Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 2 min read

स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे

*कोई तो हो ऐसा,
जो सिर्फ मेरा हो।*

मांगो जो जान, तो…
जान दे देंगे।
अपना जो बना लोगे…
तो जहां हम दे देंगे।

*बातों में उसकी खुशबू हो
दिल में उसके बसेरा हो।*

खुशबू ऐसी आयेगी,
हमारे लबों के,
अल्फाजों से…
जो दिल तो क्या
आत्मा में बस जायेगी।

*चाहे तो चाहत मेरी
मांगे तो मोहब्बत मेरी।*

तेरी चाहत चाहने वाला तो, कोई ख़ुदग़र्ज़ ही होगा।
तेरी मोहब्बत माँगने वाला…
कोई….
भिखारी से कम क्या होगा।
हम तो वो हैं….
जो चाहत तेरी बन जायेंगे…
और…
माहौल ऐसा बना देंगे कि,
बिन मांगे ही,
मोहब्बत तेरी पायेंगे।

*वो चाँद की चांदनी हो तो,
चाँद सिर्फ मेरा हो*

चाँद की चांदनी,
तो सूरज से लिया उधार है।
‘रवि’ यानी ‘सूरज’ हूँ मैं
जो सिर्फ तेरा प्यार है।

*वो दिन की रौशनी हो
तो सूरज सिर्फ मेरा हो*

दिन की रौशनी तो,
मुझ से यानी…
सूरज से होती ही है
पर इक बात यह भी है
कि….
रौशनी ही रौशनी हो जायेगी
इश्क को,
दिल में बसा के देखिये।

*वो फूलों की खुशबू हो,
तो एहसास सिर्फ मेरा हो।*

खुशबू होने से,
एहसास की क्या ज़रुरत है ?
खुद-बा-खुद,
नाक में,
नस-नस में,
बस जायेगी।
मज़ा तो तब आता है,
जब ..
कुछ भी ना हो,
और…
एहसास हो जाए।

*वो रात का उजाला हो,
तो चिराग सिर्फ मेरा हो।*

रात के उजाले में
चिराग क्या देगा …
ज़रा सा हवा का झोंका,
उसको बुझा देगा।
हम जुगनू हैं…
जिसे ना तेल ना बाती चाहिए
हवा के झोंके
हमें बुझा ना सकें
मांगना ही है अगर खुदा से
तो मांग लो हम को
जीवन जग-मग …
जग-मग हो जाएगा।

*वो इश्क और मोहब्बत हो
तो दिल सिर्फ मेरा हो।*

दिल क्या ख़ाक इश्क करेगा,
जो पल में टूट जाता है
इश्क मोहब्बत …
रूहानियत का
असल में
आत्मा से नाता है।

*वो पानी का छींटा हो
तो दरिया सिर्फ मेरा हो।*

जल में
मीन प्यासी ..
मुझे देख के
आवत हॉसी।
कतरा-कतरा जल,
दरिया बन जाता है…
जो समंदर में समा कर,
खारा पानी….
कहलाता है।
किसी की,
प्यास नहीं बुझा पाता है।

प्यार करना हो,
चाहत पालनी हो
तो ‘ओस’ की पालो।

किसी ने कहा है
बूँद….
जो बन गयी मोती।
वो ओस की बूँद
ग़र मिल जाए,
तो…..
सारा सागर भी,
उसके आगे…
नगण्य है।

*वो किस्मत की लकीर हो,
तो हाथ सिर्फ मेरा हो।*
कोई तो हो ऐसा ….

हाथों की लकीरों में,
कोई तकदीर क्या लिखेगा ?
हम वो हैं,
जो अपनी मर्ज़ी से
लकीरें बना सकते हैं ….
विक्रमादित्य की तरह
लिखी लकीरों को…..
मिटा सकते हैं….
अपनी तकदीर,
खुद बना सकते हैं।
तुमने सिर्फ हाथ माँगा है,
सारा-का-सारा जिस्म,
तुम पे लुटा सकते हैं।

Language: Hindi
99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" दिल गया है हाथ से "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
अनिल कुमार
योगी है जरूरी
योगी है जरूरी
Tarang Shukla
सपने
सपने
Divya kumari
भारत की देख शक्ति, दुश्मन भी अब घबराते है।
भारत की देख शक्ति, दुश्मन भी अब घबराते है।
Anil chobisa
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
Ranjeet kumar patre
कब तक बचोगी तुम
कब तक बचोगी तुम
Basant Bhagawan Roy
💐प्रेम कौतुक-451💐
💐प्रेम कौतुक-451💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रंगों का त्योहार होली
रंगों का त्योहार होली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
कवि रमेशराज
यारो ऐसी माॅं होती है, यारो वो ही माॅं होती है।
यारो ऐसी माॅं होती है, यारो वो ही माॅं होती है।
सत्य कुमार प्रेमी
बाबा तेरा इस कदर उठाना ...
बाबा तेरा इस कदर उठाना ...
Sunil Suman
कह पाना मुश्किल बहुत, बातें कही हमें।
कह पाना मुश्किल बहुत, बातें कही हमें।
surenderpal vaidya
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
Sanjay ' शून्य'
****** मन का मीत  ******
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
VINOD CHAUHAN
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पुराने पन्नों पे, क़लम से
पुराने पन्नों पे, क़लम से
The_dk_poetry
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
उस दिन पर लानत भेजता  हूं,
उस दिन पर लानत भेजता हूं,
Vishal babu (vishu)
कभी कभी मौन रहने के लिए भी कम संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
कभी कभी मौन रहने के लिए भी कम संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
Paras Nath Jha
बिन बोले ही  प्यार में,
बिन बोले ही प्यार में,
sushil sarna
#आलेख-
#आलेख-
*Author प्रणय प्रभात*
हर मानव खाली हाथ ही यहाँ आता है,
हर मानव खाली हाथ ही यहाँ आता है,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
2326.पूर्णिका
2326.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
Atul "Krishn"
।। रावण दहन ।।
।। रावण दहन ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
कृष्णकांत गुर्जर
विधा:
विधा:"चन्द्रकान्ता वर्णवृत्त" मापनी:212-212-2 22-112-122
rekha mohan
Loading...