ऋतुराज तेरी जात की..

ऋतुराज तेरी जात की..
किस लफ़्ज से शुक्रिया करूँ,
इस रुपहली सौगात की ।
दिन तो दिलवर कट ही जाते,
पूछो न बात तुम रात की ।।
अंग-अंग में भरके तृष्णा,
चल दोगे फिर साल भर ।।।
जानती हैं बेवफाई आँखें,
ऋतुराज तेरी जात की ।।।।
ऋतुराज तेरी जात की..
किस लफ़्ज से शुक्रिया करूँ,
इस रुपहली सौगात की ।
दिन तो दिलवर कट ही जाते,
पूछो न बात तुम रात की ।।
अंग-अंग में भरके तृष्णा,
चल दोगे फिर साल भर ।।।
जानती हैं बेवफाई आँखें,
ऋतुराज तेरी जात की ।।।।