******* विदाई गीत **********

******* विदाई गीत **********
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आखों में आँसू संजोए हुऐ,
कर रहें हम तुम्हें खुद से जुदा।
खुश रहो तुम सदा,जहाँ भी रहो,
दे रहें हम तुम्हें ये दिल से दुआ।
सुन्दर बगिया के फूल तुम सभी,
सींचा दिल से तुम्हे ,महको सदा।
यूँ ही फलते हुऐ,आगे बढते हुए,
खूब खुशबू बिखेरो ,यही है दुआ।
जब आए यहाँ बहुत अंजान थे,
भोले मुखड़े खिलते देखें हैं सदा।
हमने दिल से सदा ही संवारा तुम्हें,
महकते रहो ,तुम चमन में सदा।
संग रहते हुए , आगे बढते रहे,
आ गई अब घड़ी,अब होंगे जुदा।
खूब सेवा करो तुम माँ बाप की,
फर्ज मन से निभाते रहो तुम सदा।
पंछियों की तरह नभ छूते रहो,
धुर्व तारे की भांति यूँ चमकों सदा।
मन उदास है,दिल में है खुशी,
दें दिल से दुआ,खुश रहो यूँ सदा।
ज्ञान जो है दिया,काम आए सदा,
जग में बाँटो सदा,यही है रजा।
गिले शिकवे सदा भूल जाना सभी,
मधु यादों को दिल में संजोना सदा।
बीते पल कभी वापिस नहीं आएंगे,
मनसीरत यादों में तुम बसना सदा।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)