Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2019 · 1 min read

क्या कहना

प्यार करे पर कह न पाए ।
क्या कहना ।
दूर रहे पर रह न पाए
क्या कहना ।
बंद आंखों से देखें उसको।
क्या कहना ।
मन ही मन में चाहे उसको
क्या कहना ।
दिल में स्वप्न सजाए पालें
क्या कहना ।
फिर भी नजर चुराए उससे
क्या कहना ।
बिन उसके रह न पाए क्या कहना ।
पास आने से भी घबराए
क्या कहना ।
#विन्ध्यप्रकाशमिश्रविप्र
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 514 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिस तरह से बिना चाहे ग़म मिल जाते है
जिस तरह से बिना चाहे ग़म मिल जाते है
shabina. Naaz
"किताबें"
Dr. Kishan tandon kranti
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
हैप्पी न्यू ईयर 2024
हैप्पी न्यू ईयर 2024
Shivkumar Bilagrami
रक्षा है उस मूल्य की,
रक्षा है उस मूल्य की,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शहीदे आजम भगत सिंह की जीवन यात्रा
शहीदे आजम भगत सिंह की जीवन यात्रा
Ravi Yadav
हाथों की लकीरों को हम किस्मत मानते हैं।
हाथों की लकीरों को हम किस्मत मानते हैं।
Neeraj Agarwal
देश हमरा  श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
देश हमरा श्रेष्ठ जगत में ,सबका है सम्मान यहाँ,
DrLakshman Jha Parimal
ये जाति और ये मजहब दुकान थोड़ी है।
ये जाति और ये मजहब दुकान थोड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
😊कमाल है😊
😊कमाल है😊
*Author प्रणय प्रभात*
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
Atul "Krishn"
लहरों पर चलता जीवन
लहरों पर चलता जीवन
मनोज कर्ण
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
Harminder Kaur
धारण कर सत् कोयल के गुण
धारण कर सत् कोयल के गुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
कृष्णकांत गुर्जर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
ख़ान इशरत परवेज़
बढ़ती हुई समझ
बढ़ती हुई समझ
शेखर सिंह
जब-जब मेरी क़लम चलती है
जब-जब मेरी क़लम चलती है
Shekhar Chandra Mitra
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फितरत
फितरत
Surya Barman
विराम चिह्न
विराम चिह्न
Neelam Sharma
गल्प इन किश एण्ड मिश
गल्प इन किश एण्ड मिश
प्रेमदास वसु सुरेखा
रात बदरिया...
रात बदरिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
~ हमारे रक्षक~
~ हमारे रक्षक~
करन ''केसरा''
विनय
विनय
Kanchan Khanna
*आया भैया दूज का, पावन यह त्यौहार (कुंडलिया)*
*आया भैया दूज का, पावन यह त्यौहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
3120.*पूर्णिका*
3120.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...