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5 Aug 2019 · 2 min read

गुड़िया क्यों पीटी जाती है ।

गुडिया क्यों पीटी जाती है-
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र की कलम से-
भारतीय संस्कृति संस्कार में कन्या पूजनीय होती हैं पर यह गुड़िया पीटने की परम्परा आश्चर्य करती हैं ।वह समाज जो कन्या पूजन करता है नागपंचमी के दिन आखिर कपड़े की बनी हुई गुड़िया क्यों पीटता है । इस रहस्य का पर्दाफाश मैं विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र अपने स्तर पर किंवदंती तथा कथा के परे जाकर वैज्ञानिक तरीके से सोचकर कर रहा हूँ ।
सभी भारतीय त्योहार के पीछे कोई न कोई कारण अवश्य रहता है क्योंकि त्योहार खुशियों का जनक है । कई पर्व इसप्रकार हैं जिसके पीछे का वैज्ञानिक कारण स्पष्ट दिखाई देता है पर गुड़िया पीटने के पीछे का वैज्ञानिक कारण स्पष्ट नहीं है ।
जब इसबात पर मैं शोध कर रहा था कि इसी क्रम में मुझे एक जनरल पत्रिका में एक मनोवैज्ञानिक लेख पढने को मिला जिसमें लोग अपने कार्यालय के कर्मचारियों तथा बाॅस के
आन्तरिक खीज कुंठा को निकालने के लिए वर्ष में एक बार
उसी व्यक्ति का पुतला बनाकर उसे मुक्के मारते हैं ।
यह समझने में अब कोई देर नहीं लगी कि लोग सांकेतिक पुतला बनाकर क्यों मारते हैं और मन के कुंठा को बाहर करते हैं । और स्वस्थ रहते है ।
केवल यही नहीं एक और घटना के संदर्भ लेने पर यह बात और स्पष्ट हो जाती है । लोग कुछ सामान की तोड़ने के लिए एक स्थान पर जाते हैं और घरेलू सामान को डंडे से तोड़ते है बदले में उसका निश्चित दाम देकर कुछ सुकून महसूस करते हैं । यह संदर्भ भी मनोवैज्ञानिक है ।इसी से जुडा हमारा गुड़िया पीटने का त्योहार भी है जब हम कन्या को पूजते है तो उसकी गलतियो पर भी हम उसे नहीं मारते पर वर्ष में एकबार इस पर्व के बहाने हम पीटने की दमित इच्छा को पूरा करते हैं तथा हल्के मन से पुनः स्वस्थ जीवन जीते हैं ।
इसके बाद कन्या से पान खाकर पैर छूते हैं । तथा कभी भी कन्या पर हाथ नहीं उठाते। यही मनोवैज्ञानिक कारण इस त्योहार में है ।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र
नरई संग्रामगढ प्रतापगढ उ प्र
9198989831
Email – Prakashvindhya56@gmail.com

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 868 Views
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