Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2020 · 1 min read

पतंग बाल कविता

बाल कविता
—————————-
उडती नभ में लाल पतंग,
जुड़े हैं धागे उसके संग।
खींच रहे जब नीचे डोर,
उडती है वह नभ की ओर।
उछल रहे हैं संगी साथी
लूट रहे हैं कटी पतंग।
एक दूजे में होड लगी है ।
काट लगाने की है जंग।
रंग बिरंगी उडी पतंग ।
धागे के संग जुडी पतंग,
लाल पीली हरी बैगनी।
कई रंग की उडी पतंग ।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र

2 Comments · 1021 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"गहराई में बसी है"
Dr. Kishan tandon kranti
दुल्हन एक रात की
दुल्हन एक रात की
Neeraj Agarwal
श्रीराम किसको चाहिए..?
श्रीराम किसको चाहिए..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गहन शोध से पता चला है कि
गहन शोध से पता चला है कि
*Author प्रणय प्रभात*
No battles
No battles
Dhriti Mishra
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (4)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (4)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-333💐
💐प्रेम कौतुक-333💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
राम काव्य मन्दिर बना,
राम काव्य मन्दिर बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
" जय भारत-जय गणतंत्र ! "
Surya Barman
*जाति मुक्ति रचना प्रतियोगिता 28 जनवरी 2007*
*जाति मुक्ति रचना प्रतियोगिता 28 जनवरी 2007*
Ravi Prakash
राजस्थान
राजस्थान
Anil chobisa
स्याही की
स्याही की
Atul "Krishn"
बेवक़ूफ़
बेवक़ूफ़
Otteri Selvakumar
देखता हूँ बार बार घड़ी की तरफ
देखता हूँ बार बार घड़ी की तरफ
gurudeenverma198
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल
Surinder blackpen
मन चाहे कुछ कहना .. .. !!
मन चाहे कुछ कहना .. .. !!
Kanchan Khanna
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
Shweta Soni
मेरे बुद्ध महान !
मेरे बुद्ध महान !
मनोज कर्ण
नेता सोये चैन से,
नेता सोये चैन से,
sushil sarna
इस दरिया के पानी में जब मिला,
इस दरिया के पानी में जब मिला,
Sahil Ahmad
राजनीति
राजनीति
Bodhisatva kastooriya
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
हल्की हल्की सी हंसी ,साफ इशारा भी नहीं!
हल्की हल्की सी हंसी ,साफ इशारा भी नहीं!
Vishal babu (vishu)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
क्यों इन्द्रदेव?
क्यों इन्द्रदेव?
Shaily
ज्ञान-दीपक
ज्ञान-दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
Anil Mishra Prahari
*नज़्म*
*नज़्म*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...