अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि Tag: ग़ज़ल/गीतिका 127 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 5 Feb 2021 · 1 min read सजी धजी है आज,धरा को देखो मंच को नमन ? छंद-हंसगति(मापनी मुक्त) विधा-गीतिका ११,९ पर यति यति से पूर्व व पश्चात त्रिकल अनिवार्य चरणांत-दीर्घ वाचिक सजी धजी है आज,धरा को देखो। पीत बसन हैं गात,धरा को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 220 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 28 Jul 2020 · 1 min read तिरंगा झंडा ?????????????????????? तीन रॅग का ये तिरंगा ही हमारी शान है। इस तिरंगे की जगत में भी अलग पहचान है। झुक न पाया ये कभी भी दुश्मनों के बीच में, सरहदों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 548 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 19 Feb 2021 · 1 min read बेवफा बेवजह मत गिला कीजिए। २१२ २१२ २१२ २१२ बेवफा बेवजह मत गिला कीजिए। एक कारण हमें भी बता दीजिए। हुश्न पाकर कभी मत करो तुम गुमां, प्यार का जज्ब थोड़ा सा पी लीजिए। हुश्न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 211 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read नागों की क्या बात करें ???? देखें व्यंग एक गीतिका के माध्यम से ???? ????? नागों की क्या बात करें हम,जब इंसां ख़ुद बिषधर हो। पापों की क्या बात करें अब,जब पापी ही सहचर हो।।(१)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 500 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 10 Apr 2021 · 1 min read जिंदगी प्यार का एक अहसास है। २१२ २१२ २१२ २१२ जिंदगी प्यार का एक अहसास है। हर घड़ी इक नयी भोर की आस है। खार-कांटे बहुत राह-पथ में मगर, जीस्त हर पल रुचिर फूल की वास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 271 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 29 May 2021 · 1 min read घुट रही है सांस पल -पल छंद-मनोरम (मात्रिक,मापनीयुक्त) २१२२ २१२२ घुट रही है सांस पल -पल । दिख रहा नहिं कोई' निश्छल।(१) हर जगह मेला लगा है, मिल रहा ना शुद्ध भी जल।(२) प्राण वायू की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 287 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 2 Jun 2021 · 1 min read है ये मौसम हंसी और मैं भी जवां विधा-गीतिका छंद-स्रग्विणी वाचिक (मापनी युक्त) मापनी २१२ २१२ २१२ २१२ समांत-आ पदांत-दो पिया मेरे केशों में गजरा सजा दो पिया। मेरे सीने में इक लौ जगा दो पिया।।(१) प्यार पाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 425 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 19 Jun 2021 · 1 min read विष्णु आते न अवतार में। महालक्ष्मी छंद (वाचिक) २१२ २१२ २१२ झूठ होता न आचार में। कष्ट होता न संसार में।। अर्थ की यदि न होती ललक होड़़ होती न व्यवहार में। प्रीति होती जहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 246 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Jun 2022 · 1 min read आग लगाकर हाथ सेंकते,उन लोगों से दूर रहो कविता लोक गीतिका समारोह- 364, दिनांक-१८/६/२०२२ आधार- लावणी(चौपाई+मानव छन्द) मापनीमुक्त मात्रिक विधान -30 मात्रा ,16 ,14 पर यति ,अंत में वाचिक गा समान्त-ओं, पदान्त-से दूर रहो ,================================== आग लगाकर हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 308 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 19 Jun 2022 · 1 min read कौन बड़ा चमचा है गीतिका समारोह - 364 शनिवार, दिनांक - 18/06/2022 आधार छंद -लावणी चौ+मा16+14 समांत -आते पदांत -हो ------------------------------------------ अग्निपथ योजना के विरोध में की जा रही हिंसा व एक राजनैतिक पार्टी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 227 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 12 Aug 2020 · 1 min read कहां गायब हुए हो तुम कन्हैया लौट अब आओ। १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ कहां गायब हुए हो तुम कन्हैया लौट अब आओ। बिछाए आंख हम बैठै जरा हम पर तरस खाओ। बहुत सा खेल खेला है रचायी रास लीला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 442 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 24 Dec 2020 · 1 min read जिंदगी बहु काम की छंद-गीतिका विधा-गीतिका (मापनीयुक्त) २१२२ २१२२ २१२२ २१२ कीजिए सुंदर सफर यह जिंदगी बहु काम की। छोड़कर झगड़े सकल अब बात कर निष्काम की।(1) क्यों गंवाता वक्त को ये वक्त तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 483 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Feb 2021 · 1 min read लेखनी में आज तेरी धार होनी चाहिए छंद: गीतिका विधा: गीतिका बह्र:२१२२ २१२२ २१२२ २१२ दिनांक-६/२/२०२१ लेखनी में आज तेरी धार होनी चाहिए। मूक भाषा हो भले पर सार होनी चाहिए। आइना हर पल दिखाना तुम सदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 230 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 5 Mar 2021 · 1 min read हमारा मान है नारी हमारी शान है नारी हमारा मान है नारी हमारी शान है नारी। लुटाती प्यार नित अपना वफा की खान है नारी।। भले सीधी सरल लेकिन, बहुत उलझी हुई है वो, धधकती आग का गोला,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 291 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read सिर पर टोपी है रखी - आधार - दोहा छंद समांत - आल , अपदांत ***************गीतिका :- ?? सिर पर टोपी है रखी, मन में बहुत सवाल । इधर उधर अब झांकते,नहीं गल रही दाल।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 213 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read व्यंग अहंकार का रावण बैठा,सत्ता के गलियारों में। छंद-गीतिका समांत-ओं पदांत-में लावणी छंद आधारित (मात्रा १६,१४) एक गीतिका ??? अहंकार का रावण बैठा,सत्ता के गलियारों में। जब उनको कुर्सी मिल जाती,जा छुपते दीवारों में।। घूम रहे देखो व्यभिचारी,खुले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 414 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 21 Mar 2021 · 1 min read आये जबहिं चुनाव आते जबहि चुनाव , लुभाते नेता जी। वादे करें नित रोज़ , रिझाते नेता जी। बीते यूँ ही साल,किया न पूरा' वादा। सपने फिर इस साल, दिखाते नेता जी। बदलें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 458 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 4 Apr 2021 · 1 min read श्वेत कबूतर बहुत उड़ाए श्वेत कबूतर बहुत उड़ाये,अब कुछ अलग उड़ाना है। दुनिया के ठेकेदारों को ,कुछ करके दिखलाना है। माना हम उद्दंड नहीं पर,कायर भी तो सोच नहीं, छुरी पीठ में भौंक रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 210 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 Apr 2021 · 1 min read समय की तेज धारा में गीतिका विधाता छंद समय की तेज धारा में ,बहा जाता है मेरा मन। फरेबी है जहाँ सारा ,कहाँ ढूढूं मैं अपना पन। समय की दौड़ में भूला , मैं अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 233 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 30 Apr 2021 · 1 min read मेरे' ईश्वर बता तू ये' क्या हो रहा है। २१२ २१२ २१२ २१२२ आज दुनिया ये सारा वतन रो रहा है। मेरे ईश्वर बता तू ये क्या हो रहा है। बेचते मौत को खैरख्वाह' देश के ही, ल्हाश का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 227 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 6 May 2021 · 1 min read पप्पू भैया की नहीं, कहीं गल रही दाल। विधा- गीतिका छंद-दोहा रस-व्यंग सिर पर टोपी है रखी, मन में बहुत सवाल । पप्पू भैया की कहीं,नहीं गल रही दाल। मोदी जी पर नित नये,लगा रहे आरोप, झूठे अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 366 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 May 2021 · 1 min read पहले जीते फिर जीतेंगे,यह विश्वास जगाना होगा। आधार छंद चौपाई(स्वैच्छिक) मात्रा भार 16 समांत....आना पदान्त...... होगा #गीतिका ******** अनुशासन अपनाना होगा। सबको यह समझाना होगा।।(१) मन में दृढ विश्वास रखो अब, भय आतंक मिटाना होगा।।(२) इक दूजे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 230 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 8 May 2021 · 1 min read कनखियों से देखकर वह मुस्कुराती जा रही है। २१२२ २१२२ २१२२ २१२२ छंद-द्विमनोरम कनखिओं से देखकर वह मुस्कुराती जा रही है। और मादक गंध अपनी नित बहाती जा रही है। केश बादल से घनेरे हैं घटाएं छांव की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 362 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 8 May 2021 · 1 min read मीत आओ,साथ गाओ गीतिका छंद - सुगति छंद (मात्रिक ) मापनी - 2122 समांत - आओ गीतिका :- ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; मीत आओ। साथ गाओ।। भोर निकला, जाग जाओ। बन उजाला, खुद दिखाओ। कुछ सुऩो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 401 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 17 May 2021 · 1 min read मौन को भी तोड़कर फिर एक स्वर फिर से उठेगा २१२२ २१२२ २१२२ २१२२ विधा -गीतिका मत कभी खोना भरोसा वक्त यह भी सब कटेगा। हो अंधेरा चाहे' जितना एक दिन हरगिज छॅटेगा।।(१) चांद भी डरता नहीं है देखकर काली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 342 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 24 May 2021 · 1 min read नहीं आप उसको युॅ ठुकराइएगा १२२ १२२ १२२ १२२ छंद-वाचिक भुजंगप्रयात (मापनीयुक्त) विधा - गीतिका समांत-आइएगा अपदान्त। हुई भूल हमसे न अब गाइएगा । मिलो प्यार से मान अब जाइएगा ।।१। चलो भूल जाएं गिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 322 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 27 May 2021 · 1 min read दांव पाकर कर रहे हैं बदजुबानी आज फिर २१२२ २१२२ २१२२ २१२ छंद -गीतिका (मात्रिक मापनीयक्त) याद आता है वो बचपन शादमानी आज फिर। बन रही है खूबसूरत सी कहानी आज फिर।।(१) फूल बनकर खिल रही है ज़िंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 279 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Jun 2021 · 1 min read मझधार में कश्ती है ना ठोर ठिकाना है ग़ज़ल/गीतिका दिनांक ३/६/२१ *वाद्विभक्ती* 24 मात्रिक, मापनीयुक्त २२१ १२२२/२२१ १२२२ मझधार में कश्ती है ना ठोर ठिकाना है। मिलते थे मुहब्बत से गुज़रा वो ज़माना है।(१) अब लोग लगे खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 500 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 14 Jun 2021 · 1 min read मुंह पर मास्क लगाकर प्यारे,घर से बाहर जाना होगा। आधार छंद चौपाई, भार 16 प्रदत्त समान्त..... आना प्रदत्त पदान्त...... होगा #गीतिका ******** अनुशासन अपनाना होगा। सबको यह समझाना होगा।।(१) मन में दृढ विश्वास रखो अब, भय आतंक मिटाना होगा।।(२)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 201 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 14 Jun 2021 · 1 min read पीत चुनरिया पीत वसन है गीतिका ****** पीत चुनरिया पीत वसन हैं। फूलों से सज्जित उपवन हैं। फूलों पर मंडराते फिरते, मनमौजी भंवरों के मन है। पीली सरसों के महकाते, मन को भाते खेत सघन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 723 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 14 Jun 2021 · 1 min read कहां गायब हुए हो तुम कन्हैया लौट अब आओ 'आयो नंदगोपाल सभी देशवासियों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई व अशेष शुभकामनाएं। मंच को सादर निवेदित गीतिका ??? छंद:विधाता कहां गायब हुए हो तुम कन्हैया लौट अब आओ। बिछाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 280 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Jun 2021 · 1 min read बेवफा बेवजह मत गिला कीजिए २१२ २१२ २१२ २१२ बेवफा बेवजह मत गिला कीजिए। एक कारण हमें भी बता दीजिए। हुश्न पाकर कभी मत करो तुम गुमां, प्यार का जज्ब थोड़ा सा पी लीजिए। हुश्न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 541 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 19 Jun 2021 · 1 min read बोल अंधेरों पे आ गुनगुनाने लगे छंद-वाचिक स्रग्विणी २१२ २१२ २१२ २१२ बोल अधरों पे' आ गुनगुनाने लगे। प्यार की बोलियां ही सुनाने लगे।। खुल गईं खिड़कियां आज सब प्यार की, शब्द दिल की दशा ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 317 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 20 Jun 2021 · 1 min read लौट पहलू में अब तुम सनम आइए। २१२ २१२ २१२ २१२ लौट पहलू में अब तुम सनम आइए। हमको इतना न अब और तड़फाइए।।(१) वक्त कटता नहीं है तुम्हारे बिना, अब चले आइए अब चले आइए।(२) हुश्न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 23 Jun 2021 · 1 min read प्यार के गीत गाने लगे २१२ २१२ २१२ प्यार के गीत गाने लगे। स्वप्न में वो जगाने लगे।। वक्त ऐसा हुआ खुशनुमा, लफ्ज उनके तराने लगे। कट गयी रात काली सहज, बात वो जो सुनाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 362 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 5 Jul 2021 · 1 min read दो सुकूं के ही पल अब दिला दीजिए 212 212 212 212 क्या खता है मिरी अब बता दीजिए। है खता गर मिरी तो सजा दीजिए।। प्यास बढती ही जाती है पल पल मिरी, अब तो आंखों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 356 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 31 Jul 2021 · 1 min read सांच को आंच होती नहीं था सुना २१२ २१२ २१२ २१२ लोग बहके हुए से इधर दीखते। लोग बहके हुए से उधर दीखते।।(१) नित्य पहने हुए जो धवल वस्त्र हैं, लोग उससे सदा ही इतर दीखते।।(२) काम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 190 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 9 Sep 2021 · 1 min read आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए। २१२ २१२ २१२ २१२ प्यार झूठा दिखाना नहीं चाहिए। आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।। प्यार करते रहो निर्बलों से सदा आंख उनको दिखाना नहीं चाहिए। तुम मदद खुद किसी की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 258 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 20 Sep 2021 · 1 min read नाच रहे हैं कान्हा- दाऊ २०/९/२१ छंद-सार विधा-गीतिका १६+१२=२८ अंत में दो गुरु नाच रहे हैं कान्हा दाऊ,खेल रहे हैं होली। सॅग में राधा नाच रहीं हैं,नाच रही सॅग टोली।।(१) रॅग भर-भर पिचकारी मारें,सब हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 323 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 4 Oct 2021 · 1 min read गीत गजल या गीतिका लिखिए मन भरपूर मंच को नमन! ४/१०/२१ काव्य तरंगिणी पटल विधा -गीतिका छंद-दोहा गीत,गजल या गीतिका,लिखिए मन भरपूर। मन के सब संताप को,रखिए हिय से दूर।(१) भाव बहें जल धार से,निर्मल,स्वच्छ अपार, हिय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 218 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 28 Oct 2021 · 1 min read दुश्मनी की कर्क रेखा इक खिंची है २१२२ २१२२ २१२२ प्रेम के दुश्मनी की कर्क रेखा इक खिंची है बस महज दुर्भावना दुर्भावना है। शांति का हो सतत ही संचार जग में, अब न कोई दीखती संभावना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 172 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 28 Oct 2021 · 1 min read चल रहा है आज देखो खून का ये सिलसिला २१२२ २१२२ २१२२ २१२ गीतिका छंद चल रहा है आज देखो खून का ये सिलसिला। दे रहे हैं घाव खुद ही और करते हैं गिला।। बो रहे हैं बीज नफरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 183 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Jun 2022 · 1 min read देश भरा है जयचंदो से कर्मयोग करते जो मन से,कंचन बन जाते हैं तपकर। कंटक हों राहों में कितने, करें सामना वो नित डटकर।।१ सीमाओं की करें सुरक्षा,जान छिड़कते हैं पल -पल वो, अमर स्वत:... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 125 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 25 Jul 2022 · 1 min read गीत गजलों की महफ़िल सजा दीजिए गीत गजलों की' महफ़िल सजा दीजिए। छंद कोई अनोखा सुना दीजिए।। (1) आज महफ़िल रंगी काव्य के रंग में, आप भी रंग अपना दिखा दीजिए ।(2) सख्त बंजर जमीं है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 241 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 16 Sep 2022 · 1 min read हमारा मान है हिंदी मंच को नमन! हमारा मान है हिंदी हमारी शान है हिंदी। बसी हर स्वांस में हरपल हमारा प्रान है हिंदी। ।(1) बिना इसके अधूरी है ग़ज़ल गीतों की हर माला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 130 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 27 Oct 2022 · 1 min read लगता दीवाली आई साफ सफाई शुरू हुई तो, लगता है दीवाली आई। तोरण वंदनवार सजे तो,लगता दीवाली आई।। घर द्वारों पर दिखतीं लड़ियां, जगमग जगमग चमक रहीं, और रोशनी से न्हाये घर,लगता दीवाली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 245 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 1 Dec 2022 · 1 min read कत्ल श्रृद्धा का हुआ तो मर गया संसार भी हैं निगाहें बंद लेकिन दिख रहा इज़हार भी। ना नुकर सी है मगर वो कर रहे इकरार भी।।(१) इश्क मर्यादित रहे नित सोच सबकी है यही, कर रहे इजहार लेकिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 126 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 Jan 2023 · 1 min read जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं। जिंदगी शूल है और कुछ भी नहीं। राह कांटों भरी देख हमने लिया जिंदगी हूल है और कुछ भी नहीं। कायदे हैं बहुत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 164 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 Nov 2023 · 1 min read मां -सही भूख तृष्णा खिलाया सदा छंद-वाचिक भुजंगी/शक्ति (मापनी युक्त) १२२ १२२ १२२ १२ *मां* सही भूख तृष्णा खिलाया सदा । अमिय प्यार से ही पिलाया सदा।। (१) बिना वस्त्र काटे सकल रैन भी सुनहला वसन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 173 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 Jul 2020 · 1 min read वर्तमान परिपेक्ष्य मेंं*चीनियों को है दिखानी धार अब* हो चुकीं बातें बहुत अब प्यार की। बात अब हम कुछ करें अंगार की। काम कुछ ऐसा स्वयं हम अब करें, आंख खुल जाये सकल संसार की। चीनियों को है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 456 Share Page 1 Next