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15 Feb 2024 · 1 min read

ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ

ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ/ ਵਿਨੋਦ ਸਿੱਲਾ

🔶🔷🔶

ਰੁਸ਼ਨਾਉਣਾ ਸੀ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੇ
ਰਾਹ..
ਉਹ ਰਾਹ ਵਿੱਚ
ਸਿਰਫ਼ ਰੋੜੇ ਹੀ ਨਹੀਂ ਅਟਕਾ ਰਹੇ
ਬਲਕਿ ਰਾਹਾਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ
ਖੜ੍ਹੀ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ ਦੀਵਾਰਾਂ।

ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜੁੰਮੇ ਸੀ
ਸੜਕਾਂ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ
ਭਰਨੇ ਸੜਕਾਂ ਦੇ ਖੱਡੇ
ਖੋਦ ਰਹੇ ਹਨ ਖ਼ੁਦ ਸੜਕਾਂ ਨੂੰ।

ਵਾਅਦੇ ਸਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ
ਰਾਹਾਂ ਵਿੱਚ ਪਲਕਾਂ ਵਿਛਾਉਣ ਦੇ
ਰਾਹ ਸੰਵਾਰਨ ਦੀ ਬਜਾਏ
ਉਹ ਸੜਕ ਵਿੱਚ ਠੋਕ ਰਹੇ ਹਨ ਕਿੱਲ।

ਵਾਅਦੇ ਸਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਮੁਤਾਬਕ ਦੇਸ਼ ਚਲਾਉਣ ਦੇ
ਬੰਦ ਕਰਕੇ ਇੰਟਰਨੈੱਟ
ਘੁੱਟ ਰਹੇ ਹਨ ਅਭਿਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਸੰਘ
ਉਨ੍ਹਾਂ ਮੌਲਿਕ ਅਧਿਕਾਰਾਂ ਦਾ
ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਮੌਲਿਕ ਅਧਿਕਾਰਾਂ ਨੂੰ
ਕਿਹਾ ਗਿਆ ਸੀ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ।

⚫🚩⚫
ਹਿੰਦੀ ਮੂਲ : ਵਿਨੋਦ ਸਿੱਲਾ
ਪੰਜਾਬੀ ਅਨੁਵਾਦ : ਗੁਰਮਾਨ ਸੈਣੀ
ਰਾਬਤਾ : 9256346906

Language: Punjabi
1 Like · 66 Views
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