दीप
जग मग करता दीप !
बूंद के नीचे सीप !!
सीप में लहराता सागर !
जैसे नटवर नागर !!
नागर और हम !
प्रकाश व तम !
तम मांगे प्रकाश !
तंत्र से जन आस !!
आस लिए वादा !
कृष्ण और राधा !!
राधा चाहे श्याम !
सीता मांगे राम !!
राम हमारा जीवन !
जीवन सुंदर मन !!
मन मस्त राजन !
सावन सा पावन !!
पावन सी ममता !
जोगी जैसे रमता !!
रमता जब जोगी !
मुक्त होता योगी !!
योगी जीवन योग !
सहज सरल तू भोग !!
• विशाल शुक्ल