिलेगा खुशियों का उपहार मिलेगा कलम में मेरी धार रहेगी नित नई रचना कर... Poetry Writing Challenge 2 224 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:खंड खंड अखंड ३- पत्थरों के गलियारे से निकलते हुए न जाने क्यों ध्यान आकर्षित हुआ पत्थरों को तराशकर कितना खूबसूरत आकार दे दिया गया मजदूर के हाथों ने उस ऊँची इमारतों से... Poetry Writing Challenge 2 156 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:अभ्युदय मिलन का २- डूबते सूरज को देख आज कितनी बार डूबी मैं तेरी यादों में कहीं एक आस सी लिए मन में सोचती रही कि अभ्युदय होगा पुनः सूरज की तरह ही... Poetry Writing Challenge 2 69 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:आखिर क्यों १- रेगिस्तान की भूमि पर सोच रही थीं मैं दूर दूर तक कोई रहने वाला नही था वहाँ पर्यटक आते व लौट जाते आखिर.. क्यों..? क्या रेत के टीले की... Poetry Writing Challenge 2 66 Share Dr Manju Saini 23 May 2023 · 1 min read शीर्षक:मुखरित होते शब्द ::::: मुखरित होते शब्द ::::: शब्दगीत में निर्झर बहते शब्द मेरे करते रहते हैं मंद मंद सी सुमधुर ध्वनि उन क्षीण होती अनुभूतियों की जिनमें लिप्त रहती थी मैं वही... Hindi 1 109 Share Dr Manju Saini 16 May 2023 · 2 min read शीर्षक:मैं अकेली कहाँ ⚡⚡मैं अकेली कहाँ⚡⚡ आत्मीयता से भरी हाथों में प्रेम की प्रगाढ़ लकीरें मेरी नियति को मानों प्रदर्शित कर रहीं हों शब्द भी मानों आज निर्बंध से हो रहें हैं बोलने... Hindi 1 63 Share Dr Manju Saini 13 May 2023 · 1 min read शीर्षक:सब कुछ थी माँ :::::सब कुछ थी माँ :::: मेरे मन को ऐसे पहचान जाती थी मानों मनोचिकित्सक थी माँ मेरे पास बैठते ही समझ जाती थी परेशानी मानों विशेषज्ञ थी माँ मेरे जख्मों... Hindi 1 235 Share Dr Manju Saini 5 May 2023 · 1 min read शीर्षक:मेरी कल्पना 💌मेरी कल्पना💌 नव पंख लगा निंदिया में सपनो में मेरे आ जाना सपनो में साथ बैठ कर तुम मुझ में प्रीत जगा जाना। मीठी सी होठो की मिठास हौले से... Hindi 1 138 Share Dr Manju Saini 25 Apr 2023 · 1 min read शीर्षक:पाक महीना 🌃🕌पाक महीना🕌🌃 रमजान आया देखो प्रेम मुहब्बत का महीना खुदा की दुआओं ओर रहमतों का महीना हम सबके लिए खुदा की इबादत का महीना हम सभी को साथ खुशियां मनाने... Hindi 1 152 Share Dr Manju Saini 19 Apr 2023 · 2 min read गर्मी के घड़े का पानी कितना लाभप्रद गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। अब ठंडे पानी की आवश्यकता महसूस होने लगी हैं।इस मौसम में लोग जगह-जगह ठंडे पानी के लिए प्याऊ की व्यवस्था करते हैं। ठंडे... Hindi 1 290 Share Dr Manju Saini 18 Apr 2023 · 1 min read शीर्षक:ए जिंदगी 🗨️ ए जिंदगी🗨️ कुछ सवाल हैं कुछ जवाब हैं क्यो अधूरे से है मेरे सारे ख्वाब। कुछ समर्थ है कुछ असमर्थ है कुछ पाया है कुछ खोया है। कुछ किया... Hindi 1 98 Share Dr Manju Saini 9 Apr 2023 · 1 min read शीर्षक:हाँ मैं हूँ माँ गंगा मैं हूँ गंगा मीठेजल को तुम्हारे लिए लाई हूँ प्रसन्न मन से कलकल बहती अब तक आई हूँ नदियों से मिल अपना श्रंगार करती आई हूँ मिलने पर नदियों के... Hindi 1 111 Share Dr Manju Saini 8 Apr 2023 · 1 min read शीर्षक:खण्ड-खण्ड पर अखण्ड 💤खण्ड- खण्ड पर अखण्ड💤 प्रीत तेरी अनंत स्वरूप और फिर भी सभी के अनुरूप नारी तू ही नारायणी रूप प्रेम का महासागर समाए स्वयं के आगोश में खण्ड- खण्ड पर... Hindi 1 331 Share Dr Manju Saini 7 Apr 2023 · 1 min read शीर्षक:शब्दों का नवांकुरण 🍁 शब्दों का नवांकुरण 🍁 अपने अंतस्तल के भाव बहुत ही सहजता से उकेरती हूँ अपनी कलम की तीखी नोंक से शब्द पिरोती हूँ और रंग भरती हैं कलम की... Hindi 1 230 Share Dr Manju Saini 26 Mar 2023 · 1 min read शीर्षक:जीवन यात्रा जीवन की सच्चाई जीवन चलता है निर्बाध अविरल गति से अपनी लय को लिए उम्र के एक पड़ाव पर आकर लगता हैं क्या किया हमने और आये क्या करने थे... Hindi 1 87 Share Dr Manju Saini 23 Mar 2023 · 1 min read शीर्षक:फक्र #विनम्र #श्रद्धाजंली #शहीद #दिवस तीन युवा परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा वो हँस रहे थे मगर, हिन्दुस्तान रो पड़ा फंदा भी चूम लिया,फूल की माला समझकर ये सब किया... Hindi 1 203 Share Dr Manju Saini 20 Mar 2023 · 1 min read शीर्षक-गौरैया ****विलुप्त होती गौरेया दिवस**** आज वृक्ष नही मिलते जंगल में चहकते पक्षी नही मिलते पीपल के बड़े वृक्ष नही मिलते आज गौरेया के घोंसले नही मिलते कंक्रीट के जंगल चारो... Hindi 1 70 Share Dr Manju Saini 14 Mar 2023 · 2 min read शीर्षक:श्रद्धांजलि वेद प्रताप वैदिक को शब्द श्रद्धांजलि वेद प्रताप वैदिक के निधन से पत्रकारिता जगत में एक रिक्तता सी आ गई है।भारतीय पत्रकारिता में वेद प्रताप वैदिक एक ऐसा नाम रहा... Hindi 1 254 Share Dr Manju Saini 14 Mar 2023 · 1 min read शीर्षक:मैं औरत हूँ ✍️कुछ मेरी कलम से✍️ हाँ मै औरत हूँ.... मेरे आँचल में हैं चाँद सितारे माँ के दिल मे बसी एक जन्नत हूँ हर दर्द ओ-गम को छिपा लिया सीने में... Hindi 1 95 Share Page 1 Next