शीर्षक:मैं औरत हूँ
✍️कुछ मेरी कलम से✍️
हाँ मै औरत हूँ….
मेरे आँचल में हैं चाँद सितारे
माँ के दिल मे बसी एक जन्नत हूँ
हर दर्द ओ-गम को छिपा लिया सीने में
लब पे न आये कभी वो हसरत हूँ
हाँ मै औरत हूँ….
मेरे होने से ही ये कायनात जवान
जिंदगी की बेहद हसी हकीकत हूँ
हर रंग रूप में ढल कर सवर जाऊँ
सब्र की मिसाल हर रिश्ते की ताकत हूँ
हाँ मै औरत हूँ….
अपने हौसले से तकदीर को बदल दू
अपनी माँ के नाम को रोशन कर दूं
मैं इतना हौसला रखती हूं हर दम
सुन ले ऐ दुनिया हॉ मै औरत हूँ
हाँ मै औरत हूं….