Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2020 · 1 min read

चींटी

दिन और रात एक कर देती,
अथक ही चलती जाती है।
श्रम से है पहचान जिसकी,
वह पिपीलिका कहलाती है।
क्या दिन क्या हो रात अंधेरी,
क्या नजदीकी क्या हो दूरी।
मेहनत करती जाती है ,
बस मेहनत करती जाती है ।
सीख लो हे इंसान,
यह नन्ही सी अदना सी जान ।
पर अपने से 50गुना तक ,
भार उठा ले जाती ।
कौन नहीं जानता उसको,
वह पिपीलिका कहलाती है ।
#विन्ध्यप्रकाशमिश्रविप्र

Language: Hindi
2 Comments · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इश्क़ का दामन थामे
इश्क़ का दामन थामे
Surinder blackpen
अब वो मुलाकात कहाँ
अब वो मुलाकात कहाँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सुन लो बच्चों
सुन लो बच्चों
लक्ष्मी सिंह
दिल धोखे में है
दिल धोखे में है
शेखर सिंह
*एक चूहा*
*एक चूहा*
Ghanshyam Poddar
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
माँ
माँ
Dr Archana Gupta
नग मंजुल मन भावे
नग मंजुल मन भावे
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नवयुग का भारत
नवयुग का भारत
AMRESH KUMAR VERMA
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
मेरी मां।
मेरी मां।
Taj Mohammad
राहें भी होगी यूं ही,
राहें भी होगी यूं ही,
Satish Srijan
"हर कोई अपने होते नही"
Yogendra Chaturwedi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
💐प्रेम कौतुक-457💐
💐प्रेम कौतुक-457💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कहां ज़िंदगी का
कहां ज़िंदगी का
Dr fauzia Naseem shad
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
झूठ का अंत
झूठ का अंत
Shyam Sundar Subramanian
गूंजेगा नारा जय भीम का
गूंजेगा नारा जय भीम का
Shekhar Chandra Mitra
बहुत अहमियत होती है लोगों की
बहुत अहमियत होती है लोगों की
शिव प्रताप लोधी
*अनुशासन के पर्याय अध्यापक श्री लाल सिंह जी : शत शत नमन*
*अनुशासन के पर्याय अध्यापक श्री लाल सिंह जी : शत शत नमन*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मन
मन
Sûrëkhâ Rãthí
2991.*पूर्णिका*
2991.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जगन्नाथ रथ यात्रा
जगन्नाथ रथ यात्रा
Pooja Singh
बदलती जिंदगी की राहें
बदलती जिंदगी की राहें
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
पूर्वार्थ
समय सबों को बराबर मिला है ..हमारे हाथों में २४ घंटे रहते हैं
समय सबों को बराबर मिला है ..हमारे हाथों में २४ घंटे रहते हैं
DrLakshman Jha Parimal
Loading...