Vindhya Prakash Mishra 390 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Vindhya Prakash Mishra 21 Apr 2019 · 1 min read क्योकी धनवान कहाते हो। पैसे से खेल खेलने वाले, क्यों पैसो से मुझको तौल रहे । विश्वास मुझे है धनी हूँ मैं । कैसे गरीब तुम बोल रहे। हो सकता है कम पैसे हैं,... Hindi · कविता 2 413 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Apr 2019 · 1 min read उडी पतंग बाल कविता ---------------------------- उडती नभ में लाल पतंग, जुड़े हैं धागे उसके संग। खींच रहे जब नीचे डोर, उडती है वह नभ की ओर। उछल रहे हैं संगी साथी लूट... Hindi · कविता · बाल कविता 2 519 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Apr 2019 · 1 min read बिल्ली मौसी बड़ी सयानी *बाल कविता*- बिल्ली मौसी बड़ी सयानी, दिन भर करती है शैतानी। चूहे पर है राज चलाती, आंख दिखाकर उसे डराती। चूहे देख बिल में छिप जाते, सभी मित्रों को समझाते।... Hindi · कविता · बाल कविता 2 590 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Mar 2019 · 1 min read माना कि कमिया बहुत है। माना कि कमियां बहुत है मुझमें, पर मैं दिल से सही कर रहा हूँ । गलत है कदम एक भी यदि हमारे । न नफरत करो मुझसे खुलकर बता दो।... Hindi · कविता 1 523 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Mar 2019 · 1 min read आयी वसंत की होली आयी बसंत की होली मीठी लगती है बोली रंग सराबोर है वन मे लाल सुनहरी पीली फाग का रंग चढा है सब निकल पडी है टोली प्रिय प्रियतम को रंग... Hindi · कविता 1 231 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Mar 2019 · 1 min read जोगीरा सारा रारा रा रोजगार गायब हो गए, नवयुवक हुए बेकार, पकौडा तल रोजगार लो, कहती है सरकार ।। जोगीरा सा रा रा रा रा। धन लूट कर लोग भागते, रक्षा करने वाले बेकार... Hindi · कविता 1 1 319 Share Vindhya Prakash Mishra 18 Mar 2019 · 1 min read वह नेता है । घपले घोटाले में, अपने हिस्से ले लेता है वह नेता है। कभी पेंशन , आवास मे भी आंशिक घूस लेता है वह नेता है । कभी राशन मे घपलेबाजी पल... Hindi · कविता 1 247 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Mar 2019 · 1 min read आंगन की किलकारी बेटी आंगन की किलकारी बेटी, हम सब की दुलारी बेटी । महक रही कोने कोने तक घर की सुंदर फुलवारी बेटी । माँ की राजकुमारी बेटी वत्सलता से पाली बेटी ।... Hindi · कविता 1 676 Share Vindhya Prakash Mishra 6 Mar 2019 · 1 min read वीणापाणि नमस्तुभ्यम् वीणापाणि नमस्तुभ्यम ------------------------------------------- श्वेताम्भोज सदृश वस्त्र धारिणी अज्ञानापहा देवि हंसवाहिनी वीणा पुस्तक धारिणी सुखकारिणी विद्या वरदान देहि देवि हंसवाहिनी। वीणा नाद करती हो हरती अज्ञान सबका श्वेत कमल वासिनी माँ... Hindi · कविता 1 532 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Feb 2019 · 1 min read अगर कोई चुनाव न हो । अगर कोई चुनाव न हो। गरीबों दलितो मजदूरों, किसानों युवाओ की बात न हो अगर कोई चुनाव न हो। बंद रहे गाली की किताबें छिपे रहे घोटालों के राज, शिलान्यास... Hindi · कविता 2 490 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Feb 2019 · 1 min read *माँ की चरण वंदना* माँ की चरण वंदना कर लो खुशियों से झोली भर लो सभी तीर्थ स्थल चरणों में कहाँ ढूंढता रहता वन में । जन्मदात्री ममता मूरत, माँ के पाँव सब तीर्थ... Hindi · कविता 1 1k Share Vindhya Prakash Mishra 18 Feb 2019 · 1 min read अमर जिसकी निशानी है। नमन उन वीर शहीदो को, अमर हुई निशानी है। देह देकर भारत माता को, अमर हो गयी कहानी है। धन्य हुई मां जनकर जिसको दूध जिसका बलिदानी है। देगे मुहतोड... Hindi · कविता 1 417 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Feb 2019 · 1 min read हम नेता ही लोकतंत्र के रखवाले है । हम नेता ही लोकतंत्र के रखवाले है। एक नही सौ सौ गुंडे पाले है। बाहर से है श्वेतवसन पर मेरे हर कारनामे काले है । हम नेता ही लोकतंत्र के... Hindi · कविता 2 256 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Feb 2019 · 1 min read #सरस्वती वंदना# *वीणापाणि भवानी शारदे* वीणापाणि भवानी शारदे, ज्ञान की ज्योति जला दे। भर दो नव पुंज प्रकाश के ज्ञान बढे ऐसा वर दे वीणापाणि भवानी शारदे, कर पुस्तक धारिणी भवानी, हम... Hindi · कविता 1 471 Share Vindhya Prakash Mishra 6 Feb 2019 · 1 min read मुखौटे में इंसान, कैसे हो पहचान मुखौटा पहने है लोग यहां , सच की कैसे पहचान करे। बाहर से अमृत है दिखता ,अंदर से पूरे गरल भरे । इंसान आज दुर्लभ है जग मे ,रोज ठगे... Hindi · कविता 1 246 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Jan 2019 · 1 min read सुंदर गणतंत्र मनाना है । भारत माँ के लाल एक हो सुंदर गणतंत्र बनाना है । हम सबको मिलकर देश में तिरंगा फहराना है । जातिवाद धर्म की आड़ में जो बाटे हमें सबक सिखाए... Hindi · कविता 1 335 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Jan 2019 · 1 min read मन मंथर गति से कुछ डोले मन मंथर गति से कुछ डोले संभल रहा होठो तक आकर चुप हूँ सोच रहा क्या बोलें। पर लेखनी मचल उठती है, नहीं रुके मन की हलचल । कितना चुप... Hindi · कविता 1 225 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Jan 2019 · 1 min read नये वर्ष से बड़ी आस है ।। नया वर्ष स्वागत है तुम्हारा। कुछ आशा कुछ नयी रोशनी लेकर आये साथ साथ में कुछ जिजीविषा का मूल भी लेकर आये नई प्रात में ।। सुबह रोशनी सी विखेर... Hindi · कविता 1 332 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Dec 2018 · 1 min read नया वर्ष हो मंगलमय नया वर्ष आने वाला है कल स्वयं में बदलाव की पहल हर समस्या का सही हल। समय कहता चल चला चल हौसले रहे केवल स्थिर अचल। बदलाव की पहल करें... Hindi · कविता 1 248 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Dec 2018 · 1 min read अपने -अपने सपने @मैंने भी सपने देखें हैं ।@ मैंने भी सपने देखें हैं । सोकर नहीं जाग जागकर मैंने भी सपने देखें हैं । सुख की नींद त्याग त्यागकर रोज समझते अब... Hindi · कविता 1 322 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Dec 2018 · 1 min read क्रोधाग्नि है जिसका भूषण, उसको क्यों शीत लगेगी। क्रोधाग्नि है जिसका भूषण शीत उसे क्यों लगती होगी । आग उगलते जो जिह्वा से शीत उसे क्यों लगती होगी । सुखी देख कर अपने लोगों को जो जलते क्या... Hindi · कविता 2 290 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Dec 2018 · 1 min read क्यों उडना भूल गया । पंक्षी तेरे सबल पंख क्यों उडना भूल गया। लक्ष्य नहीं पर राह बहुत है । सीधा चलता बिना बात के मुडना भूल गया । क्यों उडना भूल गया । सब... Hindi · कविता 2 535 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Dec 2018 · 1 min read भारी बस्ता कापी बीस। हम पढने जब जाते हैं । कमजोर है हाथ हमारे कोई नहीं है साथ हमारे बस्ता वजन उठाते हैं हम पढ़ने जब जाते हैं । भरी कापियां बीस प्रकार ऊपर... Hindi · कविता 2 2 245 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Dec 2018 · 1 min read ईश्वर दे दो यह वरदान । ईश्वर दे दो यह वरदान । कम मे संतोष सदा ही असहायो को दे सकूँ योगदान ईश्वर दे दो यह वरदान । कुछ बनना मैं बाद में सोचू बन जाऊँ... Hindi · कविता 1 551 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Nov 2018 · 1 min read दीपावली के घरौदे। बचपन के घरौदे ही अच्छे । बटवारे का नही बिवाद एक साथ सब मिलकर रहते विभाजन की नही दिवार। खुशिया है हर एक भाग मे नही उठा है कोई बवाल।... Hindi · कविता 2 548 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माता – मां मां माता। माता जीवन दाता है। माता भाग्य विधाता है। माता से मिलती है सीख माता मे दिखता है ईश। माता से मिलती ममता है। माता से न... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 22 603 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Oct 2018 · 1 min read दीपावली मनाना है । घने अंधेरा को काटेगे अमा निशा मे प्रकाश बांटेगे दीपो ने यह ठाना है दीपावली मनाना है नही अंधेरा राज चलेगा तम का जोर अब नही चलेगा दीप पंक्ति जलाना... Hindi · कविता 1 432 Share Vindhya Prakash Mishra 29 Oct 2018 · 1 min read दीपक दिल की कालिमा मिटा दो। खुशी से जगमग हो जीवन दीप पंक्तियां दमके चमके स्निग्ध तेल हो मन मे सबके दयाभाव हो हममे सब मे जगमग करदे नगर डगर मे दिल तक कालिमा मिटा दे... Hindi · कविता 1 271 Share Vindhya Prakash Mishra 28 Oct 2018 · 1 min read असर दुआवो का वजन हवाओं में भी होता है । काम राख का भी पड़ता है । समझो अपनी कीमत तो सही । केवल सोने हीरे ही महँगे नहीं है । जहाँ दवा... Hindi · कविता 2 252 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Oct 2018 · 1 min read चांद का दीदार चांद के साथ एक चांद के साथ चांद का होता है दीदार दाम्पत्य प्रेम प्राकट्य का यह पावन त्योहार। पति के दीर्घजीवी की रहती सबकी आस इसी हेतु मे व्रत करे मिटती भूख... Hindi · कविता 2 493 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Oct 2018 · 1 min read आंसू से गीला तन है । फिर कुछ कहने का मन है । कलम उठी लिखने को बात नहीं मिला मुझको कोई साथ । संवादो में बहे बेदना। आंसू से गीला तन है । फिर कुछ... Hindi · कविता 3 498 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Oct 2018 · 1 min read दश हारा असत्य पर सत्य की विजय होगी। लंकाधिपति पर पुरुषोत्तम की जय होगी । ईश्वर का आशीर्वाद होगा जीवन में । सफलता जीवन में निश्चय होगी।। Hindi · कविता 2 368 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Oct 2018 · 1 min read मन कहता नेता बन जाऊँ- मन कहता नेता बन जाऊ। पहनू लम्बा कुर्ता टोपी जोर जोर से मैं चिल्लाऊ। मन कहता नेता बन जाऊँ कोई नहीं पूछेगा पढाई टैक्स नहीं जो होगी कमाई बी आई... Hindi · कविता 4 1 506 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Oct 2018 · 1 min read चलने का संकल्प मन में है ठाना चलने का संकल्प मन में है ठाना नही फर्क पड़ता किधर है जमाना । झोली मे कुछ तो लेकर के आना कई व्यंग्य शर है चले आ रहे पर उनसे... Hindi · कविता 2 241 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Sep 2018 · 1 min read इक सेल्फी की खातिर । कितनी मैंने कोशिश की है इक सेल्फी की खातिर । बार बार मुख को मटकाया इक सेल्फी की खातिर । अपनी जान खतरे में डाली इक सेल्फी की खातिर लाइक... Hindi · कविता 2 492 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Sep 2018 · 1 min read बस्ता वजन उठाते हैं हम पढ़ने जब जाते हैं । हम पढने जब जाते हैं । कमजोर है हाथ हमारे कोई नहीं है साथ हमारे बस्ता वजन उठाते हैं हम पढ़ने जब जाते हैं । भरी कापियां बीस प्रकार ऊपर... Hindi · कविता 2 245 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Sep 2018 · 1 min read तीज त्योहार पति हो दीर्घजीवी अमर रहे जो सदा सुहाग शिव का आशीर्वाद मिले और सुख से भरा रहे घर द्वार । कठिन तपस्या करती नारी। रहती निर्जल दिन और रात ।... Hindi · कविता 2 344 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Sep 2018 · 1 min read पत्थर तब बनता भगवान देखो हिम्मत चट्टानो की तेज वेग है तूफानो की लडता है सीना को तान पत्थर तब बनता भगवान छेनी की तेज धार को एक नही हजार वार को सहती है... Hindi · कविता 2 419 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Sep 2018 · 1 min read आवाज ही व्यक्तित्व की पहचान बनती है । ज्यादा बोलने से बकवास बनती है । दिलासा दे शब्द नयी आस बनती है । बडी ताकत है शब्द में जाना मैंने।। सत्यता की कसौटी से सुभाष बनती है ।।... Hindi · कविता 2 478 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Sep 2018 · 1 min read भगवान भी इंसान से परेशान हैं । जिंदगी की जंग में जो पहलवान है । जीने की जुगत में कितने परेशान हैं । धन ही नहीं सब कुछ जीवन समझ लो इंसानियत रहे जिंदा वही इंसान है... Hindi · कविता 4 410 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Sep 2018 · 1 min read मरकर भी सह रही गरीबी बीमारी से बेबस लाचार दुख के बादल घिर आया था छोड दिया जब साथ संगिनी एंबुलेंस भी न पाया था। दवा मिली न साधन सुविधा तीन दिनों से न खाया... Hindi · कविता 2 240 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Sep 2018 · 1 min read माखन सा कष्ट चुरा लो मोहन -श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ - ____________________________________ मुरलीधर कुंजबिहारी तेरी है महिमा न्यारी मटकी फोड़े माखन ले कई नाम तेरे बनवारी। मुरलीधुन सुनकर मोहित गाय गोप नर नारी ।। मोहनि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 492 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Sep 2018 · 1 min read शिक्षक दिवस पर कविता #शिक्षक पर कविता -------------------------------- शिक्षक का सम्मान हो, जो है ईश समान। सही राह दिखलाए देते हैं सद्ज्ञान। परिश्रमी नवोन्मेषी जो समाज की शान भावी के निर्माण में इनका योगदान... Hindi · कविता 1 664 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Aug 2018 · 1 min read पंक्षी तेरे सबल पंख पंक्षी तेरे सबल पंख क्यों उडना भूल गया। लक्ष्य नहीं पर राह बहुत है । सीधा चलता बिना बात के मुडना भूल गया । क्यों उडना भूल गया । सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 317 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Aug 2018 · 1 min read प्यारी बहना तुम खुश रहना। सबसे प्यारी मेरी बहना , तुम हरदम यूँ ही खुश रहना, मिले सदा ही प्यार रक्षाबंधन का त्योहार । पावन रिश्ता भाई बहन का, बढ़े प्रेम अपार रक्षाबंधन का त्योहार... Hindi · कविता 1 501 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Aug 2018 · 1 min read हर भाई की इक बहना हो। हर बहना का इक भाई हो, सुंदर सजी कलाई हो। हर भाई को बहना मिले परिवार सानंद सुखदाई हो। आंगन बहनों से गुलजार रहे, रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई हो ।।... Hindi · कविता 1 377 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Aug 2018 · 1 min read रोजगार की तलाश में रोज खोजता रहा, रोजगार खोजता रहा । बच्चों को पालने का , व्यवसाय खोजता रहा । कही दंगा कही अफवाह का, बाजार मिला। कही नफरत कही करने को बेगार मिला।... Hindi · कविता 1 290 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2018 · 1 min read नमन नमन आज उस स्वर्ग धरा की सोना जिसकी माटी है। झुकना नहीं जानते हम सब, बलिदान मेरी परिपाटी है । ललकारे जो हमें शत्रु उसकी गर्दन काटी है । नमन... Hindi · कविता 1 462 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2018 · 1 min read तिरंगा भारत की है शान । तिरंगा भारत की है शान लहर रहा उत्तुंग शिखर तक विजय रही पहचान तिरंगा भारत की है शान। हानि नजर जब शत्रु उठाता पल भर जीवित न रह पाता। वीर... Hindi · कविता 1 492 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Aug 2018 · 1 min read सावन भावन सुंदर पावस के दिन आये उमड़ घुमड कर पर्वत जैसे नभ में बादल छाए, सुंदर पावस के दिन आये। रिम झिम बूँदे छनती पत्तों से पक्षी पंख रहे फरकाए मुदित... Hindi · कविता 2 427 Share Previous Page 4 Next