Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2022 · 1 min read

नंद के घर आयो लाल

नंद के घर आयो लाल

जननी थी देवकी और वासुदेव की संतान

निकल पड़े वासुदेव धरकर इक टोकरी में

सौंपने नंद को बालगोपाल

मुखड़े पर थी इक प्यारी मुस्कान

दिखा रही थी यमुना रूप विकराल

आंधी तूफ़ान एक तरफ थे

फिर भी वासुदेव हिम्मत न हारे

चल रहे थे कान्हा को थामे

पीछे शेषनाग भी रखवाली करते

वासुदेव के संग विचरते

गोकुल में दोनों आये

यशोदा को दियो लल्ला थमाए

वापस पहुंच चुपके से मथुरा आये

जकड़ बेड़ियों में दियो बैठाय

दरबान जागे बात ये कंस तक

दियो पहुचाय

देख रहा कंस आँखे फाड़कर

अचरज करता तलवार तानकर

था गोकुल पहुंच चुका बालक वो जानकर

गोकुल में फ़ैल गई खुशियां सारी

देखते थे सब लल्ला को बारी बारी

सबने मिलकर जश्न मनाया

जग का उद्धार करने कृष्णा इस धरती पर आया ।

“कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक

Language: Hindi
242 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुदरत
कुदरत
Neeraj Agarwal
दर्द के ऐसे सिलसिले निकले
दर्द के ऐसे सिलसिले निकले
Dr fauzia Naseem shad
2429.पूर्णिका
2429.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आसमान
आसमान
Dhirendra Singh
कीमत
कीमत
Ashwani Kumar Jaiswal
"वो ख़तावार है जो ज़ख़्म दिखा दे अपने।
*Author प्रणय प्रभात*
फितरत
फितरत
Akshay patel
फेसबुक
फेसबुक
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*
*" कोहरा"*
Shashi kala vyas
प्रेम मे धोखा।
प्रेम मे धोखा।
Acharya Rama Nand Mandal
सच और हकीकत
सच और हकीकत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सबूत- ए- इश्क़
सबूत- ए- इश्क़
राहुल रायकवार जज़्बाती
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
डी. के. निवातिया
गोविंदा श्याम गोपाला
गोविंदा श्याम गोपाला
Bodhisatva kastooriya
ज़िंदगी...
ज़िंदगी...
Srishty Bansal
सीने में जलन
सीने में जलन
Surinder blackpen
कर रही हूँ इंतज़ार
कर रही हूँ इंतज़ार
Rashmi Ranjan
जो भी कहा है उसने.......
जो भी कहा है उसने.......
कवि दीपक बवेजा
राम
राम
Suraj Mehra
राग दरबारी
राग दरबारी
Shekhar Chandra Mitra
**प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं **
**प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेटियां ?
बेटियां ?
Dr.Pratibha Prakash
** स्नेह भरी मुस्कान **
** स्नेह भरी मुस्कान **
surenderpal vaidya
बड़ी मछली सड़ी मछली
बड़ी मछली सड़ी मछली
Dr MusafiR BaithA
पागल मन कहां सुख पाय ?
पागल मन कहां सुख पाय ?
goutam shaw
#पंचैती
#पंचैती
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Not longing for prince who will give you taj after your death
Not longing for prince who will give you taj after your death
Ankita Patel
शब्द गले में रहे अटकते, लब हिलते रहे।
शब्द गले में रहे अटकते, लब हिलते रहे।
विमला महरिया मौज
Loading...