Vindhya Prakash Mishra 390 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Vindhya Prakash Mishra 8 Dec 2020 · 1 min read कुल्हड वाली चाय अपने पर इतराती है कुल्हड वाली चाय। अपना रंग दिखाती है कुल्हड वाली चाय। कुछ झूमी लहराती है कुल्हड वाली चाय। प्रिय है मन को भाती है कुल्हड वाली चाय।... Hindi · कविता 1 2 505 Share Vindhya Prakash Mishra 31 Oct 2020 · 1 min read बचपन के घरौदे बचपन के घरौदे ही अच्छे । बटवारे का नही बिवाद एक साथ सब मिलकर रहते विभाजन की नही दिवार। खुशिया है हर एक भाग मे नही उठा है कोई बवाल।... Hindi · कविता 1 364 Share Vindhya Prakash Mishra 28 Oct 2020 · 1 min read इंसानो की कीमत न होती महंगी महंगी हाला है । सब कुछ गड़बड़ झाला है भक्षक ही रखवाला है। सच कोई कह ही न पाए मुखपर पड गया ताला है । अब किससे उम्मीद बची है सब कारनामा काला है... Hindi · कविता 284 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Oct 2020 · 1 min read एक दीपक जल रहा है । एक दीपक जल रहा है । पतंगा विकल रहा है । एक दीपक स्वयं जलकर दूसरो को राह दिखाता पर पतंगा मूर्ख उसको रोकने को पर फैलाता। देखकर प्रगति पर... Hindi · कविता 1 1 244 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Oct 2020 · 1 min read दिवाली शुभ होवे घर मे हो लक्ष्मी का वास खुशियां हो सबके पास अंधेरे का हो जाए नाश दिवाली शुभ होवे। जगमग हो दीप प्रकाश मिल जाए कुछ खास महके कोने तक वास... Hindi · कविता 1 250 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Oct 2020 · 1 min read भक्षक ही रखवाला है सब कुछ गड़बड़ झाला है भक्षक ही रखवाला है। सच कोई कह ही न पाए मुखपर पड गया ताला है । अब किससे उम्मीद बची है सब कारनामा काला है... Hindi · कविता 2 1 532 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Oct 2020 · 1 min read शब्द मेरे तब भी कहते होंगे शब्द मेरे तब भी कहते होंगे। नश्वर काया छोड़ भी देगी साथ राह में चलते चलते। थक जाएगे पांव हमारे कठिन राह में बढते बढते। सब कुछ साथ नहीं देगा... Hindi · कविता 1 671 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Oct 2020 · 1 min read फर्क है फर्क है लूट और कमाई में, दारू और दवाई में । नगाडे और शहनाई में । दुश्मन और भाई में । मिलन और जुदाई में जून और जुलाई में ।... Hindi · कविता 1 1 323 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Sep 2020 · 1 min read बिटिया #बिटिया बिटिया आंगन की फुलवारी बिटिया से पिता वैभवशाली। बिटिया आंगन की शोभा हैं बिटिया से घर में खुशहाली । बिटिया तुलसी सा पावन है बिटिया से आंगन मनभावन है... Hindi · कविता 1 304 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Sep 2020 · 1 min read हिंदी दिवस 14 सितम्बर 14 सितम्बर #हिन्दी दिवस पर विशेष ---------------------------------------------------------- हिंदी है मेरी मातृ सदृश हिंदी की गौरव गाथा है । हिंदी में लिखना भाव प्रकट हिंदी ही हमारी भाषा है । हिंदी... Hindi · कविता 2 583 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Aug 2020 · 1 min read बेटी के जन्म दिवस पर मात् पिता की दुलारी बेटी आंगन की फुलवारी बेटी बाबू,नाना नानी की प्यारी बेटी। घर भर की खुशियाली बेटी। प्रथम जन्मदिन शुभ मंगल हो जीवन बने नियारी बेटी। आप सभी... Hindi · कविता 1 2 552 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Aug 2020 · 1 min read कृष्ण जन्माष्टमी नटखट नंद दुलारे मोहन, सांवरे से अति प्यारे मोहन। सुंदर सुघर नियारे मोहन। बादल से कुछ कारे मोहन सूरज से उजियारे मोहन। चंदा सा शीतल तारे मोहन। गोकुल के अति... Hindi · कविता 1 280 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Aug 2020 · 1 min read दूर अब न रहो दूर अब न रहो पास आया करो, फूल बनकर कभी मुस्कुराया करो जो हवाएं महकती चली आ रही संदेशा उसी से पठाया करो। दूर अब न रहो पास आया करो।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 550 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Aug 2020 · 2 min read सुविचारो का बोझ व्यंग्य- सुविचारों का बोझ यह कहने या सुनने में अजीब लगता है कि सुविचार बोझ कैसे हो सकता है पर जिस चीज की उपयोगिता न हो और उसे ढोना पड़े... Hindi · लेख 4 338 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Aug 2020 · 1 min read मुखबिरी मेरी नहीं मुझको खबर वो बेखबर रहने लगे । है नहीं मेरा ठिकाना वो मुखबिरी करने लगे । बोलने का न शलीका न शऊर लिखने का है । आज तो... Hindi · मुक्तक 1 458 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Aug 2020 · 1 min read जैसा हूँ मुझे रहने दे दर्द स्वयं ही सहने दे जैसा हूँ मुझे रहने दे। मत रोको विचार धार को अविरल धारा बहने दे। क्या कह रहा सुनो न रोको आज बहुत कुछ कहने दे।... Hindi · कविता 2 1 639 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Aug 2020 · 1 min read सेल्फी वीर का दिवास्वप्न हम भी सेल्फी पर इतराते आडी तिरछी तस्वीर बनाते कुछ हीरो जैसा ही दिखाते। अपनी कुछ धाक जमाते। सुंदर हूँ यह भी बतलाते। कुछ मित्रों को टैग लगाते। अपने को... Hindi · कविता 2 2 549 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Aug 2020 · 1 min read रक्षाबंधन का त्योहार बहनों से हो आंगन गुलजार भाई बहन का बढ़े प्यार रक्षाबंधन का त्योहार बहना मांग रही उपहार । देती आशीर्वाद सौ-बार रक्षा बंधन का त्योहार ।। भैया रक्षा मेरी करना... Hindi · कविता 3 3 303 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Aug 2020 · 1 min read रक्षाबंधन पर्व प्रेम की थाल सजा बहना, अक्षय अक्षत का टीका करती हैं रोली कुंमकुंम शुभ मंगल धागे में प्रेम पिरोया करती हैं । दीप सदा दुख दूर करे आशीर्वाद दिया करती... Hindi · कविता 3 3 504 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Aug 2020 · 1 min read रक्षाबंधन तोल नहीं कोई मोल नहीं है भाई बहन का प्यार है। दुआ करे बहना भाई को खुशियों का उपहार है। सदा उदित हो उन्नत मस्तक टीका लगाया भाल है। रोली... Hindi · कविता 2 3 442 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Jul 2020 · 1 min read दवा सा आजमाया है । #दवाई मुझे भी तो लोगों ने समय समय पर आजमाया है। मैं किस चीज की दवा हूँ न आजतक बताया है । भरी शीशी दवाई सा मुझे झकझोरा है। जब... Hindi · कविता 6 2 300 Share Vindhya Prakash Mishra 17 Jul 2020 · 1 min read जख्म हैं कुछ दिनों में भर जाएंगे है कोरोना बहुत हम भी घर जाएंगे । जबतक खतरा रहा न शहर जाएंगे । कांपते लोग है घर मे दुबके हुए। भूख के मारे है ये बेचारे है पानी... Hindi · कविता 4 2 616 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Jul 2020 · 1 min read चंदा मामा चंदा मामा दूर रहे हो ऊपर से ही घूर रहे हो। मुँह मटका चिढाते हो दिखते कभी छिप जाते हो। चमक चांदनी साथ में लाते इसलिए ओषधिपति कहलाते। कभी मिलने... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1 469 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Jul 2020 · 1 min read प्रेम रोग नहीं ओषधि है । कौन कह रहा प्रेम है मुश्किल, आंख बंद कर देख रहा हूँ । स्वप्न में रोज मुलाकाते है । प्रेम रस भरी बातें है । नहीं जरूरी सामने आये, हम... Hindi · कविता 1 3 255 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Jul 2020 · 1 min read बरसो मेघ छन छन बादल घुमड़ घुमड़ कर बरसो , जन जन में खुशहाली लाओ आवाहन करते हैं पपीहा, वर्षों की तुम प्यास बुझाओ सूखी धरती सूखी नदियां सूख पड़े हैं वृक्ष धरा के... Hindi · कविता 2 1 518 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Jul 2020 · 1 min read ताना क्यों मारना ताने तनातनी देते, रोज सनातनी देते। मन की हालात बताते, शब्द बड़े चुभ जाते। जिससे न बने बना लो दूरी, किस बात की है मजबूरी। जो सच्चे मे अपने है,... Hindi · कविता 4 1 523 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Jul 2020 · 1 min read जो थोड़ा स्वाभिमानी हो जो तुम्हे न कभी सम्मान दिया अवसर पाकर अपमान किया उसपर इतना न शोर करो। केवल उसको इग्नोर करो। जिसकी नजर में आपका मान नहीं मत जाओ जहाँ सम्मान नहीं... Hindi · कविता 5 4 376 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Jun 2020 · 1 min read झूठ का यूँ न नुमाया कर झूठ का यूँ न नुमाया कर, सच को भी दिखलाया कर। दर्द सहे सौ बार हथौड़ा, फिर न अश्रु बहाया कर। खुद का खुद हौसला बने पर यह हल सदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 564 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Jun 2020 · 1 min read जिसके जान से ही मेरी पहचान है । जिसके जान से ही मेरी पहिचान है, तुम नही तो दिन मेरा सूनसान है। नजरे है कटीली दिलपर आ लगी, आंखे तो उसकी पूरी धनुष का बान है। आने लगी... Hindi · कविता 3 494 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Jun 2020 · 1 min read आत्महत्या क्यों? आत्महत्या क्यों? सुशांत सिंह राजपूत के आत्म हत्या की चौकाने वाली खबर आयी । आत्म हत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है । प्रायः लोग गरीबी के कारण तनाव में... Hindi · लेख 1 4 534 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Jun 2020 · 1 min read रेलगाड़ी का खेल (बचपन) ----------------------------- लम्बी टेढ़ी मेढी रेल आओ हम मिलकर खेले खेल। जुडकर हम सब डिब्बा बन जाएं आज रेल का खेल खिलाएं। मुँह से छुक छुक की आवाज मजे करेंगे मिलकर... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 283 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Jun 2020 · 1 min read मैं तेरे प्यार में गुनगुनाता हूँ रातभर जागकर बिताता हूँ, मैं तेरे प्यार में गुनगुनाता हू। कविता बनकर आ रही हो तुम। मैं प्रेम से गले लगाता हूँ । रातभर जागकर बिताता हूँ । मैं तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 466 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Jun 2020 · 1 min read बेटी को जन्म दिन पर - फुलवा बन आंगन में महको, बेटी खुशियाँ से तुम चहको। मिल जाएँ लम्बी उमर तुम्हे, जीवन हो तुम्हारे सौ बरसों । नित नई ऊंचाई पर चढ लो, रोशनी बनो नित... Hindi · कविता 1 1 293 Share Vindhya Prakash Mishra 31 May 2020 · 1 min read गुस्से से लाल दिवाकर गर्मी ने पसीने निकाले लाल सूर्य की रश्मिवलियां, कुद्ध दिख रहा क्यों आज दिवाकर , काट दिये जो तरू धरा के, समतल कर दिये जन ने भूधर। पानी दूषित वायु... Hindi · कविता 2 1 308 Share Vindhya Prakash Mishra 25 May 2020 · 1 min read स्माइल प्लीज सेल्फी खीचे सीना तान , हम पूरे हुए शाहरुख खान, बिना रूप रंग सुंदर दिखते ब्यूटी ऐप कैमरा महान। नीरस जीवन स्माइल प्लीज सुनकर अंदर रहते खीज। फेसबुक पर अपडेट... Hindi · कविता 1 2 614 Share Vindhya Prakash Mishra 25 May 2020 · 1 min read घड़ी घड़ी-(बाल कविता) दिनभर चलती रात न थकती सुई नही सुस्ताती है सही समय बतलाती है । टिक टिक की आवाज लगाती कब क्या करना हमें बताती। सुबह हमें सताती है... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 319 Share Vindhya Prakash Mishra 24 May 2020 · 1 min read झूठे ही मुस्काता हूँ झूठे ही मुस्काता हूँ ऐसे गम भुलाता है। चटकारे से सूखी रोटी प्याज नमक संग खाता हूँ । झूठे ही मुस्काता हूँ । यह भी एक जीत ही है गिरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 334 Share Vindhya Prakash Mishra 24 May 2020 · 1 min read प्यारे घन धरती पर आओ प्यारे घन धरती पर आओ, छन छन बूँद पड़े पृथ्वी पर जन जन में खुशहाली लाओ। मुदित विहंगा चञ्चु फाडकर। गिरती बूँदो से प्यास बुझाओ। मोती सदृश पत्तो से छनकर... Hindi · कविता 4 2 278 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Apr 2020 · 1 min read बुरे वक्त की स्याह लकीरे कट जाएंगी धीरे धीरे बुरे वक्त की स्याह लकीरे अभी डगमगाई कश्ती है सन्नाटे मे सब बस्ती है । घबराई जनता सारी है घर में रहना लाचारी है। जीत लेने... Hindi · कविता 2 483 Share Vindhya Prakash Mishra 18 Apr 2020 · 1 min read व्याकरण कविता *व्याकरण कविता* ---------------------------- हिंदी का है व्याकरण, भाषा का आचार हिन्दी व्याकरण काव्य में लिखते विन्ध्य प्रकाश तीन अंग है इसमें वर्ण शब्द वाक्य विचार, वर्ण ध्वनि का रूप है,... Hindi · कविता 2 1k Share Vindhya Prakash Mishra 15 Apr 2020 · 1 min read चींटी दिन और रात एक कर देती, अथक ही चलती जाती है। श्रम से है पहचान जिसकी, वह पिपीलिका कहलाती है। क्या दिन क्या हो रात अंधेरी, क्या नजदीकी क्या हो... Hindi · कविता 2 293 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Apr 2020 · 1 min read पतंग बाल कविता बाल कविता ---------------------------- उडती नभ में लाल पतंग, जुड़े हैं धागे उसके संग। खींच रहे जब नीचे डोर, उडती है वह नभ की ओर। उछल रहे हैं संगी साथी लूट... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1k Share Vindhya Prakash Mishra 4 Apr 2020 · 1 min read घर सब समस्या का हल है घर, सुख सुकून का पल है घर। भाव भावना लिए समेटे, कई स्मृति का दल है घर। जहाँ सुमति संस्कार पले, वही सही सुफल है... Hindi · कविता 1 466 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Apr 2020 · 1 min read भूल जाओगे तुम भी मुझको इक न इक दिन भूल जाओगे, अपने पीछे छोड ऊँची धूल जाओगे । कह रहे हो कसम देकर पर भरोसा क्या । छोड़ कर हृदय में मेरे... Hindi · मुक्तक 1 290 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Jan 2020 · 1 min read खुद को ही मैं भूल गया हूँ । खुद को ही मैं भूल गया हूँ नहीं मिला हूँ वर्षो से। अपनी बातें भूल गया हूँ सबकी हालत चर्चो से। जेब कहा है पता नहीं पर बढते जाते खर्चों... Hindi · कविता 3 2 365 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Jan 2020 · 1 min read कमाल है कमाल है । संसद में बस शोरगुल है न उठता सवाल है कमाल है कमाल है । हर जगह दंगा है हर तरफ बवाल है। कमाल है कमाल है । केवल बयान बाजी... Hindi · कविता 1 453 Share Vindhya Prakash Mishra 9 Jan 2020 · 1 min read प्रेम न कोई रोग दोष है । कौन कह रहा प्रेम है मुश्किल, आंख बंद कर देख रहा हूँ । स्वप्न में रोज मुलाकाते है । प्रेम रस भरी बातें है । नहीं जरूरी सामने आये, हम... Hindi · कविता 2 1 435 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Jan 2020 · 1 min read पतंग कविता बाल कविता ---------------------------- उडती नभ में लाल पतंग, जुड़े हैं धागे उसके संग। खींच रहे जब नीचे डोर, उडती है वह नभ की ओर। उछल रहे हैं संगी साथी लूट... Hindi · कविता 1 2 272 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Dec 2019 · 1 min read चुहिया चुहिया करती है मनमानी, बड़ी मूॅछ है दो दो चार, इसके कई काम बेकार । बिल्ली को देखें छिप जाती लुका छिपी का खेल खिलाती कोई वस्तु बचने न पाए,... Hindi · कविता · बाल कविता 3 545 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Dec 2019 · 1 min read 2020 नववर्ष मंगलमय हो नया वर्ष हो नया हर्ष हो नव जीवन हो नया पर्व हो। नयी प्रीति हो नयी रीति हो नयी जीत हो नयी गीत हो। नव संकल्प हो नया विकल्प हो... Hindi · कविता 243 Share Previous Page 2 Next