Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2021 · 1 min read

कैसे कहें कितने मजबूर

कैसे कहें कितने मजबूर हुए है हम बेरोजगार
नीचता की हद से भी निचे गिरा अपना किरदार

आईना देखते ही शर्मिंदा करने लगा हमें मियां
मौत से पहले जिस्म छोड़ के चला है किरायेदार

सियासत करने चला आज मैं भी मामूली प्यादा
देश बेच खाना मुझे बनाके जोड़तोड़ से सरकार

कल से कोई बुरी खबर नहीं सुनेगा इस देश में
बन्द करो समाचार चैनल रद्दी में बेचो अखबार

बहुत हुआ भाई भाई की बातें कहती घरवाली
तोड़ो संयुक्त परिवार खड़ी करो आँगन में दीवार

ज़माना पहुंच गया इंटरनेट की हंसी दुनिया में
सुस्त पड़ने लगी क्यों विकास नाम की रफ़्तार

बहुत हुआ मान सम्मान अब पैसा है भगवान
धर्म के ठेकेदार बनकर चलानी धर्म पे तलवार

देख रहा है मुंगेरी के हंसी सपने अशोक क्यों
काम धाम नहीं कोई खत्म हो गया क्या रोजगार

रिश्वत खोरी भ्र्ष्टाचार करके जहुन्नम में जायेगा
ऐसी कमाई पर ठोकर लगेगी जूते पड़ेंगे चार

उठाके चल दफा होजा दुकाँ कविता की अपनी
नहीं बिकेगा माल तेरा नहीं होगा आदर सत्कार

माँ भारती ने पाला तुम सबको गुलामी में भी
माँ को पाल नहीं सके हिन्दूमुस्लिम हुए बेकार

मंदिर में भगवान तो मस्जिद में खुदा मिल जाए
सीखा दो हमको गीता और कुरान के अशआर
अशोक सपरा की कलम से दिल्ली से

Language: Hindi
255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हो रही है ये इनायतें,फिर बावफा कौन है।
हो रही है ये इनायतें,फिर बावफा कौन है।
पूर्वार्थ
3317.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3317.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
प्रेम.......................................................
प्रेम.......................................................
Swara Kumari arya
Sub- whatever happen happens for good
Sub- whatever happen happens for good
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
SHAMA PARVEEN
सीप से मोती चाहिए तो
सीप से मोती चाहिए तो
Harminder Kaur
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*एकता (बाल कविता)*
*एकता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दोहे ( किसान के )
दोहे ( किसान के )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बददुआ देना मेरा काम नहीं है,
बददुआ देना मेरा काम नहीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
//एहसास//
//एहसास//
AVINASH (Avi...) MEHRA
पग पग पे देने पड़ते
पग पग पे देने पड़ते
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सफर
सफर
Arti Bhadauria
हर एक शख्स से ना गिला किया जाए
हर एक शख्स से ना गिला किया जाए
कवि दीपक बवेजा
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
चुनौती हर हमको स्वीकार
चुनौती हर हमको स्वीकार
surenderpal vaidya
सफर पर है आज का दिन
सफर पर है आज का दिन
Sonit Parjapati
।। मतदान करो ।।
।। मतदान करो ।।
Shivkumar barman
रात……!
रात……!
Sangeeta Beniwal
इसमें हमारा जाता भी क्या है
इसमें हमारा जाता भी क्या है
gurudeenverma198
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
"प्रीत-बावरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
खंडहर
खंडहर
Tarkeshwari 'sudhi'
धन से जो सम्पन्न उन्हें ,
धन से जो सम्पन्न उन्हें ,
sushil sarna
नई शिक्षा
नई शिक्षा
अंजनीत निज्जर
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...