*तितली*

तितली
रंग-बिरंगी आई तितली,
मेरे मन को भायी तितली।
फूलों पर मंडराती तितली,
गुनगुन गीत सुनाती तितली।।
रंग-बिरंगे पंखों वाली,
अपने मन की है मतवाली।
घूमती फिरती डाली-डाली,
लगती ऐसे जैसे माली।।
तितली लगती है महारानी,
बन गईं इस पर खूब कहानी।
करती है तितली मनमानी,
चंचल और दिखे दीवानी।।
मन को मोहने वाली तितली,
कली-कली पर जाती है।
जब जाते हैं इसके पास,
तुरंत यह भाग जाती है।।
तितली लगती प्यारी-प्यारी,
बच्चे करते इससे यारी।
कष्ट में ना हो ये बेचारी,
समझे हम सब जिम्मेदारी।।