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31 Jan 2021 · 1 min read

क्यो खाती देखकर मुझको तू

क्यों खाती तू मुझे देखकर भाव प्रिये
क्या तेरा नहीं है प्रेम में मेरा चाव प्रिये

लोग कहते चेहरे से लगती तू मस्तानी
मैं लगता प्रेम में पागल बाजीराव प्रिये

तू गोपी सी यमुना तट की लगती मुझे
क्या बृन्दावन ही ठहरा तेरा गाँव प्रिये

देख पसन्द मूझकों घर का देसी खाना
तुझे खिलाऊंगा मुम्बई का बड़ापाव प्रिये

चल प्रेम दीवाने बनकर घोसलों में हम
वहाँ रहा आशियाना वही ठहराव प्रिये

Language: Hindi
295 Views
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