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19 Mar 2025 · 1 min read

सीढ़ी बनकर मंज़िल तक पहुंचाया हमने,

सीढ़ी बनकर मंज़िल तक पहुंचाया हमने,
नदी की धार को समुंदर से मिलाया हमने।
किनारा करने लगे हैं, किनारे पर आकर वो
लहरों से टकराना जिन्हें, सिखाया हमने।।

~करन केसरा~

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