Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2019 · 1 min read

बात

दिल जो बोलता है, वही बात लिखते हैं ।
चल रहा है जो आजकल वही हालात लिखते हैं ।
कवि लेखक वक्ता प्रवक्ता क्यों कहते हो मुझे ।
मन में आ गया जो कुछ वही जज्बात लिखते हैं ।
Vindhya Prakash Mishra
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र

Language: Hindi
2 Likes · 506 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"आओ मिलकर दीप जलायें "
Chunnu Lal Gupta
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
अपनी स्टाईल में वो,
अपनी स्टाईल में वो,
Dr. Man Mohan Krishna
तुम्हीं हो
तुम्हीं हो
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
हे मनुज श्रेष्ठ
हे मनुज श्रेष्ठ
Dr.Pratibha Prakash
"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi
Rahul Singh
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Akshay patel
इतिहास गवाह है
इतिहास गवाह है
शेखर सिंह
2757. *पूर्णिका*
2757. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मजदूर
मजदूर
Harish Chandra Pande
बेटी के जीवन की विडंबना
बेटी के जीवन की विडंबना
Rajni kapoor
साल को बीतता देखना।
साल को बीतता देखना।
Brijpal Singh
कान्हा भजन
कान्हा भजन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुसुमित जग की डार...
कुसुमित जग की डार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
विद्रोही
विद्रोही
Shekhar Chandra Mitra
नहीं हूँ अब मैं
नहीं हूँ अब मैं
gurudeenverma198
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
विचार
विचार
Godambari Negi
"प्रार्थना"
Dr. Kishan tandon kranti
मकानों में रख लिया
मकानों में रख लिया
abhishek rajak
इतना रोई कलम
इतना रोई कलम
Dhirendra Singh
खोकर अपनों को यह जाना।
खोकर अपनों को यह जाना।
लक्ष्मी सिंह
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
■ प्रबुद्धों_के_लिए
■ प्रबुद्धों_के_लिए
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
Dr Tabassum Jahan
वह नही समझ पायेगा कि
वह नही समझ पायेगा कि
Dheerja Sharma
ईद मुबारक
ईद मुबारक
Satish Srijan
रंगों की बारिश (बाल कविता)
रंगों की बारिश (बाल कविता)
Ravi Prakash
हर कदम प्यासा रहा...,
हर कदम प्यासा रहा...,
Priya princess panwar
पर्वत 🏔️⛰️
पर्वत 🏔️⛰️
डॉ० रोहित कौशिक
Loading...