Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Nov 2019 · 1 min read

महक रहा है

महक रहा अपने गुण से वह
लोगों ने मसला तोडा है ।
कांटो के संग पला बढा पर
फूल महकना कब छोड़ा है ।
लगी ठोकरे पग पग पर
हमने चलना कब छोड़ा है ।
लहरे हो विपरीत परिस्थिति
को मैंने लडकर मोड़ा है ।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र

Language: Hindi
1 Like · 220 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2765. *पूर्णिका*
2765. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Ram Mandir
Ram Mandir
Sanjay ' शून्य'
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sidhartha Mishra
बचपन कितना सुंदर था।
बचपन कितना सुंदर था।
Surya Barman
💐प्रेम कौतुक-204💐
💐प्रेम कौतुक-204💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
पूर्वार्थ
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
Anand Kumar
🙅आज का सवाल🙅
🙅आज का सवाल🙅
*Author प्रणय प्रभात*
शेर
शेर
Monika Verma
मौत के लिए किसी खंज़र की जरूरत नहीं,
मौत के लिए किसी खंज़र की जरूरत नहीं,
लक्ष्मी सिंह
छिपकली
छिपकली
Dr Archana Gupta
शिक्षक जब बालक को शिक्षा देता है।
शिक्षक जब बालक को शिक्षा देता है।
Kr. Praval Pratap Singh Rana
आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइ
आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइ
संजीव शुक्ल 'सचिन'
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
अस्तित्व की पहचान
अस्तित्व की पहचान
Kanchan Khanna
तन से अपने वसन घटाकर
तन से अपने वसन घटाकर
Suryakant Dwivedi
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
Basant Bhagawan Roy
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
Neeraj Agarwal
सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न
सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न
Dr MusafiR BaithA
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
"मिर्च"
Dr. Kishan tandon kranti
जिन्दगी की धूप में शीतल सी छाव है मेरे बाऊजी
जिन्दगी की धूप में शीतल सी छाव है मेरे बाऊजी
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*आते बारिश के मजे, गरम पकौड़ी संग (कुंडलिया)*
*आते बारिश के मजे, गरम पकौड़ी संग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अस्थिर मन
अस्थिर मन
Dr fauzia Naseem shad
मिलने वाले कभी मिलेंगें
मिलने वाले कभी मिलेंगें
Shweta Soni
यह सब कुछ
यह सब कुछ
gurudeenverma198
Behaviour of your relatives..
Behaviour of your relatives..
Suryash Gupta
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता आजादी अभी अधूरी है ।।
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता आजादी अभी अधूरी है ।।
Kailash singh
Loading...