Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

शीर्षक:माँ की विदाई

२०-
माँ की विदाई

माँ आपकी जो इच्छा थी अंतिम
पूर्ण की आज मैने,अपने हाथों
करके आपका अंतिम संस्कार
और करुँगी अस्थि विसर्जन विधि भी
हर वो संस्कार पूर्ण करुँगी माँ
बेटी होने का फर्ज निभाऊंगी माँ
बिन सहारे देख, बचनबद्ध हूँ माँ
विषम परिस्थिति में भी अटल हूँ माँ

कितना कष्ट पूर्ण रहा अंतिम पल माँ
और देख ये बेटी कुछ कर न सकी माँ
देखती रही पलपल,क्षणक्षण तड़फते हुए माँ
कितना दुखदायी था वो हर पल मेरे लिए माँ
आपने बोला था रोना नही मेरे लिए हिम्मत रखना
हंसते हंसते ही आपको विदा किया हैं बेटी ने माँ
आपकी हिम्मत वाली छवि देखी पल पल माँ
अंतिम साथ बिताए एक-एक दिन याद किये माँ

और बाद भी सब वैसे ही चलता रहा माँ
वो उसका मुझ पर अंतिम वक्त वार करना माँ
दिल को जैसे दहला सा गया सोचकर माँ
आपने कैसे समय को बिताया होगा चुपचाप वहाँ
लौट रही हूं अब धीरे-धीरे वापस खामोश सी माँ
अपनी सारी यादों को पीछे छोड़कर माँ
आज फिर से एक नयी हिम्मत की तलाश में माँ
बस आपका अंतिम आशीष साथ मेरे है माँ
वही मेरी पूंजी हैं माँ

Language: Hindi
1 Like · 191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
अप्प दीपो भव
अप्प दीपो भव
Shekhar Chandra Mitra
प्रकृति कि  प्रक्रिया
प्रकृति कि प्रक्रिया
Rituraj shivem verma
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
Rj Anand Prajapati
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*जातक या संसार मा*
*जातक या संसार मा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये नज़रें
ये नज़रें
Shyam Sundar Subramanian
रिश्तों की बंदिशों में।
रिश्तों की बंदिशों में।
Taj Mohammad
मां महागौरी
मां महागौरी
Mukesh Kumar Sonkar
धैर्य धरोगे मित्र यदि, सब कुछ होता जाय
धैर्य धरोगे मित्र यदि, सब कुछ होता जाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भाव तब होता प्रखर है
भाव तब होता प्रखर है
Dr. Meenakshi Sharma
" वो क़ैद के ज़माने "
Chunnu Lal Gupta
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
Sarfaraz Ahmed Aasee
संस्कृति के रक्षक
संस्कृति के रक्षक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बदलती जिंदगी की राहें
बदलती जिंदगी की राहें
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
छल
छल
गौरव बाबा
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
Dr fauzia Naseem shad
आप
आप
Bodhisatva kastooriya
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बेटा
बेटा
Neeraj Agarwal
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
Dr. Man Mohan Krishna
बंद करो अब दिवसीय काम।
बंद करो अब दिवसीय काम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कामयाब लोग,
कामयाब लोग,
नेताम आर सी
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
Ravi Ghayal
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
कवि रमेशराज
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
*बेचारे नेता*
*बेचारे नेता*
दुष्यन्त 'बाबा'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
Shashi kala vyas
सुनो, मैं जा रही हूं
सुनो, मैं जा रही हूं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*राजा दशरथ (कुंडलिया)*
*राजा दशरथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...