बाल कविता

चिड़िया की सीख
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एक चिड़िया के बच्चे चार,
भरा पूरा उसका परिवार।
दिनभर चीं-चींं शोर मचाते,
रात को चुप होकर सो जाते।।
चिड़िया जब चुगने को जाती,
पहले सबको पाठ पढ़ाती।
आपस में ना करना राड़,
रखना अपने बंद किवाड़।।
किसी अपरिचित से न कुछ खाना,
न ही उसके साथ में जाना।
बेटा मेरी मानो यह बात,
दुश्मन करता छुपकर घात।।
चिड़िया जब वापस घर आती,
चोच में उनको दाना लाती।
बाॅंट बराबर उन्हें खिलाती,
सब पर अपना प्यार लुटाती।।
~ राजकुमार पाल (राज) ✍🏻
(स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित)