*होली है रंगों का त्योहार*

होली है रंगों का त्योहार
होली है रंगों का त्योहार,
बसंत की आयी है बहार।
रंग-बिरंगे फूल और कलियां,
बहती मंद-मंद बयार।।
मेल मिलाप के ये त्योहार,
घर-घर होली का प्रचार।
लोग खेलते घर-घर होली,
पिचकारी से निकल गोली।।
गुलाल रंगों की है भरमार,
चारों ओर रंग ही रंग।
गुलाल उड़ता बजे ढपली,
नशे में टल्ली पीकर भंग।।
गुजियां बर्फी और पकवान,
शराब पीओ न हो हैंवान।
अपना क्यों बेचो ईमान,
शराब नशे से पकड़ो कान।
भुलाओ दुश्मनी गले लगाओ,
होली पर सब एक हो जाओ।
होली का है यह संदेश,
दिलों का धो लो ईर्ष्या-द्वेष।।