Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

शिक्षक दिवस

शिक्षक दिवस

बालक के जीवन में माता-पिता के बाद अध्यापक का स्थान आता है।

प्यार का पाठ बालक अपनी मां से सीख कर आता है।

आज्ञापालन पिता बच्चों से करवाता है;
पर एक टीचर ही है जो ज्ञान का दीपक बालक के मन में जलाता है।
अज्ञानता को दूर भगाता है;
शीशे जैसा निर्मल स्वरूप बनाता है।

एक साधारण सा दिखने वाला टीचर आपको प्रगति पथ पर अग्रसर करवाता है।

खुद वहीं रुक जाता है पर अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, एस्ट्रोनॉट बनाता है।

खुद वह सदा टीचर ही कहलाता है।

जिंदगी का पाठ हमें प्रकृति का हर जीव सिखलाता है;पर हमारी समझ का विकास एक अच्छा टीचर ही कर पाता है।
वह आपको आपकी ताकत से मिलवाता है।
कमियों को कैसे पावर बनाना है; यह भी वही सिखलाता है।
टीचर का अनुभव भी आपके जीवन में आगे बढ़ने के बहुत काम आता है; इसीलिए तो 5 सितंबर को टीचर डे मनाया जाता है।

Language: Hindi
2 Likes · 110 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajni kapoor
View all
You may also like:
पीर
पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
7) पूछ रहा है दिल
7) पूछ रहा है दिल
पूनम झा 'प्रथमा'
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
"जिरह"
Dr. Kishan tandon kranti
दैनिक जीवन में सब का तू, कर सम्मान
दैनिक जीवन में सब का तू, कर सम्मान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
काले समय का सवेरा ।
काले समय का सवेरा ।
Nishant prakhar
फ़ितरत अपनी अपनी...
फ़ितरत अपनी अपनी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सन्तानों  ने  दर्द   के , लगा   दिए    पैबंद ।
सन्तानों ने दर्द के , लगा दिए पैबंद ।
sushil sarna
"चाह"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप
नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप
कवि रमेशराज
ख़ामोशी
ख़ामोशी
कवि अनिल कुमार पँचोली
सापटी
सापटी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
2868.*पूर्णिका*
2868.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
Neelam Sharma
- दीवारों के कान -
- दीवारों के कान -
bharat gehlot
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
बाल नृत्य नाटिका : कृष्ण और राधा
बाल नृत्य नाटिका : कृष्ण और राधा
Dr.Pratibha Prakash
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
कवि दीपक बवेजा
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
Shankar N aanjna
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
#OMG
#OMG
*Author प्रणय प्रभात*
पग बढ़ाते चलो
पग बढ़ाते चलो
surenderpal vaidya
वाह टमाटर !!
वाह टमाटर !!
Ahtesham Ahmad
तेरे दरबार आया हूँ
तेरे दरबार आया हूँ
Basant Bhagawan Roy
बरसात हुई
बरसात हुई
Surya Barman
*चुनाव में महिला सीट का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
*चुनाव में महिला सीट का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
चंद अशआर - हिज्र
चंद अशआर - हिज्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
अपने को अपना बना कर रखना जितना कठिन है उतना ही सहज है दूसरों
अपने को अपना बना कर रखना जितना कठिन है उतना ही सहज है दूसरों
Paras Nath Jha
कलम की वेदना (गीत)
कलम की वेदना (गीत)
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
Loading...