Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2023 · 1 min read

यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,

यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
यकीनन एक रोज ऐसा होगा जब तुम खुद को नहीं पहचान पाओंगे,
और ये बदलने वाले छोड जाएंगे तुम्हारी हाल पे और,
तुम किसी और का क्या, खुद का भी नहीं हो पाओं

187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"बीज"
Dr. Kishan tandon kranti
याद तुम्हारी......।
याद तुम्हारी......।
Awadhesh Kumar Singh
देव-कृपा / कहानीकार : Buddhsharan Hans
देव-कृपा / कहानीकार : Buddhsharan Hans
Dr MusafiR BaithA
दस्तक भूली राह दरवाजा
दस्तक भूली राह दरवाजा
Suryakant Dwivedi
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
Vishal babu (vishu)
आवारा पंछी / लवकुश यादव
आवारा पंछी / लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
अभिनव अदम्य
" जलाओ प्रीत दीपक "
Chunnu Lal Gupta
हमें सूरज की तरह चमकना है, सब लोगों के दिलों में रहना है,
हमें सूरज की तरह चमकना है, सब लोगों के दिलों में रहना है,
DrLakshman Jha Parimal
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
बना है राम का मंदिर, करो जयकार - अभिनंदन
बना है राम का मंदिर, करो जयकार - अभिनंदन
Dr Archana Gupta
एक दिवाली ऐसी भी।
एक दिवाली ऐसी भी।
Manisha Manjari
** अरमान से पहले **
** अरमान से पहले **
surenderpal vaidya
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
Rekha khichi
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
लक्ष्मी सिंह
प्राची संग अरुणिमा का,
प्राची संग अरुणिमा का,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
कवि दीपक बवेजा
💐Prodigy Love-39💐
💐Prodigy Love-39💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
■ आज का क़तआ (मुक्तक)
■ आज का क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
आप चाहे जितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठे हों, अगर पद के अनुर
आप चाहे जितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठे हों, अगर पद के अनुर
Anand Kumar
मैं तो महज एक ख्वाब हूँ
मैं तो महज एक ख्वाब हूँ
VINOD CHAUHAN
खुद से मिल
खुद से मिल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
इंतज़ार मिल जाए
इंतज़ार मिल जाए
Dr fauzia Naseem shad
इन्सानियत
इन्सानियत
Bodhisatva kastooriya
संघर्ष जीवन हैं जवानी, मेहनत करके पाऊं l
संघर्ष जीवन हैं जवानी, मेहनत करके पाऊं l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
बेवजह यूं ही
बेवजह यूं ही
Surinder blackpen
कीजै अनदेखा अहम,
कीजै अनदेखा अहम,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भगवत गीता जयंती
भगवत गीता जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...