माँ..~

जिंदगी की दौड़ में
कुछ लम्हे साथ बिताना रह गए
इस भागा दौड़ी में
मन के धागे भी टूट गए
नन्हे कदमो से लेकर
बड़ी छलांगे
सबमे तेरा हाथ था
और हर मुश्किल में मेरी
तेरा ही साथ था
हज़ारो किस्से और परियो की कहानियाँ में
और दूर कहीं एक दुनिया में
हर वो मेरी नादानी है
कुछ किस्से अधूरे तो कुछ कहानियाँ आधी हैं
-दूर्वा