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14 Mar 2025 · 1 min read

ऋतुराज तेरी जात की..

ऋतुराज तेरी जात की..
किस लफ़्ज से शुक्रिया करूँ,
इस रुपहली सौगात की ।
दिन तो दिलवर कट ही जाते,
पूछो न बात तुम रात की ।।
अंग-अंग में भरके तृष्णा,
चल दोगे फिर साल भर ।।।
जानती हैं बेवफाई आँखें,
ऋतुराज तेरी जात की ।।।।

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