Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2024 · 1 min read

झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा

झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
झूठ ओढ़ते और बिछाते आज के हर इंसान को देखा
दूर दूर तक जहां तलक भी मेरी आज नजर है जाती
चंद सिक्कों में जमीर बेचते आज के हर इंसान को देखा

संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
9425822488

27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Er. Sanjay Shrivastava
View all
You may also like:
बढ़ती हुई समझ
बढ़ती हुई समझ
शेखर सिंह
काकाको यक्ष प्रश्न ( #नेपाली_भाषा)
काकाको यक्ष प्रश्न ( #नेपाली_भाषा)
NEWS AROUND (SAPTARI,PHAKIRA, NEPAL)
बेवफाई की फितरत..
बेवफाई की फितरत..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ऐ जिंदगी तू कब तक?
ऐ जिंदगी तू कब तक?
Taj Mohammad
'मेरे बिना'
'मेरे बिना'
नेहा आज़ाद
अब तक मुकम्मल नहीं हो सका आसमां,
अब तक मुकम्मल नहीं हो सका आसमां,
Anil Mishra Prahari
दोस्ती
दोस्ती
Rajni kapoor
एक एहसास
एक एहसास
Dr fauzia Naseem shad
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
কি?
কি?
Otteri Selvakumar
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
Paras Nath Jha
गुजरा कल हर पल करे,
गुजरा कल हर पल करे,
sushil sarna
होली कान्हा संग
होली कान्हा संग
Kanchan Khanna
हम बच्चे
हम बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2910.*पूर्णिका*
2910.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिता
पिता
Dr Parveen Thakur
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
Sanjay ' शून्य'
फिर झूठे सपने लोगों को दिखा दिया ,
फिर झूठे सपने लोगों को दिखा दिया ,
DrLakshman Jha Parimal
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
Phool gufran
आज के समय में शादियां सिर्फ एक दिखावा बन गई हैं। लोग शादी को
आज के समय में शादियां सिर्फ एक दिखावा बन गई हैं। लोग शादी को
पूर्वार्थ
बुदबुदा कर तो देखो
बुदबुदा कर तो देखो
Mahender Singh
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
गलतियां ही सिखाती हैं
गलतियां ही सिखाती हैं
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तानाशाहों का हश्र
तानाशाहों का हश्र
Shekhar Chandra Mitra
** पर्व दिवाली **
** पर्व दिवाली **
surenderpal vaidya
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
"ओ मेरी लाडो"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...