Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2020 · 1 min read

जख्म हैं कुछ दिनों में भर जाएंगे

है कोरोना बहुत हम भी घर जाएंगे ।
जबतक खतरा रहा न शहर जाएंगे ।
कांपते लोग है घर मे दुबके हुए।
भूख के मारे है ये बेचारे है
पानी पीने से पेट कहाँ भर जाएंगे ।
कुछ मदद तो करो अरे! सरकार तुम
वरना मजदूर ये तो मर जाएंगे ।
है सदा याद रखना जो मददगार हैं
जख्म है कुछ दिनों में भर जाएंगे ।।
है कोरोना बहुत हम भी घर जाएंगे ।
जबतक खतरा रहा न शहर जाएंगे ।
विन्ध्य कहते सुनो सावधान रहो
कोरोना का संकट भी टल जाएंगे ।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 598 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"भीमसार"
Dushyant Kumar
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
Shweta Soni
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
*वरद हस्त सिर पर धरो*..सरस्वती वंदना
*वरद हस्त सिर पर धरो*..सरस्वती वंदना
Poonam Matia
विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस
Paras Nath Jha
THE ANT
THE ANT
SURYA PRAKASH SHARMA
जस गीत
जस गीत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
gurudeenverma198
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर (कुंडलिया)
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
शिकवा ,गिला
शिकवा ,गिला
Dr fauzia Naseem shad
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
पूर्वार्थ
जाग गया है हिन्दुस्तान
जाग गया है हिन्दुस्तान
Bodhisatva kastooriya
🙅आम सूचना🙅
🙅आम सूचना🙅
*प्रणय प्रभात*
नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम
नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम
Shakil Alam
प्यार
प्यार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सारा सिस्टम गलत है
सारा सिस्टम गलत है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"अदृश्य शक्ति"
Ekta chitrangini
रामायण  के  राम  का , पूर्ण हुआ बनवास ।
रामायण के राम का , पूर्ण हुआ बनवास ।
sushil sarna
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
कवि रमेशराज
कुछ काम करो , कुछ काम करो
कुछ काम करो , कुछ काम करो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3119.*पूर्णिका*
3119.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ईमान
ईमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
Sahil Ahmad
शिक्षा ही जीवन है
शिक्षा ही जीवन है
SHAMA PARVEEN
आलेख - प्रेम क्या है?
आलेख - प्रेम क्या है?
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
गरीबी……..
गरीबी……..
Awadhesh Kumar Singh
Loading...