Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (3)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
13 Jul 2020 10:27 PM

सत्य ,प्रेम के हैं दो रुप एक प्रत्यक्ष दूजा मौन ।
धन्यवाद!

तेरे प्यार का दिया दिल में जलाए रखता हूं।
इस दर्द भरी जिंदगी में जीने की आस जगाए रखता हूं।

श़ुक्रिया !

Loading...