Vindhya Prakash Mishra 390 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Vindhya Prakash Mishra 17 Dec 2019 · 1 min read डगर होइगवा सून *-अवधी कविता-* --------------------------------------- *जाडा आवा। जाडा आवा।* ठिठुर ठिठुर सी सी बोलय सब। छिपे रहै मुँह न खोलय सब। डगर होइगवा सून। जमत अहै अब खून। रोटी कय जुगाड मुश्किल... Hindi · कविता 2 633 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Dec 2019 · 1 min read क्या कहना प्यार करे पर कह न पाए । क्या कहना । दूर रहे पर रह न पाए क्या कहना । बंद आंखों से देखें उसको। क्या कहना । मन ही मन... Hindi · कविता 2 2 541 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Dec 2019 · 1 min read आदत की कोई दवाई नहीं है । जैसा हूँ वैसा समझते रहे तो, इसमें तो कोई बुराई नहीं है । दिल से मिलो अपने को सदा तुम, ऐसे कि मानो कोई खांई नही है । दूरी सदा... Hindi · कविता 2 311 Share Vindhya Prakash Mishra 29 Nov 2019 · 1 min read नफरत रखाना भी अच्छा नहीं है । जीवन है बहुमूल्य समझो इसे तुम। इकपल गवाना भी अच्छा नही है। भुला दो किया जो व्यवहार उसने। नफरत रखाना भी अच्छा नही है। सहयोग न कर सको तो भी... Hindi · कविता 1 243 Share Vindhya Prakash Mishra 29 Nov 2019 · 1 min read कितनी बदसूरत हो है कजरे की धार, गले मोतियो का हार। कितना भी किया श्रृंगार । पर सब हो गया बेकार, कि तुम कितनी बदसूरत हो। कि तुम कितनी बदसूरत हो। #व्यंग्यधार #विन्ध्यप्रकाशमिश्र... Hindi · कविता 2 486 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Nov 2019 · 1 min read बाल दिवस पर बचपन के दिन की यादे प्यारी सी तोतली बाते नही चाह नही परवाह खुशी भरी थी दिन व रातें आगे की परवाह न थी न पछतातें बीती बातें मस्त मगन... Hindi · कविता 1 237 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Nov 2019 · 2 min read सहिष्णुता भारत के रग रग में सहिष्णुता भारत के रग रग में- चार वर्ष पूर्व यह शब्द बडी तेजी से उछला आखिर भारत इतना असहिष्णु(इंटोलरेंश) हो गया है । यह पूणतः काल्पनिक मनगढंत तथा बुद्धिजीवी वर्ग... Hindi · लेख 1 325 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Nov 2019 · 1 min read परेशान दिल्ली बेचारी धूल से है धुंध गहरी मिट रही है छवि सुनहरी। धुआं हो गयी हवा सारी। परेशान दिल्ली बेचारी। दिन नहीं वो दूर अब है प्रदूषण के मारे सब है ।... Hindi · कविता 2 394 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Nov 2019 · 1 min read प्रदूषण से हानि है। मानव ने खूब की मनमानी प्रकृति की कर दी हानि गंदी कर दी हवा पानी खनन किया की मनमानी धरती अब नही रही धानी वृक्ष काट पहुंचायी हानि देख सूरज... Hindi · कविता 1 401 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Nov 2019 · 1 min read महक रहा है महक रहा अपने गुण से वह लोगों ने मसला तोडा है । कांटो के संग पला बढा पर फूल महकना कब छोड़ा है । लगी ठोकरे पग पग पर हमने... Hindi · कविता 1 246 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Oct 2019 · 1 min read दिवाली शुभ होवे। घर मे हो लक्ष्मी का वास खुशियां हो सबके पास अंधेरे का हो जाए नाश दिवाली शुभ होवे। जगमग हो दीप प्रकाश मिल जाए कुछ खास महके कोने तक वास... Hindi · कविता 2 522 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Oct 2019 · 1 min read एक दीपक जल रहा है पतंगा विकल रहा है । एक दीपक जल रहा है । पतंगा विकल रहा है । एक दीपक स्वयं जलकर दूसरो को राह दिखाता पर पतंगा मूर्ख उसको रोकने को पर फैलाता। देखकर प्रगति पर... Hindi · कविता 1 289 Share Vindhya Prakash Mishra 21 Oct 2019 · 1 min read गीत बनाकर गाया कर । दर्द बढ़े जब दिल का अपने गीत बनाकर गाया कर। अपने हैं जो कहाँ का शिकवा। हरदम गले लगाया कर। अपना साथी आप बने तो नयी राह अपनाया कर। क्या... Hindi · कविता 3 343 Share Vindhya Prakash Mishra 18 Oct 2019 · 1 min read एक के साथ दूसरा चांद एक चांद के साथ चांद का होता है दीदार दाम्पत्य प्रेम प्राकट्य का यह पावन त्योहार। पति के दीर्घजीवी की रहती सबकी आस इसी हेतु मे व्रत करे मिटती भूख... Hindi · कविता 1 536 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Oct 2019 · 1 min read करवा चौथ (@ करवा चौथ@) पति से खूब प्रीति बढै निशदिन इस हेतु ही व्रत ये धारति हैं । दीर्घ जीवी बनें नित सुहाग रहे ये प्रेम की दीपक बारति है। पति... Hindi · कविता 4 1 291 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Oct 2019 · 1 min read ऐसी है मेरी घरवाली। कभी कभी मिश्री सी मीठी कभी कडक चाय की प्याली। ऐसी हैं मेरी घरवारी। सुंदर मुखडा शुभ सूचक है । देखें दिन मंगल हो जाता । जिनसे है घर में... Hindi · कविता 2 577 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Oct 2019 · 1 min read राम आओ फिर एक बार पाप का प्रतिफल बढा है । सामने दानव खडा है । अटल पैर सामने जडा है । हंसी है अट्टाहास । राम आओ फिर एक बार। बेटियाँ हैं असुरक्षित ।... Hindi · कविता 2 329 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Oct 2019 · 1 min read दशानन हारा कितना ज्ञान भरा हो अंदर कितनी होवे शक्ति अपार कितनी सेना पीछे चलती कितना होवे स्वर्ण भंडार । कितनी जीत मिली हो जग मे कितना फैला हो साम्राज्य। कितनी भी... Hindi · कविता 2 255 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Sep 2019 · 1 min read पैसों से मत तोले मैं गरीब से जाना जाऊँ इसमें हैं क्या मेरा दोष। मैं पैसो से तौला जाऊँ लग जाता है मेरा मोल कर्म करू असफल हो जाऊ। इसमें न मिलता संतोष ।... Hindi · कविता 1 267 Share Vindhya Prakash Mishra 17 Sep 2019 · 1 min read माँ तो आखिर माँ होती है । माँ तो आखिर माँ होती है । माँ तो आखिर माँ होती है । नहीं कमी होती दुलार में। पालन पोषण स्नेह प्यार में । वत्सलता भरपूर मिली है ।... Hindi · कविता 2 459 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Sep 2019 · 1 min read शब्द है पर बोलू कैसे कहने को बहुत विचार उठे पर शब्द नहीं बोलूं कैसे । अपने अपने न हुए आज। यह राज भला खोलूं कैसे। दूसरे सहारा दे देते मानवता के लेखे देखे। बेचैन... Hindi · कविता 1 409 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Sep 2019 · 1 min read आंशू शब्द बहुत है बोलूं कैसे, हृदय पटल को खोलूं कैसे । जग जानेगा पीड़ा अपनी, भरभर आंशू रो लूँ कैसे ।। Hindi · कविता 1 241 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Sep 2019 · 1 min read रो लूं कैसे । कहने को बहुत विचार उठे पर शब्द नहीं बोलूं कैसे । अपने अपने न हुए आज। यह राज भला खोलूं कैसे। दूसरे सहारा दे देते मानवता के लेखे देखे। बेचैन... Hindi · कविता 227 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Sep 2019 · 1 min read अवधी कविता- जाडा जाडा आवा। ठिठुर ठिठुर सी सी बोलय सब। छिपे रहै न मुह खोलय सब। डगर होइगवा सून। जमत अहै अब खून। रोटी कय जुगाड मुश्किल भा सब धंधा मंदा चौपट... Hindi · कविता 678 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Sep 2019 · 1 min read जल गजल कदम दर कदम हम बढा करते हैं । अपनी ऊँचाइयों तक यूँ ही चढ़ा करते हैं । लिखते कम है आजकल खुद की बातें । आपके सारे जज्बात पढा करते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 279 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Sep 2019 · 1 min read शिक्षक #शिक्षक । ——————————– शिक्षक का सम्मान हो, जो है ईश समान। सही राह दिखलाए देते हैं सद्ज्ञान। परिश्रमी नवोन्मेषी जो समाज की शान भावी के निर्माण में इनका योगदान ।... Hindi · कविता 3 649 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Aug 2019 · 1 min read हर भाई की इक बहना हो। हर बहना का इक भाई हो, सुंदर सजी कलाई हो। हर भाई को बहना मिले परिवार सानंद सुखदाई हो। आंगन बहनों से गुलजार रहे, रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई हो ।।... Hindi · कविता 2 518 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Aug 2019 · 1 min read कीमत कीमत पर मत जाओ कीमत घट बढ़ जाती है कीमत ही सरे बाजार बोली लगवाती है। मांग सही हो जिसकी वह महंगा कहलाता है । जिसकी कीमत नही कभी लाखों... Hindi · कविता 2 1 237 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Aug 2019 · 1 min read प्यारी बहना तुम खुश रहना सबसे प्यारी मेरी बहना , तुम हरदम यूँ ही खुश रहना, मिले सदा ही प्यार रक्षाबंधन का त्योहार । पावन रिश्ता भाई बहन का, बढ़े प्रेम अपार रक्षाबंधन का त्योहार... Hindi · कविता 2 460 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Aug 2019 · 1 min read माखन सा कष्ट चुरा लो। -श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ - ____________________________________ मुरलीधर कुंजबिहारी तेरी है महिमा न्यारी मटकी फोड़े माखन ले कई नाम तेरे बनवारी। मुरलीधुन सुनकर मोहित गाय गोप नर नारी ।। मोहनि... Hindi · कविता 2 490 Share Vindhya Prakash Mishra 18 Aug 2019 · 1 min read बात दिल जो बोलता है, वही बात लिखते हैं । चल रहा है जो आजकल वही हालात लिखते हैं । कवि लेखक वक्ता प्रवक्ता क्यों कहते हो मुझे । मन में... Hindi · मुक्तक 2 568 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2019 · 1 min read नमन स्वर्ग धरा को नमन आज उस स्वर्ग धरा की सोना जिसकी माटी है। झुकना नहीं जानते हम सब, बलिदान मेरी परिपाटी है । ललकारे जो हमें शत्रु उसकी गर्दन काटी है । नमन... Hindi · कविता 2 463 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2019 · 1 min read तिरंगा भारत की है शान तिरंगा भारत की है शान लहर रहा उत्तुंग शिखर तक विजय रही पहचान तिरंगा भारत की है शान। हानि नजर जब शत्रु उठाता पल भर जीवित न रह पाता। वीर... Hindi · कविता 2 468 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Aug 2019 · 1 min read मुझे स्वीकार नहीं स्वाभिमान पर चोट मुझे स्वीकार नहीं, जिस जन में है खोट मुझे स्वीकार नहीं । समझौते हो स्वार्थ हेतु स्वीकार नहीं । गल्प रहा हो व्यर्थ मुझे स्वीकार नहीं ।... Hindi · कविता 2 495 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Aug 2019 · 1 min read माँ शारदे माँ शारदे कर मे लेकर पुष्प हार करते वंदन शत शत बार हमको अज्ञानता से तार दे ** माँ शारदे माँ शारदे। आये शरण में तुम्हारे तू अंधेरो से निकाले।... Hindi · कविता 3 435 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Aug 2019 · 2 min read गुड़िया क्यों पीटी जाती है । गुडिया क्यों पीटी जाती है- विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र की कलम से- भारतीय संस्कृति संस्कार में कन्या पूजनीय होती हैं पर यह गुड़िया पीटने की परम्परा आश्चर्य करती हैं ।वह... Hindi · लेख 2 945 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Aug 2019 · 1 min read व्यंजन गीत क ख ग घ ड़ गाओ। च छ ज झ ञ सुनाओ।। ट ठ ड ढ ण सरल है । त थ द ध न से नल है ।। प... Hindi · कविता 2 234 Share Vindhya Prakash Mishra 31 Jul 2019 · 1 min read पुस्तक मेरी सखी सहेली बाल कविता ( पुस्तक) हरी रंगीली काली पीली नयी किताबे रंग रंगीली अगली कक्षा मे हम पहुंचे तब मिलती है नयी नवेली कितनी प्यारी दोस्त हमारी पुस्तक मेरी सखी सहेली... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1k Share Vindhya Prakash Mishra 30 Jul 2019 · 1 min read बदरा आजा रे! बदरा नभ में घिर घिर आओ, तपन मिलन की धरती को हैं । मिलकर स्नेह बढाओ । बदरा नभ में घिर घिर आओ। तुम बिन नभ शून्य कहाता, तुम ही... Hindi · कविता 2 269 Share Vindhya Prakash Mishra 29 Jul 2019 · 1 min read भारी बस्ता कापी बीस। -------आधुनिक शिक्षा- --- भारी बस्ता कापी बीस, ऊपर से है मोटी फीस । कही पढ़ाई का नाम नहीं है, अच्छा कोई परिणाम नहीं है । नंबर की है मारा मारी।... Hindi · कविता 2 469 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Jun 2019 · 1 min read मुह जबानी मेरी साँस में मेरी एहसास में तुम हो । मेरी आस में मेरी पास में तुम हो । कहने जताने वाले कोई और होते हैं । महसूस करो दिल के... Hindi · मुक्तक 2 224 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Jun 2019 · 1 min read चूहे राजा चूहे राजा मस्त बड़े, दो पैरो रहे खड़े । छोटा मुख पर है शैतान खडे दिखे है दोनो कान। कुतर कुतर कर दाने खाते, बिल्ली देख बिल में घुस जाते... Hindi · कविता · बाल कविता 2 397 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Jun 2019 · 1 min read चांद पर चाहे बाद में जाना चांद पर कुछ बाद में जाना, कुछ आवश्यक कर्तव्य निभाना, काल कवलित हो रहे है मासूम, इस का कोई हल ढूंढना । हाहाकार मचा बिहार में, जान ले रहा बुखार... Hindi · कविता 3 250 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Jun 2019 · 1 min read अनमोल जिंदगानी है । चरागा जल रहा है हवाओ की मेहरबानी है, हवाओ से जला है , हवाओं को ही बुझानी है । कैसे गुरूर करता अपने पर दो दिनों की जिंदगानी है ।... Hindi · कविता 2 242 Share Vindhya Prakash Mishra 27 May 2019 · 1 min read जीवन सूखे बंजर हो गये। जीवन सूखे बंजर हो गए, कांटे बढकर खंजर हो गए। चुभे हृदय में सूल, दुख कैसे जाऊ भूल। कही सहायक नहीं है अपने, भूल गए आंखो के सपने । सब... Hindi · कविता 2 419 Share Vindhya Prakash Mishra 27 May 2019 · 1 min read कभी कभी खुद को समझाया कर । कोई नहीं अपना तो भी खुशी मनाया कर। कभी कभी खुद को समझाया कर। स्वयं चले ही पथ कटते है । अपने बल से ही नग हटते है । कर... Hindi · कविता 2 2 314 Share Vindhya Prakash Mishra 27 May 2019 · 1 min read शुभ प्रभात सुबह हुई सुंदर मतवाली, दूर हुआ नभ से तम अब तो दिखने लगी पूरब में लाली। चिड़िया चहकी कलिया महकी। महक उठी डाली हर डाली । भंवरे मस्त मगन फूलों... Hindi · कविता 2 263 Share Vindhya Prakash Mishra 27 May 2019 · 1 min read बेटी को जन्म दिन पर बधाई । फुलवा बन आंगन में महको, बेटी खुशियाँ से तुम चहको। मिल जाएँ लम्बी उमर तुम्हे, जीवन हो तुम्हारे सौ बरसों । नित नई ऊंचाई पर चढ लो, रोशनी बनो नित... Hindi · कविता 2 251 Share Vindhya Prakash Mishra 15 May 2019 · 1 min read दुख को कैसे जाऊँ भूल । जीवन सूखे बंजर हो गए, कांटे बढकर खंजर हो गए। चुभे हृदय में सूल, दुख कैसे जाऊ भूल। कही सहायक नहीं है अपने, भूल गए आंखो के सपने । सब... Hindi · कविता 2 478 Share Vindhya Prakash Mishra 12 May 2019 · 1 min read मातृ दिवस पर- माता जीवन दाता है । *माता जीवन दाता है ।* माता जीवन दाता है, माता भाग्य विधाता है । माता जन्म प्रदाता है । माता से जन्मो से नाता है । माता से मिलती नित... Hindi · कविता 2 429 Share Previous Page 3 Next