Arun Prasad Tag: कविता 342 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read भूली-बिसरी यादें ------------------------------------------------------ आपसे मिले तो याद आ गयी कुछ बातें। बिसरने लगी कुछ बातें। क्यांकि आप थे सौन्दर्य दुःस्वप्न की तरह आपाद मस्तक। याद आई हमें फुलों की खुश्बू, आधी रात... Hindi · कविता 849 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 1 min read वे पति-पत्नी हैं ----------------------- वे पति-पत्नी हैं, वे फर्ज हैं। एक दूसरे का कभी न लिया हुआ सर्वोत्त्म कर्ज हैं। अभिलाषाओं,इच्छाओं के वरदान से होता है शुरू। खंडित होने के शाप से पराजित... Hindi · कविता 837 Share Arun Prasad 1 Dec 2021 · 1 min read आ चलो नीचे उतर लें ------------------------------------- आ चलो आकाश से नीचे उतर लें। आ चलो संताप पृथ्वी का भी हर लें। आदमी के मन में काई सी जमी है। अब उतर कर के सफाई ही... Hindi · कविता 590 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 2 min read “नारी तुम केवल श्रद्धा हो” ***************************** खोजा, तुम्हारे देह में सौन्दर्य ही जाता रहा है. नासिका में नाद ओठों पर मधुर मुस्कान कोमल. ग्रीवा में सुराहीदार गर्दन. कंठ में सातों सुरों की वेधशाला. कपोलों पर... Hindi · कविता 1 651 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read एक तस्वीर चेहरे का मुख है चेहरे से गायब। ओठ सिगरेटों से जल गये शायद। धंस गयी ढ़ोंढ़र में नैनों की जोत। नीली लकीरों पे रेंग रही मौत। पीड़ित है पीड़ा का... Hindi · कविता 520 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 2 min read मैं आदमी हूँ (अरुण कुमार प्रसाद ) ------------------------------------------------- मैं आदमी हूँ। जीव के श्रेष्ठ संयोजन के तहत संयोजित। अपरिभाषित पुतला नहीं। स्वच्छ वाणी है मेरी। मैं रहा तुतला नहीं। आदमी का अस्तित्व व्यक्तिपरक... Hindi · कविता 542 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 2 min read अतीत ************************* बीता हुआ कल जंग खाए पुराने बक्से से निकल खड़ा हो गया मेरे समक्ष. क्या करूं? किंकर्तव्यमूढ़ होता इसके पूर्व मैंने कर लिया तय. बक्से को रगड़ा,धोया और चढ़ा दिया... Hindi · कविता 578 Share Arun Prasad 10 Sep 2021 · 10 min read प्रादुर्भाव सृष्टि का प्रादुर्भाव सृष्टि का --------------आदि का अंत,अंत का होना तथा नवीन ------------------------------------------------------------------------------------ निविड़ तम व प्रकाश प्रतिद्वन्दि कहीं क्या था द्वंद का अंत! कुक्षि में इनके जाने कौन मौन सा पड़ा... Hindi · कविता 1 484 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 6 min read घोषणा, युद्ध की (महाभारत) ------------------------------------------------ रास रचानेवाला कान्हा क्यों हो गया कठोर | चुरा सका ना कौरव का चित्त कान्हा सा चितचोर| मुरली से कर देनेवाला विश्व को पूर्ण विभोर| पंचजन्य क्यों फूँक- फूँक... Hindi · कविता 1 504 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read शिक्षक:-शिक्षकौ-शिक्षका: व्यक्ति व समाज में शिक्षा का प्रवाह। प्रकाशित करे वह पन्ना जो है स्याह। शिक्षा वह जो करे प्रशस्त हर राह। मनुष्य के निर्माण की हथौड़ी व छेनी। बिखरे बालों... Hindi · कविता 487 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 1 min read रातें दिन के दुश्मन नहीं xxxx ----------------------------------------- रातें दिन के दुश्मन नहीं। महत्ता बढ़ा देता है। उसके उजलेपन को पहचान देता है। आदमी संध्या तक शव हो जाता है। अपने अमृत शव पर, छुपकर रोने के... Hindi · कविता 504 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read चुगलखोर जो बना दे आदमी को इन्सान से जानवर आदमखोर‚ वह है दुनिया का सबसे बड़ा चुगलखोर। ------------------------------------ Hindi · कविता 592 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read जग का पागलपन ----------------------------------------------------------- लोगो देखो जग का कोना पागल जैसा हँसना-रोना। विज्ञानों को चीर-फाड़ कर हथियारों का जंगल बोना। मानव लड़ते मानव ही से गिद्धों सा नोचे वे तन,मन। दौड़े आते रण... Hindi · कविता 1 1 487 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read राजसूय यज्ञ महाशक्ति ने किया हुआ है राजसूय का भव्य आयोजन। है कुत्सित मन्तव्य यज्ञ का एवम् इसका दुष्ट प्रयोजन। घातक विपुल विविध आयुध का मात्र पुरूष‚ यह बड़ा प्रर्दशन। युद्ध मानसिक... Hindi · कविता 494 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read आग हाथ सेंक दे जो सुलगा दे सिगरेट। आग वह नहीं जो उगलता है जेठ। जो तपिश बुझा दे जलते तमाम मन का— आग वह है जो सुलगा दे स्याही मेरे... Hindi · कविता 1 450 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read उसकी जिन्दगी – -------------------------------------------- निम्न मध्यवित्त माहौल में वह पली. जन्म से मृत्यु तक जली केवल जली. जिस आग में जली वह कभी नहीं जला. उस युवती को गया पर बुरी तरह जला.... Hindi · कविता 445 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read हम और तुम ------------------------------------------------- मिट्टी खोदकर तुमने कंद,मूल,जड़ी-बूटी निकाले। मिट्टी खोदकर हमने निकाला स्वर्ण। तुम इतना ही क्यों कर पाये? मंदिरों में लेटकर साष्टांग, तुमने प्रार्थनाएँ की। मंदिरों में लिटाकर साष्टांग, हमने दक्षिणा... Hindi · कविता 471 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read परिभाषा का धर्म --------------------------------------------------------------------- धर्म सहिष्णुता का स्निग्ध-चादर ओढ़े हुए असहिष्णु लोग हैं। लोगों का सहज सुस्वभाव नहीं यह उनका अवमूल्यित-रोग है। मूल्य वहाँ नहीं जाते हैं गढ़े जहाँ वस्तुएँ होती हैं उत्पादित।... Hindi · कविता 476 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read सीधी लाईन का मातृ-दिवस -------------------------------------------------------------- मातृत्व जन्म देने से है जुड़ा? या वात्सल्य के वरदान से गढ़ा? वात्सल्य कर्तव्य है या करुणा से उपजी प्रतिक्रिया? स्वाभाविक रक्षण की प्रेरणा,अनुवांशिक अभिक्रिया? जैविक कोशिकाओं का गुण-धर्म?... Hindi · कविता 461 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read काश वहाँ होते मेरे पिता ------------------------------------- क्रोध किया, ईश्वर पर। रोया–धोया, आकाश में भरे शुन्य को इंगित कर। ग्लानि से निहारा अन्दर के मनुष्य को। उसे समझाने की कोशिश की किन्तु‚ जब बाँध टुटता है... Hindi · कविता 1 484 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read कलम ----------------- कलम! रुको न, झुको न। न तो टूटो ही। अभी तेरे पेट में हर्ष और विषाद है बहुत। आहत भूत का अवसाद एकजुट। भविष्य का खाली कोख अद्भुद। नाग... Hindi · कविता 473 Share Arun Prasad 5 Oct 2021 · 1 min read चिन्ता रखना सहेज कर छोटी सी गुड़िया के सपनों का घर। बाबा ने विनती की बेटी को ससुराल भेजकर। डर था दहेज का। ---------------------------- Hindi · कविता 449 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read ईश्वर गणित है ----------------------------------- ईश्वर गणित है गणित, प्रारंभ और अंत से पूर्व का. होना प्रारंभ नहीं है. नहीं होना अंत नहीं है. होना और नहीं होना गणित है. अत: होना और नहीं... Hindi · कविता 447 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 2 min read दु:ख -------------------- तर्क है, दु:ख है तर्क ही दु:ख है मानव जीवन से इतर कहाँ है दु:ख। प्राणी जगत में दिव्य सुख। मनुष्य आत्मप्रशंसित है- ईश्वर अपने अहम् में ढूँढ रहा।... Hindi · कविता 455 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 2 min read शब्द ------------------------------------- चराचर जगत को पहचान व नाम देने के लिए तुम्हें है मेरा नमस्कार. शिव ने जब डमरू बजाया शास्त्र कहते हैं हमारे कि तब स्वर की हुई सृष्टि. शिव... Hindi · कविता 451 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read राजनीति: अनेक संदर्भ ---------------------------------------------------------- धार्मिक। हिम के शिखर से उतार कर। चट्टानों से चोट खिलाकर। औषधयुक्त पवित्र जल गंगा का सुदूर हरिद्वार से और काशी से स्वर्ण-कलश में,चढ़ाकर कंधे पर। मँगवा लिया देवघर,... Hindi · कविता 416 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read हँसो ---------------------------- हँसो। हँसोगी नारायणी? हँस सकोगी प्रियदर्शिनी? हँसती थी तुम बहुत। गलियों में भागती-दौड़ती। गुड्डों की माँ बनकर ब्याह के रस्म निभाती। तुम्हारी हँसी से उछलती थी गाछ-वृछों की टहनियाँ।... Hindi · कविता 473 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 5 min read सूत्र कुरु कुल रण का --------------------------- जब द्यूत की अवधि हुई पूर्ण। पाण्डव लौटे कुछ और निपुण। भेंटे सबको कौन्तेय तथा। बोले वन के दुःख दर्द व्यथा। अति विनम्र भाव से अभिवादन। सहास्य अधर पर... Hindi · कविता 399 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read नव–वर्ष नूतन ज्योति जले जग में। जीवन‚यौवन में औ' मग में। नद की बहती कल–कल धारा। धो कलुष पोंछ रज कण सारा। सन्देश भरे‚नव गति भरे। उद्देश्य भरे‚हर यति हरे। हो... Hindi · कविता 1 412 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read बेकार बातें ------------------ शहर की बातें बेकार नहीं हैं। शहर की परिभाषा गलत नहीं है। नहीं है त्रुटिपूर्ण,शहर का बनना। सत्य है शहर । शिक्षक है शहर। रक्षक है शहर। हमें होना... Hindi · कविता 430 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read सुरा का सुर ---------------------------- पान करता सुर,सुरा था गान करता।( सुर=गायन के स्वर) इन्द्र के दरबार में सुर और सुरा । अप्सराएँ नृत्य करती देवता रसपान करते सोमरस जो देवता का,वह हमारा है... Hindi · कविता 410 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read मेरी हत्या करोगे? ----------------------------------- मैं लोगों से चाहता हूँ नफरत करना। काश! अच्छा लगता मुझे नफरत करना। स्नेह और दुलार से वंचित रहने दिया मुझे,इसलिए। किसी ने मेरी परवाह नहीं की,इसलिए। मैं बुझा... Hindi · कविता 388 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read एकाकी एकलव्य---- ------------------------------- रात्रि के निविड़ अंधकार में वन के एकांत छोर में वृक्ष की एक सद्यः युवा हुए डाल पर खुद से विनोद करता अंगूठे के जख्म सहलाता हुआ तम से... Hindi · कविता 1 453 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read वर्तमान वर्तमान भविष्य शिशु हेतु वैध सम्भोग। शुक्र–दान तेरा काल का कोख। -------------- Hindi · कविता 394 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read शिव तेरा अभिनंदन ------------------------------------------------------- तेरी गूँथी जटाओं का अभिनंदन। जिसमें हिमनद है खोई, बहती गंगा की धारा जिसमें, उन्हीं जटाओं का करता अभिवादन। हे शिव तेरा अभिनंदन। लिपटी हुई भुजंगों जैसी सिमटी हुई... Hindi · कविता 1 1 398 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read चिड़िया का सोना थकते नहीं कहते कहते हम था कल देश हमारा सोने की चिड़िया । अब आज अनुत्तरित यह प्रश्न कि क्या हुआ कि सहसा चिड़िये से खो गया स्वर्ण। पाषाण युग... Hindi · कविता 1 405 Share Arun Prasad 28 Apr 2022 · 1 min read पिता के लिए ------------------------------------- पिता की छाया होती है। पिता का कंधा होता है। पिता का हौसला होता है। पिता की डांट होती है। पिता का क्रोध होता है। पिता की शिक्षा होती... Hindi · कविता 428 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read दीपावली खुशी‚हर्ष‚उल्लास जीवन में विश्वास दीप जलाकर फिर करने का आया अवसर अद्वितीय। पर्व नहीं केवल यह दिन है हमें बताता लक्षित करता मानव का आचरण। हमें इकठ्ठा करके हमको पाठ... Hindi · कविता 427 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read सड़क पर संसद -------------------------------------- संसद सड़क पर आने के लिए ले रहा है जुंबिश भरी अंगड़ाई। क्या-क्या बताए क्या पता सड़क को सहलाये क्या पता हमारे पैरों को तोड़ दे उसमें या,खुदवा दे... Hindi · कविता 424 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा -------------------------------------------------- वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा। पीड़ा आसमान का ही बहुत था, वह सुनाने में विभोर। मुझे अवसर नहीं मिला। इसलिए मृत्यु के साथ हो लिया। उसके साथ... Hindi · कविता 380 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read जीवन और ईश्वर ------------------------------ जीवन शाश्वत है प्रारंभ नहीं,अंत नहीं। आस्था के कारण मानना नहीं, ईश्वर का अस्तित्व। आस्था के कारण नहीं, ईश्वर। ईश्वर तो है उपस्थित। कहने से नहीं किसी के। उपस्थित... Hindi · कविता 382 Share Arun Prasad 9 Oct 2021 · 2 min read राजनीति: अनेक संदर्भ ---------------------------------------------------------- धार्मिक। हिम के शिखर से उतार कर। चट्टानों से चोट खिलाकर। औषधयुक्त पवित्र जल गंगा का सुदूर हरिद्वार से और काशी से स्वर्ण-कलश में,चढ़ाकर कंधे पर। मँगवा लिया देवघर,... Hindi · कविता 1 365 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read सोचा न था ऐसे जुदा हो जायेंगे ----------------------------------------- हम जब मिले,सोचा न था ऐसे जुदा हो जायेंगे। प्रेम कायम ही रहेगा बस हम जुदा हो जायेंगे। तुम मुझे देखा करोगी जीवित लाश की मानिंद। व सुनोगी मेरे... Hindi · कविता 404 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मानवता ईश्वर का गुण ------------------------------------- सूरज की किरणें,जीवन का संकल्प है। पृथ्वी से इतर सारे ग्रहों पर गल्प है। जीव ईश्वर का गतिज-यंत्र तो नहीं! और शक्ति-दाता सूर्य,तंत्र तो नहीं। प्राण का विश्लेषण है... Hindi · कविता 404 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read कलम में भरा कलम में भरा रात और दिन पसीना और खून। कलम ने दिया भूख और गरीबी जिल्लत की जिन्दगी। मजदूरी को उठा ठठाने लगे व्यापार के लिए पूंजी नहीं नौकरी को... Hindi · कविता 1 372 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read जीवन और ईश्वर ------------------------------ जीवन शाश्वत है प्रारंभ नहीं,अंत नहीं। आस्था के कारण मानना नहीं, ईश्वर का अस्तित्व। आस्था के कारण नहीं, ईश्वर। ईश्वर तो है उपस्थित। कहने से नहीं किसी के। उपस्थित... Hindi · कविता 420 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 6 min read सत्य गाँव?-असत्य गाँव ? ------------------------------------- गाँव तुम्हारे प्रांगण में देखा गहराते तेरा छांव. ओठों पर स्मित हंसी देखी तन पर चीथड़े का लटका पांव. दर्द नशा सा छाया था नशा दर्द का साया था.... Hindi · कविता 394 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read भयातुर मन मैं हँस नहीं सकता भयभीत हूँ हँसी के दैत्यपना से.। मैं रो नहीं सकता सरक्षित हूँ जबतक नहीं रोया। हँसा तो छीन लेगा दैत्य जाग्रत स्वप्न की मेरी खुशियाँ। रोया... Hindi · कविता 406 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read उड़ें चलो -------------------------------- चलो उड़ें नभ में। नभ के गौरव में। उस गौरव का रसपान करें। सूर्य,चंद्र,तारों को छूकर अपना आ सम्मान करें। व्योम ब्याह कर ले आएंगे। स्याह अन्तरिक्ष का धो... Hindi · कविता 344 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 3 min read लड़की होना जन्म के साथ ही सिलसिला दुव्र्यवहार का हो जाता है शुरू। पहले तो आत्मा कुंठित करने का होता है अभ्यास। फिर उघारा जाता है देह में मेरे लड़की का श्वास–प्रश्वास।... Hindi · कविता 1 1 383 Share Page 1 Next