सुन्दर पतंग पर कविता ।
आपकी कविता से मुझे एक पुराना गाना याद आता है । ” चली चली रे पतंग मेरी चली रे चली बादलों के पार होके डोर पे सवार सारी दुनिया यह देख देख जली रे “अभी तक पतंग पर ऐसा सुंदर गाना नहीं बना है ।
आपकी रचना भी अत्यंत सुंदर है ।
प्रयास का धन्यवाद ।
सुन्दर पतंग पर कविता ।
आपकी कविता से मुझे एक पुराना गाना याद आता है । ” चली चली रे पतंग मेरी चली रे चली बादलों के पार होके डोर पे सवार सारी दुनिया यह देख देख जली रे “अभी तक पतंग पर ऐसा सुंदर गाना नहीं बना है ।
आपकी रचना भी अत्यंत सुंदर है ।
प्रयास का धन्यवाद ।
आपका शुक्रिया आभार ।