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प्रेम तो हृदय से हृदय का स्पंदन है ।
यह तो आत्मा से आत्मा की अनुभूति है।
यह पूर्णता से समर्पित भाव है।
यह भौतिक जगत से परे दो आत्माओं का अलौकिक मिलन है।
धन्यवाद !

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