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16 Aug 2024 · 1 min read

मेरे गीतों के तुम्हीं अल्फाज़ हो

मेरे गीतों के तुम्हीं अल्फाज़ हो
गूंगे शब्दों की तुम्हीं आवाज़ हो

ज़िंदगी ये प्रीत की है रागिनी
पुष्प सी गंधित सुकोमल कामिनी
इसको गाने का तुम्हीं तो साज हो
मेरे गीतों के तुम्हीं अल्फाज़ हो

जब से दिल मेरा तुम्हारा हो गया
खूबसूरत हर नज़ारा हो गया
सिर्फ तुम ही धड़कनों का राज़ हो
मेरे गीतों के तुम्हीं अल्फाज़ हो

तुम कहानी और तुम उनवान भी
घोलते तुम भाव में हो प्राण भी
कल्पनाओं की तुम्हीं परवाज़ हो
मेरे गीतों के तुम्हीं अल्फाज़ हो

डॉ. अर्चना गुप्ता
16.08.2024

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