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17 Jan 2021 · 1 min read

लाल हिन्दू हरा मुस्लमान

लाल हिन्दू हरा मुसलमान देखिये
आज मेरी महजबी जुबान देखिये

मानवता को रखा अपने पांव तले
इंसानियत को रोंद्ता इंसान देखिये

हर पल कांटें बिछाता राहों मेँ सबके
गुनाह की जीती जागती दुकान देखिये

कोई कहता गीता को फेंक दो कूड़े में
कही जलता हुआ वेदो कुरआन देखिये

कोई माँ कक दूध लजवाता अम्बी बनके
और कोई बनाता अपना हिन्दुस्तान देखिये

कोई पहुँच गया चाँद और मंगल पर यारोँ
और यहाँ भेदभाव पर होता मतदान देखिये

अशोक पथभृष्ट हो गए नेता आज क्या करें
नेता के लिए बदल जाता यहाँ सँविधान देखिये

अशोक सपड़ा हमदर्द की क़लम से दिल्ली से

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 352 Views
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