Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 2 min read

विषय तरंग

विषय तरंग
विधा पद्य
शीर्षक दिल में कोई तुम सा
लेखक डॉ अरूण कुमार शास्त्री

दिल में कोई होता तुम सा तो जीवन सुखमय होता मेरे यार ।
ये सपना पूरा कब होगा ये सब तो है विधि आधीन , सिर्फ मेरा विचार ।

जग में रहकर जग के रूप में न उलझा ऐसा संभव हो सकना मुश्किल ।
जीवन सुखमय तरंग रहित हो व्यतीत ऐसा संभव हो किसका ये मुश्किल ।

तुम कहते हमको मोह माया से क्या लेना देना पर बात नही जचती प्रियवर।
ये काया आसक्ति में लिप्त नहीं ऐसा होना अस्वाभाविक दिलबर।

मैं मानव हूं तुम भी इंसा दोनों के विचार लगभग दिखते समान ।
तुम काम दग्ध मैं काम रहित ये भाव अनोखा दिखता प्रियवर।

अपनी -अपनी संशायें अपनी -अपनी भाषाएं कोई उत्तर दिशा में रहता है कोई दक्षिण दिशा का वासी है।
लेकिन प्रेम वासना ग्रसित सभी वे आवश्यक अति विशिष्ट आभासी है।

मैं जल तरंग से आकर्षित तुम सितार की झंकार माधुरी से मुग्ध हुए ।
पर गीत संगीत की आस्था के हम दोनों ही आसक्त हुए ।

मेरा जीवन सूखा -सूखा तुम आत्मविभोर तृप्ति में रंगे हुए।
मैं सूखी रोटी सा लगता हूं तुम देसी घी में सने हुए।

मुझमें तरंग का अभाव प्रिय मुझमें उत्थान पतन न शुरू हुआ ।
तुम संस्तृप्त सुसंस्कृता लेकिन पूरे भाव में मझे हुए ।

तुम मुस्काते तो पुष्प झड़ें मैं बोलूं तो भी अनाचार।
तुम खट्टे मीठे व्यंजन मिष्ठान्न से मैं बैगन भजिया बिना स्वाद ।

दिल में कोई होता तुम सा तो जीवन सुखमय होता मेरे यार ।
ये सपना पूरा कब होगा ये सब तो है विधि आधीन , सिर्फ मेरा विचार ।

1 Like · 135 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all

You may also like these posts

उम्दा हो चला है चाँद भी अब
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बचपन और गांव
बचपन और गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🙅ऑफर🙅
🙅ऑफर🙅
*प्रणय प्रभात*
जीवन यात्रा हमें सिखाती है कि सबसे बड़ी शक्ति हमारे भीतर निह
जीवन यात्रा हमें सिखाती है कि सबसे बड़ी शक्ति हमारे भीतर निह
पूर्वार्थ देव
"मौत को दावत"
Dr. Kishan tandon kranti
" आत्मविश्वास बनाम अति आत्मविश्वास "
Rati Raj
तीर लफ़्ज़ों के
तीर लफ़्ज़ों के
Dr fauzia Naseem shad
छोटी सी है जिंदगी, कुछ काम की नहीं
छोटी सी है जिंदगी, कुछ काम की नहीं
Suryakant Dwivedi
नेतृत्व
नेतृत्व
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
ख़ता हुई थी
ख़ता हुई थी
हिमांशु Kulshrestha
"वाणी की भाषा": कविता
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बच्चों की परीक्षाएं
बच्चों की परीक्षाएं
Dhirendra Singh
संवेदना
संवेदना
Karuna Bhalla
सन्यासी
सन्यासी
Neeraj Kumar Agarwal
*कविवर श्री सुभाष राहत बरेलवी जी के जन्मदिवस 23 जनवरी पर शुभ
*कविवर श्री सुभाष राहत बरेलवी जी के जन्मदिवस 23 जनवरी पर शुभ
Ravi Prakash
मन की ताकत
मन की ताकत
पूर्वार्थ
गुरु पूर्णिमा का महत्व एवं गुरु पूजन
गुरु पूर्णिमा का महत्व एवं गुरु पूजन
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जय माँ हंसवाहिनी।
जय माँ हंसवाहिनी।
Priya princess panwar
ऋतुराज तेरी जात की..
ऋतुराज तेरी जात की..
TAMANNA BILASPURI
नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
मैंने अब रूठना छोड़ दिया क्योंकि मनाने वाला ही रुठ गया।
मैंने अब रूठना छोड़ दिया क्योंकि मनाने वाला ही रुठ गया।
Aisha mohan
2860.*पूर्णिका*
2860.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चित्रकार
चित्रकार
विशाल शुक्ल
प्यार
प्यार
Sanjay ' शून्य'
राममय जगत
राममय जगत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
प्यार मेरा बना सितारा है --
प्यार मेरा बना सितारा है --
Seema Garg
हे प्रिय
हे प्रिय
कृष्णकांत गुर्जर
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
Kanchan Alok Malu
बीजः एक असीम संभावना...
बीजः एक असीम संभावना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कौन नहीं जानता _
कौन नहीं जानता _
Rajesh vyas
Loading...