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30 Aug 2018 · 1 min read

पंक्षी तेरे सबल पंख

पंक्षी तेरे सबल पंख
क्यों उडना भूल गया।
लक्ष्य नहीं पर राह बहुत है ।
सीधा चलता बिना बात के
मुडना भूल गया ।
क्यों उडना भूल गया ।
सब साधन तो तन्द्रा क्यों है
घोर निराशा चिंता क्यों है
सबल पांव सीढ़ियाँ सामने
चढना भूल गया ।
क्यों उडना भूल गया ।।
अंधकार यदि छाया है तो
सुखद सबेरा आया है
रजनी तो बीत गई फिर भी
क्यों जगना भूल गया
क्यों उडना भूल गया ।
अपनी शक्ति समझो ध्याओ
चलो प्रगति पथ पर आ जाओ
सब कुछ पास रहा फिर
क्यों बढना भूल गया ।
क्यों उडना भूल गया ।

विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र

1 Like · 280 Views
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