Vindhya Prakash Mishra 390 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Vindhya Prakash Mishra 22 Jun 2018 · 1 min read विज्ञान की हार जब तक है दूषित पानी हवाओं में प्रदूषण की भरमार विज्ञान की हार है । बढता है तापमान हाफता संसार है विज्ञान की हार है । सत्यता का पता नही... Hindi · कविता 1 212 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Jun 2018 · 1 min read सूरज क्यों गुस्से से लाल सूरज क्यों गुस्से से लाल गर्मी ने पसीने निकाले लाल सूर्य की रश्मिवलियां, कुद्ध दिख रहा क्यों आज दिवाकर , काट दिये जो तरू धरा के, समतल कर दिये जन... Hindi · कविता 1 343 Share Vindhya Prakash Mishra 17 Jun 2018 · 1 min read पिता कैसे जीता है । पितृ दिवस पर- -----------------------------------------' पिता है, उंगलि पकड चलना सिखलाया, सही गलत में भेद सिखाया । बच्चे की खातिर सब कष्ट सह लेता है । वह पिता है । कंधे... Hindi · कविता 1 346 Share Vindhya Prakash Mishra 17 Jun 2018 · 1 min read बादल घुमड घुमड कर बरसो बादल बादल घुमड़ घुमड़ कर बरसो , जन जन में खुशहाली लाओ आवाहन करते हैं पपीहा, वर्षों की तुम प्यास बुझाओ सूखी धरती सूखी नदियां सूख पड़े हैं वृक्ष धरा... Hindi · कविता 1 413 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Jun 2018 · 1 min read सूरज क्यों गुस्से से लाल गर्मी ने पसीने निकाले लाल सूर्य की रश्मिवलियां, कुद्ध दिख रहा क्यों आज दिवाकर , काट दिये जो तरू धरा के, समतल कर दिये जन ने भूधर। पानी दूषित वायु... Hindi · कविता 1 202 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Jun 2018 · 1 min read डायरी से मुलाकात एक दिन मेरी मुलाकात डायरी से हो गई । मेरी मुलाकात शायरी से हो गई । लब्ज शलीका नहीं है शायर सी फिर भी बात कहने की रीति हो गई... Hindi · मुक्तक 1 470 Share Vindhya Prakash Mishra 6 Jun 2018 · 1 min read गुब्बारे मुझे प्यारे हैं । (आज की प्रस्तुति) बाल कविता गुब्बारा --------------------------------- गुब्बारे मुझे प्यारे हैं, रंग बिरंगे छोटे मोटे, कुछ लम्बे कुछ पंक्षी जैसे आसमान में तारे हैं । गुब्बारे मुझे प्यारे हैं ।... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1 503 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Jun 2018 · 1 min read वर्ण विचार हिंदी का है व्याकरण, भाषा के आचार तीन अंग है इसमें वर्ण शब्द वाक्य विचार, वर्ण ध्वनि का रूप है, लिपि इसका आकार। वर्ण अक्षर अविनाशी कहते इसके तीन प्रकार,... Hindi · कविता 2 549 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Jun 2018 · 1 min read इक चांद अकेला । एक चाँद अकेला है, बादल ने घेरा है, रात की बात चली अभी दूर सबेरा है, सुंदरता पर पहरा, लोभी का डेरा है, बंदिश इतनी फिर भी चांदनी बिखेरा है... Hindi · कविता 2 291 Share Vindhya Prakash Mishra 30 May 2018 · 1 min read संघर्ष ऐसा जीवन भी क्या जीवन जिसमें कोई आदर्श ना हो। मिले सफलता भले ही पग पग किंतु नया संघर्ष ना हो। वह जीवन बेकार जिसमें वत्सलता का स्पर्श ना हो... Hindi · कविता 2 400 Share Vindhya Prakash Mishra 29 May 2018 · 1 min read बडा कारसाज होता है भगवान कृति सुंदर है ईश्वर की मानव भी उसकी संतान । जबतक आस्था रहे धर्म पर, नहीं निराश होता इंसान ।। सब अच्छा करता है ईश्वर, यही शब्द आस्था महान ।।... Hindi · कविता 2 829 Share Vindhya Prakash Mishra 26 May 2018 · 1 min read प्यारे घन धरती पर आओ प्यारे घन धरती पर आओ, छन छन बूँद पड़े पृथ्वी पर जन जन में खुशहाली लाओ। मुदित विहंगा चञ्चु फाडकर। गिरती बूँदो से प्यास बुझाओ। मोती सदृश पत्तो से छनकर... Hindi · कविता 2 350 Share Vindhya Prakash Mishra 4 May 2018 · 1 min read व्यंजन गीत क ख ग घ ड़ गाओ। च छ ज झ ञ सुनाओ।। ट ठ ड ढ ण सरल है । त थ द ध न से नल है ।। प... Hindi · कविता 2 368 Share Vindhya Prakash Mishra 3 May 2018 · 1 min read आओ न पास बैठो दिल के तार छेड़ो आओ न पास बैठो, दिल के तार छू लो। कुछ बात हो दिल से दिल की सुंदर विचार ले लो।। कुछ प्रीत झलक जाए कही बात याद आये। मन भर... Hindi · गीत 2 344 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Apr 2018 · 1 min read कर्तव्य कर्तव्य कर रहा हूं करतब नही दिखाना कौशल की कामना है प्रतिभा नही दिखाना कम ही मिला भले ही कम कामना रही है जीवन है छोटा समझो इसको न यूँ... Hindi · कविता 2 334 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Apr 2018 · 1 min read माता जीवन दाता - कविता (माता जीवन दाता) माता जीवन दाता है। माता भाग्य विधाता है। माता से मिलती है सीख माता मे दिखता है ईश। माता से मिलती ममता है। माता से... Hindi · कविता 2 296 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Apr 2018 · 1 min read दोहा गर्मी का मौसम आया, चिलचिल करती धूप। पक्षी पानी को ढूढे, सूख चुके हैं कूप ।। बदल रहा मौसम देखो, मानव का है लोभ हरियाली गायब हुई, बढ गए सबमें... Hindi · दोहा 2 572 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2018 · 1 min read सच कह दूँ पर कौन सुनेगा सच कह दूँ पर कौन सुनेगा? सच में सच का साथ न दोगे कमजोरो को हाथ न दोगे । दोष सिद्ध निर्बल पर होता। सबल पाप करता और सोता। नीर... Hindi · कविता 2 299 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Apr 2018 · 1 min read रिसते रिश्ते जग की है बाते सुनाता सुनो तुम । अनुभव की बाते मिले जो चुनो तुम । कही सच कही झूठ बिकता है लेकिन। दिल की है बाते कभी तो सुनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 308 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Apr 2018 · 1 min read पैसों से मत तोलो मुझे कर्म करू असफल कहलाऊ इसमें क्या है मेरा दोष मैं गरीब से जाना जाऊँ इससे भी न होता रोष। मैं चलते चलते थक जाऊँ इसमें क्या है मेरा दोष ।... Hindi · कविता 2 382 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Apr 2018 · 1 min read अपने -अपने सपने सपने बुनते एक एक कर जैसे कलियां खिलती है । पाकर पानी हवा धूप में खिलती और निखरती है । पर मौसम बदलाव ले आया नीरस पतझड घिर घिर आया... Hindi · कविता 2 232 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Apr 2018 · 1 min read बेवफाई कैसा प्यार कैसी बफाई है । कोई बताए इश्क की कोई दवाई है । मेरे सीने में वफा का रंग है साथी। वह करती प्यार कैसे है। जिसमें बेवफाई और... Hindi · कविता 3 446 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Apr 2018 · 2 min read #सेल्फी # शौक या मनोविकार अगर आप सेल्फी के शौकीन हैं तो पढ़ें मेरा लेख - नारसीसिज्म जिसका अर्थ है आत्म प्रेम- हम इस शब्द की चर्चा क्यों कर रहे हैं । मनोवैज्ञानिक रूप से... Hindi · लेख 2 446 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Mar 2018 · 1 min read गौरेया आंगन के कोनो में आकर ची ची गीत सुनाती थी चावल के दाने पाकर पूरा परिवार बुलाती थी। मीठी मीठी मधुर स्वरों में गुनगुन गीत गाती थी। गौरेया आंगन में... Hindi · कविता 2 393 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Mar 2018 · 1 min read उप चुनाव उ प्र में उप चुनाव उ प्र में सांसद को चुनने की बारी जोर आजमाने लगे सभी दल बदलनी है चौकीदारी भाजपा घमंड में हारी। हाथी हो गई साथी सपा की सायकिल पर... Hindi · कविता 1 516 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Mar 2018 · 1 min read महिला दिवस पर विशेष महिला की हर जगह दिख रही, है समान भागीदारी । जिसकी शक्ति का लोहा। मान चुकी है दुनिया सारी। क्यों कहता नारी पीछे है। नही रही अब अबला बेचारी। कंधा... Hindi · कविता 1 314 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Mar 2018 · 1 min read मंच संचालन में स्वागत सम्मान हेतु पंक्तियाँ मंच संचालन में स्वागत सम्मान हेतु पंक्तियाँ- आप पधारे आंगन हमारे छाई हर ओर खुशहाली है हर्षित हो उठे छात्र सभी जोर बजाते ताली है । जैसे इच्छित वर पाएँ... Hindi · कविता 8 5 15k Share Vindhya Prakash Mishra 3 Mar 2018 · 1 min read [मन कहता नेता बन जाऊँ] मन कहता नेता बन जाऊ। पहनू लम्बा कुर्ता टोपी जोर जोर से मैं चिल्लाऊ। मन कहता नेता बन जाऊँ कोई नहीं पूछेगा पढाई टैक्स नहीं जो होगी कमाई बी आई... Hindi · कविता 1 544 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Mar 2018 · 1 min read होली है नकारात्मक ऊर्जा और बुराई जल कर खाक हो होली में; गली गली हुडदंग मचे सब बच्चों की टोली में जीवन में रंग अंग में रंग, आये आपकी झोली में ।... Hindi · कविता 1 239 Share Vindhya Prakash Mishra 28 Feb 2018 · 1 min read होली खुशियों की झोली रंग में रंगोंली में गीत में बोली में राग में फाग में हर गली हर गाँव में मित्र की टोली में हँसी में ठिठोली में भांग की चहक में गुझियो... Hindi · कविता 1 359 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Feb 2018 · 1 min read राजनीति इतनी प्यारी क्यों है । दुश्मन आँख दिखाया है, सरहद तक चढ आया है , कितनी जाने गयी आज तक कितना लहू बहाया है । हम पूछते देश चलाने वालों राजनीति इतनी प्यारी क्यों है... Hindi · कविता 1 441 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Feb 2018 · 1 min read स्वप्न सजाकर रखो खो जाने दो खोता है जो अपनी पहचान बनाकर रखो। सो जाने दो सोते हैं जो पर स्वप्न सजाकर रखो। कहने दो दुनिया जो कहती मौन साधकर रखो करने दो... Hindi · कविता 1 257 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Feb 2018 · 1 min read जुबान दबाकर बैठे हैं तुम कुछ बोलो सुन लेगे जुबान दबा कर बैठे हैं । उनको मिली जीत मुबारक हमको हार मुबारक है । दर्द दिया जो घाव हरे हैं दवा लगाकर बैठे हैं... Hindi · कविता 1 476 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Feb 2018 · 1 min read बडी गांठ गहरी पडी जो दिल में- गिरने का देखो जमाना हि आया। शेयर गिर रहा है हेयर गिर रहा हैं । समझता था ऊपर चढे वो है गिरते मगर जो है नीचे वही गिर रहे हैं... Hindi · कविता 1 413 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Feb 2018 · 1 min read शिवरात्रि पर विशेष भूत भावन भगवान भोले भंडारी है। भक्तों की इच्छा पूरी करते पुरारी है । जीव जन्तु जो है धरा पर जन्म लिये सबके हैं स्वामी पशुपति नामधारी है । कामरूप... Hindi · कविता 1 281 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Feb 2018 · 1 min read वसंत फैला चारों ओर सुगंध हरा भरा है दिग दिगंत पीली पगड़ी बाँधे दिखती सरसों के फूलों की धरती । यह दृश्य सबको सुख देती इसका कभी न होवे अंत सुखद... Hindi · कविता 1 301 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Feb 2018 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ पढाओ जनजन से आह्वान है । ये काम महान है ये काम महान है । किससे कम है मेरी बेटी चढती है हिमालय की चोटी । करो सदा सम्मान... Hindi · कविता 1 428 Share Vindhya Prakash Mishra 11 Feb 2018 · 1 min read कवि की कविता सोच रहा था लिखूॅ शब्द में मैं अपने एहसास कुछ बातें अनूठी लिख दूँ कुछ बातें हो खास। समझ रहा हूँ एक बात तो, अच्छा लेखन की है आस। स्वयं... Hindi · कविता 2 1 589 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Feb 2018 · 1 min read कोई कैसे कवि बन पाता है तब कोई कवि बन पाता है । आंखो का आशू लुढ़क लुढ़क जब हृदय तक बढ़ आता है अमूर्त बात जब लिपि पाकर कागज पर आ जाता है तब कोई... Hindi · कविता 1 450 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Feb 2018 · 1 min read सीख गिरते गिरते हम चलना सीख गए । कठिन राह था लेकिन निकालना सीख गए । हम चलना सीख गए आदत है बलवान न बदली अपनो को कब छोड़ेगे। वो जलना... Hindi · कविता 1 219 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Feb 2018 · 1 min read शरद सुहावन शरद सुबह है सुखद सुहावन बहती मलय समीर है । कोयल कूके पक्षी गाए बदली बदली तस्वीर है । खेतो में सरसों फूले है बहती मलय समीर है । वसंत... Hindi · कविता 1 483 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Jan 2018 · 1 min read कवि हूँ शब्द बुन रहा हूँ मैं ___________________________________________ कवि हूँ प्रकृति की सुन रहा हूँ मैं । । कुछ मन में गुन रहा हूँ मैं । संवेदनशीलता है मुझमें अधिक कुछ पाने के लिए कपास सा धुन... Hindi · कविता 1 208 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Jan 2018 · 1 min read गणतंत्र भारत माँ के लाल एक हो सुंदर गणतंत्र बनाना है । हम सबको मिलकर देश में तिरंगा फहराना है । जातिवाद धर्म की आड़ में जो बाटे हमें सबक सिखाए... Hindi · कविता 1 208 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Jan 2018 · 1 min read गरीबों को मिलता निवाला कहाँ है तंगी मे काटे है जीवन सदा ही गरीबों को मिलता निवाला कहाँ है । करते क्यो अभिमान धन पर अपने किसी का सदा बोलबाला कहाँ है । बदलते गए सच... Hindi · कविता 1 222 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Jan 2018 · 1 min read ---------नववर्ष 2018 मेरे शब्दों में- ---- नया वर्ष हो नया हर्ष हो नव जीवन हो नया पर्व हो। नयी प्रीति हो नयी रीति हो नयी जीत हो नयी गीत हो। नव संकल्प हो नया विकल्प हो... Hindi · कविता 1 216 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Dec 2017 · 1 min read नया वर्ष हो नये हर्ष हो नया वर्ष हो, नये हर्ष हों हो नई खुशी, नव उत्कर्ष हो नई सुबह हो, नयी शाम हो नई मज़िलें, नए मुकाम हो नए लक्ष्य हों, नए कार्य हो हो... Hindi · कविता 1 458 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Dec 2017 · 1 min read ठंडी भारी है ठंडी का आगमन हुआ कुहरा भारी है। कांप रहा है तन सबका आग से यारी है । कपड़ों से तन ठाक रहे ठंड की तैयारी है । गरम चाय की... Hindi · कविता 1 395 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Dec 2017 · 1 min read क्या शीत उन्हें भी लगती होगी क्रोधाग्नि है जिसका भूषण शीत उसे क्यों लगती होगी । आग उगलते जो जिह्वा से शीत उसे क्यों लगती होगी । सुखी देख कर अपने लोगों को जो जलते क्या... Hindi · कविता 1 513 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Dec 2017 · 1 min read मेरे हाथ में जो तेरा हाथ हो $ मेरी पहली रूमानी कविता $ #--------------------------# #--------------------------# जो मेरे हाथ मे तेरा हाथ हो सारी दौलत ही समझो मेरे पास हो कितनी राते गयी बात स्वप्न तक टिकी मिल... Hindi · कविता 1 554 Share Vindhya Prakash Mishra 9 Dec 2017 · 1 min read कवि हूँ लिखता पढता हूँ । कवि हूँ लिखता पढता हूँ मन के संवेदन को पढता हूँ । मूक भाव को समझ लिपि संग मूर्त भाव दे गढता हूँ । कवि हूँ लिखता पढता हूँ कभी... Hindi · कविता 1 466 Share Previous Page 5 Next