Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2018 · 1 min read

तिरंगा भारत की है शान ।

तिरंगा भारत की है शान
लहर रहा उत्तुंग शिखर तक
विजय रही पहचान
तिरंगा भारत की है शान।
हानि नजर जब शत्रु उठाता
पल भर जीवित न रह पाता।
वीर हर लेते उसके प्रान।
तिरंगा भारत की है शान ।
लहराता जब मुक्त गगन में
बस जाता है हर इक मन में
जीत रहा है जहाँन
तिरंगा भारत की है शान ।
रक्षक प्रहरी सजग रहे हैं
इसको अपना प्राण कहे हैं ।
रहे हैं शत्रु भी लोहा मान ।
तिरंगा भारत की है शान ।।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र
Pinku1009@gmail.com

Language: Hindi
1 Like · 388 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कल सबको पता चल जाएगा
कल सबको पता चल जाएगा
MSW Sunil SainiCENA
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*स्वयंवर (कुंडलिया)*
*स्वयंवर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग.!
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग.!
शेखर सिंह
हिंदी का आनंद लीजिए __
हिंदी का आनंद लीजिए __
Manu Vashistha
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
#संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !!
#संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
शक्ति राव मणि
एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
Neelam Sharma
कम्बखत वक्त
कम्बखत वक्त
Aman Sinha
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
Sanjay ' शून्य'
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
डॉ. शिव लहरी
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
Satish Srijan
"आज़ादी के 75 सालों में
*Author प्रणय प्रभात*
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
दुर्जन ही होंगे जो देंगे दुर्जन का साथ ,
दुर्जन ही होंगे जो देंगे दुर्जन का साथ ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सच सोच ऊंची उड़ान की हो
सच सोच ऊंची उड़ान की हो
Neeraj Agarwal
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
पूर्वार्थ
2675.*पूर्णिका*
2675.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तलाशता हूँ उस
तलाशता हूँ उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ
Atul "Krishn"
गणपति अभिनंदन
गणपति अभिनंदन
Shyam Sundar Subramanian
खता मंजूर नहीं ।
खता मंजूर नहीं ।
Buddha Prakash
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
Ranjeet kumar patre
है नसीब अपना अपना-अपना
है नसीब अपना अपना-अपना
VINOD CHAUHAN
मेरा मन उड़ चला पंख लगा के बादलों के
मेरा मन उड़ चला पंख लगा के बादलों के
shabina. Naaz
** पहचान से पहले **
** पहचान से पहले **
surenderpal vaidya
मां जब मैं रोजगार पाऊंगा।
मां जब मैं रोजगार पाऊंगा।
Rj Anand Prajapati
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
कृष्ण मलिक अम्बाला
The steps of our life is like a cup of tea ,
The steps of our life is like a cup of tea ,
Sakshi Tripathi
संवेदना सुप्त हैं
संवेदना सुप्त हैं
Namrata Sona
Loading...