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Tag: कविता
57 posts
एक ही नारा
एक ही नारा
kumar ashok3
कागज़ की क़लम से
कागज़ की क़लम से
kumar ashok3
वो तेरी गुफ्तगू
वो तेरी गुफ्तगू
kumar ashok3
यहाँ सड़के भी हो क़ातिलों के नाम पर
यहाँ सड़के भी हो क़ातिलों के नाम पर
kumar ashok3
टूटकर भी सच कंभी कहता नहीं
टूटकर भी सच कंभी कहता नहीं
kumar ashok3
यह मेरे भी कुछ ख़त मोह्हबत क़े नाम
यह मेरे भी कुछ ख़त मोह्हबत क़े नाम
kumar ashok3
क्यो खाती देखकर मुझको तू
क्यो खाती देखकर मुझको तू
kumar ashok3
शब्द नाग बनकर डस लेते है
शब्द नाग बनकर डस लेते है
kumar ashok3
शोक पथ पे ये अशोक महान जा
शोक पथ पे ये अशोक महान जा
kumar ashok3
बुझे मेरे नैनो की प्यास
बुझे मेरे नैनो की प्यास
kumar ashok3
जाने क्यो हम कवियों का
जाने क्यो हम कवियों का
kumar ashok3
दिल मे आग लगी
दिल मे आग लगी
kumar ashok3
रोता हूँ भारत मां के लिये
रोता हूँ भारत मां के लिये
kumar ashok3
कान खोल सुन लो मोदी जी
कान खोल सुन लो मोदी जी
kumar ashok3
फोन मत काटना केजरीवाल बोल रहा हूं
फोन मत काटना केजरीवाल बोल रहा हूं
kumar ashok3
कैसे कहे कितने
कैसे कहे कितने
kumar ashok3
कैसे कहें कितने मजबूर
कैसे कहें कितने मजबूर
kumar ashok3
आज मेरी बदतमीज़ी भरी जुबां
आज मेरी बदतमीज़ी भरी जुबां
kumar ashok3
मेरी क़लम तू अंगार
मेरी क़लम तू अंगार
kumar ashok3
हम कवि न जाने क्यो ये
हम कवि न जाने क्यो ये
kumar ashok3
घोड़े का जिक्र आते ही
घोड़े का जिक्र आते ही
kumar ashok3
अश्कों के मोती
अश्कों के मोती
kumar ashok3
मेरी तरफ से जय श्री राम निकला
मेरी तरफ से जय श्री राम निकला
kumar ashok3
मत बांधो सरहदे मेरी
मत बांधो सरहदे मेरी
kumar ashok3
लाल हिन्दू हरा मुस्लमान
लाल हिन्दू हरा मुस्लमान
kumar ashok3
एक रविवार जिंदगी में
एक रविवार जिंदगी में
kumar ashok3
हमको अपनी बेटियो में दिखता हिंदुस्तान
हमको अपनी बेटियो में दिखता हिंदुस्तान
kumar ashok3
ए काली रात
ए काली रात
kumar ashok3
क्यो ले वो अवतार हिन्दू
क्यो ले वो अवतार हिन्दू
kumar ashok3
जो वंदे मातरम गा नहीं सकते
जो वंदे मातरम गा नहीं सकते
kumar ashok3
ऐ जिंदगी तू ज्ञानज्योति का
ऐ जिंदगी तू ज्ञानज्योति का
kumar ashok3
यूँ ही नहीं कहलाती मेरे भारत माँ की
यूँ ही नहीं कहलाती मेरे भारत माँ की
kumar ashok3
गौर से देंखो हम है यहाँ के थानेदार
गौर से देंखो हम है यहाँ के थानेदार
kumar ashok3
पूछ रही थी बेटी
पूछ रही थी बेटी
kumar ashok3
कवियों के सर का वरदान है हिंदी
कवियों के सर का वरदान है हिंदी
kumar ashok3
पद्मिनी के जौहर की बात न पूछना
पद्मिनी के जौहर की बात न पूछना
kumar ashok3
राम ने जला डाली मथुरा यहाँ
राम ने जला डाली मथुरा यहाँ
kumar ashok3
साक्षी बना मौन रहकर पालघर
साक्षी बना मौन रहकर पालघर
kumar ashok3
भयानक आई कोरोना बीमारी
भयानक आई कोरोना बीमारी
kumar ashok3
भारत माता का दर्द
भारत माता का दर्द
kumar ashok3
तू देश का सिपाही है तो मैं क़लम को हथियार
तू देश का सिपाही है तो मैं क़लम को हथियार
kumar ashok3
आरती भारत माता ,आज तू माते क्यो तू खो गई है
आरती भारत माता ,आज तू माते क्यो तू खो गई है
kumar ashok3
बिल्लू पिंकी बबलू बंटी बबली सब देना
बिल्लू पिंकी बबलू बंटी बबली सब देना
kumar ashok3
अब के बरस नए साल में तू
अब के बरस नए साल में तू
kumar ashok3
कविता गिद्ध और चिड़िया
कविता गिद्ध और चिड़िया
kumar ashok3
भिगो रही बरसात मगर
भिगो रही बरसात मगर
kumar ashok3
सुन चंद अब तू कभी मत होना उदास
सुन चंद अब तू कभी मत होना उदास
kumar ashok3
आये है आपकी महफिल में
आये है आपकी महफिल में
kumar ashok3
दर्पण को देख देखकर राधे
दर्पण को देख देखकर राधे
kumar ashok3
कविता तेरी ख़बर न पाकर दिल
कविता तेरी ख़बर न पाकर दिल
kumar ashok3
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