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25 Jun 2025 · 1 min read

*काले-काले बादल*

काले-काले बादल आते,
संग में अपने पानी लाते।
रिमझिम-रिमझिम बूंँद गिराते,
हमारे मन को खूब भाते।।

चारों ओर दिखे पानी,
पक्षी करते हैं मनमानी।
कीचड़ से होती परेशानी,
खेतों को मिल जाता पानी।।

तरह-तरह के बादल आते,
किसानों को भी खूब भाते।
बारिश में हम खूब नहाते,
मेंढक मजे में टर्र टर्राते।।

पेड़ पौधों की हो गई धुलाई,
खड़ी हो गई फसलें मुरझाईं।
चारों ओर छाई हरियाली,
फूल खिले हैं डाली-डाली।।

पशु पक्षी भी खुशी मनाते,
मजे करें बारिश में नहाते।
मछली की आ गई है जान,
कोयल को मिल गया जहांँन।।

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